April 25, 2024

न्यायधानी के शासकीय बालिका गृह में किशोरी से अनाचार..? FSL रिपोर्ट में खुलासा..गारमेन्टस जांच में पाया गया शुक्राणु

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न्यायधानी के शासकीय बालिका गृह में किशोरी से अनाचार..? FSL रिपोर्ट में खुलासा..गारमेन्टस जांच में पाया गया शुक्राणु

बिलासपुर : सरकार के संरक्षण में नूतन चौक स्थित  शासकीय बालिका छात्रावास में रहने वाली नाबालिग किशोरी के साथ अनाचार का मामला सामने आया है। बालिका छात्रावास में रहने के दौरान दैहिक रूप से प्रताड़ित पीडिता के  अन्डरगारमेन्ट्स में मानव शुक्राणु का धब्बा पाया गया है। मामले का खुलासा एफएसएल जांच से हुआ है। जांच के दौरान पाया गया है कि बालिका के साथ शासकीय बालिका गृह में अनाचार हुआ है। पीडिता के वकील ने कोर्ट से निवेदन किया है कि मामले की जांच कर शासकीय बालिका गृह के दोषी अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की की जाए। 


              मामला पुराना है…सिरगिट्टी थाना क्षेत्र निवासी 14 साल की किशोरी का साल 2018 से साल 2021 तक रिटायर्ड पुलिस कर्मचारी ने लगातार दैहिक शोषण किया। शिकायत के बाद किशोरी का पुलिस ने बयान दर्ज किया । डाक्टरी जांच में पाया गया कि नाबालिग के साथ लगातार अनाचार हुआ है। बालिका के बयान और मुलाहिजा रिपोर्ट के बाद आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 और पाक्सो एक्ट का अपराध दर्ज किया गया।  पुलिस ने कोर्ट के आदेश के बाद बालिका को नूतन चौक स्थित शासकीय बालिका गृह के हवाले किया।


                   पुलिस रिपोर्ट और कोर्ट दस्तावेज के अनुसार नाबालिग बालिका 4 फरवरी 2022 को नूतन चौक स्थित शासकीय बाल गृह मे रहती है। कोर्ट के आदेश पर परामर्श प्रतिवेदन 8 फरवरी 2022 को तैयार किया गया। मामले में बाल कल्याण समिति ने 23 फरवरी 2022 को  रिपोर्ट पेश किया। जिसके आधार पर सिरगिट्टी थाना में आरोपी के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया। 
                             बताते चलें कि पीड़िता का मुलाहिजा 24 फरवरी को कराया गया था। डाक्टर ने वेजाइनल स्लाइड्स और अण्डर गारमेन्ट्स को परीक्षण के लिए क्षेत्रीय न्यायलिक विज्ञान प्रयोगशाला भेजा। दो वरिष्ट वैज्ञानिको ने दिए गए दोनो सैम्पल जांच कर एफएसल रिपोर्ट पुलिस के हवाले किया। रिपोर्ट में वैज्ञानिकों ने बताया कि  दोनो सैम्पल 24 अप्रैल 2022  को मिला।  जांच पड़ताल के दौरान पीड़िता के अण्डरगारमेन्टस में मानव शुक्राणु का प्रमाण पाया गया है।
                           रिपोर्ट उजागर होने के बाद पीड़िता की तरफ से वकील ने कोर्ट को बताया कि पीड़िता शासकीय बालिका गृह में रहती है। छात्रावास में पुरूषों का आना जाना पूरी तरह प्रतिबंधित है। बावजूद इसके पीड़िता के अण्डरगारमेन्टस में पुरूष शुक्राणु का धब्बा का पाया जाना छात्रावास की विश्वनीयता पर सवाल खड़ा करता है। इससे यह जाहिर होता है कि शासकीय बालिका छात्रावास में सुनियोजित तरीके से जिम्मेदार लोगों के सरपरस्ती में अनैतिक कार्य को अंजाम दिया जा रहा है।
                                          पीड़िता के वकील ने कोर्ट से निवेदन किया नाबालिग पीड़िता का सबसे पहले समाज के ठेकेदारों ने दैहिक शोषण किया। अब शासकीय छात्रावास में अधिकारियों के संऱक्षण में पीड़िता का दैहिक शोषण किया जा रहा है। मामले की सच्चाई का पता लगाया जाना बहुत जरूरी है। शासकीय बालिका गृह में रहने के दौरान पीड़िता के अण्डरगारेमन्टस में शुक्राणु कहां से आया। सबको पता है कि पीड़िता के अण्डरगारमेन्ट्स में शुक्राणु का धब्बा बिना बलात्कार के संभव नहीं है।  
                                कोर्ट से निवेदन है कि मामले में किशोर न्याय बोर्ड या उचित अधिकारी के मार्गदर्शन में जांच की जरूरत है। जांच से खुलासा हो जाएगा कि आखिर शासकीय बालिका गृह में पीड़िता के साथ अनाचार किसने किया। बालिका गृह में पुरूषों का प्रवेश कैसे संभव हुआ। यह जानते हुए भी कि बालिका छात्रावास की जिम्मेदारी किसी महिला अधिकारी के हवाले है। बावजूद इसके पीड़िता का सरकारी मशीनरी के संरक्षण में अनाचार किया गया। 

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