April 25, 2024

सीएम के प्रमुख सचिव ने इतना प्रताड़ित किया कि महिला आईएएस अफसर को इंसान होने पर शर्म आने लगी, सोशल मीडिया पर पोस्ट वायरल

सीएम के प्रमुख सचिव ने इतना प्रताड़ित किया कि महिला आईएएस अफसर को इंसान होने पर शर्म आने लगी, सोशल मीडिया पर पोस्ट वायरल

भोपाल : हाल ही में एक आईएएस निधि सिंह के बाद एक बार फिर मध्यप्रदेश में एक और महिला आईएएस विवादों में घिर गई हैं। मध्यप्रदेश कैडर की 2011 बैच की आईएएस नेहा मारव्या की व्हाट्सएप पर लिखी पोस्ट से बवाल मच गया है। मारव्या ने महिला आईएएस अधिकारियों के व्हाट्सएप ग्रुप में लिखा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी के पास जब वे पदभार ग्रहण करने गई तो उन्होंने बहुत जलील किया।
इतना ही नहीं, रस्तोगी ने कहा कि वे उनके कमरे में नहीं आए उन्होंने पीए के सामने गेटआउट कहा. साथ ही कहा कि मैंने तुम्हें सुधारने के लिए मेरे अंडर में रखा है । और कोई काम नहीं दूंगा. इसके बाद रस्तोगी ने धमकाते हुए कहा कि – अब मैं तुम्हें देखता हूं. वहीं, मीडिया ने प्रमुख सचिव से इस मुद्दे पर बात की तो उन्होंने कोई भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया और मुंह छुपा कर निकल लिए।

व्हाट्सएप पर मारव्या की आपबीती

‘यह पहला मौका है जब यह ग्रुप में मैं अपनी बात शेयर कर रही हूं. यदि मैंने अब भी शेयर नहीं किया और चुप रही तो महिला, आईएएस और मानव होने के नाते शर्म आएगी। यह ग्रुप महिला आईएएस अधिकारियों का है इस वजह से वे मुझे अच्छे से गाइड कर सकेंगी और मेरी मदद भी कर सकेंगी । मैं मनरेगा में एडिशनल सीईओ के तौर पर पदस्थ थी। मैं 4 जुलाई से 7 जुलाई तक अवकाश पर थी ‌ 7 जुलाई की शाम को मुझे सामान्य प्रशासन विभाग के उप सचिव की ओर से कॉल आया कि मेरा तबादला राजस्व विभाग में उप सचिव के तौर पर कर दिया है। इसके बाद 8 जुलाई को मैं मनरेगा से रिलीव होने पहुंच गई।

वहां से प्रक्रिया पूरी कर वल्लभ भवन पहुंच गई. जब मैं मुख्यमंत्री और राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी के चैंबर में गई तो उन्होंने मुझसे कहा कि मैं उनके चैंबर में नहीं आ सकती हूं। उनके पास मुझे देने के लिए कोई काम भी नहीं है. मैंने तुम्हें सुधारने के लिए मेरे अंडर में रखा है। अब मैं तुम्हें देखता हूं. मैंने जब उनसे अपनी गलती पूछी तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। फिर मुझसे कहा कि मुझे बोलने का कोई हक नहीं है। फिर मैंने उनसे निवेदन किया कि मनरेगा के वाहन से मैं आई थी वो मैनें वापस कर दिया है. लिहाजा, मुझे किसी वाहन से घर भिजवा दें तो उन्होंने वाहन देने से इन्कार कर दिया।

जब मैने उनसे पूछा कि मैं घर कैसे जाउंगी तो उन्होंने बोला कि स्टाफ से पूछ लो कि वो लोग वल्लभ भवन से घर कैसे जाते हैं। इसके बाद उन्होनें अपने पीए को बुलाकर मुझे उसके सामने जलील करते हुए मुझे गेट आउट कहाऋ इसके बाद उप सचिव ने मेरे लिए वाहन उपलब्ध कराने की कोशिश तो प्रमुख सचिव ने उसे भी फटकार लगाकर ऐसा करने से रोक दिया।

अब मुझे क्या इस मामले में चुप रहना चाहिए। जब पीएस के पास मेरे लिए कोई काम नहीं था तो उन्होंने मुझे अपने अंडर में क्यों बुलवाया. क्या उन्होंने मुझे प्रताड़ित करने के लिए रखा है। राजस्व विभाग में मेरे कोई कॉल रिसीव नहीं कर रहा है. न कोई मैसेज के जवाब दे रहा है और न कोई वाहन दिया गया है. वल्लभ भवन के सुरक्षा गार्ड मुझे घर छोड़ने जा रहे हैं. मेरे पास अब कहने के लिए कुछ नहीं बचा है. बहुत दुखद है.’।

रिटायर्ड महिला अधिकारी आई समर्थन में

मारव्या के पोस्ट करने के बाद रिटायर्ड आईएएस अधिकारी रंजना चौधरी भी उनके समर्थन में आ गई है। चौधरी ने मारव्या का साथ देते हुए लिखा कि तुम सही के लिए लड़ाई लड़ो मैं तुम्हारे साथ हूं। वहीं इस मामले में एक अन्य महिला आईएएस अधिकारी जीवी रश्मी ने लिखा है कि इस तरह सोशल मीडिया ग्रुप में यह सब बातें लिखना गलत है।

कोई अधिकारी पदस्थ रहने के लिए तैयार नहीं है

रस्तोगी करीब पांच साल से राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव का काम संभाल रहे हैं। उनके पास मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव का कार्यभार भी है। मारव्या से पहले आईएएस अधिकारी राजेश ओगरे और फिर आईएएस अधिकारी आदित्य सिंह भी उप सचिव राजस्व विभाग से जा चुके हैं। ओगरे को तो अवकाश देने को लेकर जमकर विवाद भी रस्तोगी से हुआ था। इसके बाद ओगरे का एक महीने का वेतन रोक दिया गया था।

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