VIDEO: अरपा नदी में चल रहा है दिन-रात रेत का अवैध उत्खनन का खेल ..रसूखदारों का घिनौना सच……दिन में जपते हैं…..अरपा संरक्षण का माला……रात में चीरते हैं अवैध उत्खनन कर अरपा मैय्या का सीना……संकट में एन एच का पुल कही तुर्काडीह पुल जैसा न हो जाय इस पुल का भी हालात ….. प्रशासन गहरी नींद में
1 min readVIDEO: अरपा नदी में चल रहा है दिन-रात रेत का अवैध उत्खनन का खेल ..रसूखदारों का घिनौना सच……दिन में जपते हैं…..अरपा संरक्षण का माला……रात में चीरते हैं अवैध उत्खनन कर अरपा मैय्या का सीना……संकट में एन एच का पुल कही तुर्काडीह पुल जैसा न हो जाय इस पुल का भी हालात ….. प्रशासन गहरी नींद में
बिलासपुर : अरपा नदी से रेत उत्खनन का सिलसिला थम नहीं रहा है। रेत माफियों ने कार्रवाई से बचने दिन ही नहीं अब रात को भी अधाधुंध रेत का अवैध उत्खनन कर रहे हैं। कुल मिलाकर रेत माफियों ने प्रशासन के नाक में दम कर दिया है। लोगों की माने तो अब वह दिन दूर नहीं जब नेशनल हाइवे पुल की स्थिति भी तुर्काडीह पुल की तरह हो जाए। देर रात अवैध उत्खनन से नेशनल हाइवे पुल का पिलर खतरे में है। बातचीत के दौरान कुछ हाइवा चालकों ने बताया कि जब तक स्थानीय नेताओं का आशीर्वाद रहेगा..रेत का अवैध उत्खनन कभी नहीं रूकेगा। सरकार घाट का टेन्डर निकाले या नहीं निकाले…। घाट मिले या नहीं मिले…लेकिन रसूखदारो के इशारे में रेत उत्खनन का धंधा थमने वाला नही है।
लाख प्रयास के बावजूद अरपा से रेत का अवैध उत्खनन थमने का नाम नहीं ले रहा है। रेत माफिया दिन में खनिज विभाग की कार्यवाही से बचने अब रात्रि में अधाधुंध रेत चोरी के काम को अंजाम दे रहे है। खनिज विभाग के अनुसार कुल 18 रेत घाट में मात्र दो रेत घाट पहंदा और रतखण्डी से ही शासन की ओर से रेत उत्खनन की अनुमति है। बाकी जो भी उत्खनन हो रहा है वह सब अवैध हो रहा है। लेकिन बीती रात देखने में आया कि रसूखदार सफेद पोशों के इशारे पर रेत माफिया सेन्दरी स्थित नेशनल हाइवे पुल के आस पास समेत कछार और लोफन्दी तक अरपा मैय्या का सीना चीर रहे हैं।
राष्ट्रीय जगत विजन की टीम ने जांच पड़ताल के दौरान पाया कि रेत माफिया देर रात
तुर्काडीह, सेन्दरी, कछार और लोफन्दी में देर रात एक साथ व्यापक स्तर पर
जेसीबी और पोकलैंड मशीन लगाकर रेत चोरी को अंजाम देते हैं।
नेशनल हाइवे पुल से रेत भर कर निकले एक हाइवा चालक ने बताया कि रेत उत्खनन कभी भी बन्द नहीं हो सकता है। क्योंकि इस काम में विधानसभा क्षेत्र के सफेद पोशों की भूमिका है
और ओ खुद भी इस रेत के खेल में शामिल हैं। जब तक स्थानीय रसूखदार नेताओं का आशीर्वाद रहेगा..तब तक सेन्दरी, लोफन्दी और कछार ना सही..किसी दूसरी जगह से
भी रेत का अवैध उत्खनन हो
ता रहेगा। हमें सरकारी घाट से मतलब भी नहीं है। जहां चाहेँगे घाट बन जाएगा। हाइवा चालक ने बताया कि अकेले
तुर्काडीह, सेन्दरी, कछार और लोफन्दी से पिछले एक महीने करीब 5000 से
7000 अधिक हाइवा रेत का परिवहन हो चुका है। बाजार में एक हाइवा की कीमत करीब 5 हजार रूपयों से अधिक है। इसमें स्थानीय रसूखदार नेताओं समेत अन्य लोगों का भी हिस्सा होता है। दो एक जगह खुद नेता के रिश्तेदार भी रेत का अवैध उत्खनन कर रहे हैं। ऐसी सूरत में अवैध उत्खनन रूकने का सवाल ही नहीं उठ
ता है।
खतरे में नेशनल हाइवे पुलदेर रात रेत माफिया ज्यादा और अच्छी रेत के लिए नेशनल हाइवे के नीचे पिलर के आस पास अवैध उत्खनन कर रहे हैं। स्थानीय लोगों में लोगो में देर रात भारी भरकम हाइवा के चलने से आक्रोश है। वह दिन दूर नहीं जब नेशनल हाइवे पुल की स्थिति तुर्काडीह पुल जैसी हो जाए। रेत माफियों के कारण ही करोड़ों रूपये से तैयार तुर्काडीह पुल से एक साल के भीतर ही परिवहन को रोक दिया गया था। करोड़ों रूपए खर्च कर पुल को परिवहन लायक बनाया गया। रेत माफिया देर रात सेन्दरी स्थित नेशनल हाइवे के नीचे और आस-पास
लगातार
अवैध उत्खनन कर रहे है। मजेदार बात
यह है
कि इसके लिए वही लोग जिम्मेदार हैं जो उजाले में
सफेद कुर्ता पैजामा पहनकर अरपा संरक्षण का माला जपते हैं। जानकारी देते चलें कि दिखाया जा रहा वीडियो शनिवार देर रात करीब 11 बजे रात्रि का है
।