पास्को,एट्रोसिटी, एवं एनडीपीएस रायपुर के विशेष न्यायाधीश पंकज कुमार सिन्हा का एतिहासिक फैसला : आदिवासी बहनों की हत्या का मामला मे, दो आरोपियों को दोहरे आजीवन कारावास की सजा…..…..
एट्रोसिटी मामलों के विशेष न्यायाधीश पंकज कुमार सिन्हा ने दो सगी आदिवासी बहनों की निर्मम हत्या मामले में एतिहासिक फैसला सुनाया है। कोर्ट ने दो आरोपियों को दो दो आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। टिकरापारा थाना क्षेत्र में 10 दिसंबर 2019 में मंजू सिदार और उसकी बहन मनीषा की हत्या करने वाले आरोपी शोएब अमहद उर्फ सैफ और गुलाम मुस्तफा दोनों को यह दोहरी सजा भुगतनी होगी।
बता दें की शोएब अहमद और मंजू पति पत्नी थे, शोएब ने मंजु की अतरंग तस्वीरें सोशल मीडिया में पोस्ट कर दी थी। जिसका शिकायत मंजु के पिता ने पुलिस से की, इससे नाराज होकर शोएब अमहद ने अपने साथी गुलाम मुस्तफा के साथ मंजु सिदार और उसकी बहन मनीषा की हत्या कर दी। इस मामले में टिकरापारा थाना पुलिस ने शोएब, गुलाम मुस्तफा और एक नाबालिग को गिरफ्तार किया था।
दरअसल हुआ क्या था
10 दिसंबर 2019 को दो बहनों की हत्या करने के मामले में जांजगीर चांपा निवासी एक नाबालिग सहित तीन आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। मुख्य आरोपी शोएब अहमद अंसारी (25) उर्फ सैफ पिता इकबाल अंसारी निवासी बोइरदादर (रायगढ़), गुलाम मुस्तफा (18) पिता शेख अब्दुल निवासी चांदमारी कोतवाली, रायगढ़ को गिरफतार किया था। एसएसपी आरिफ शेख ने हत्याकांड का प्रेसवार्ता में खुलासा करते हुए बताया था कि टिकरापारा के मोती नगर के गोदावरी नगर में एक निजी हॉस्टल में रहकर नर्सिंग की पढ़ाई कर रही दो बहनों की निर्ममतापूर्वक हत्या कर दी गई थी। हमलावरों ने दोनों बहनों पर तवे से ताबड़तोड़ वार किया था। शोर सुनकर हॉस्टल के अन्य कमरे में रहने वाली छात्राओं ने घटना की जानकारी हॉस्टल मालिक इंद्रचंद साहू को दी। जब वह मौके पर पहुंचे तो दो हमलावर उस समय कमरे में ही मौजूद थे। उन्हें देखते ही वे दरवाजा खोलकर धक्का मारकर भाग निकले। दोनों हमलावर युवतियों से मिलने के लिए कमरे में पहुंचे थे।
मकान मालिक ने आसपास के लोगों की मदद से घायल बहनों को आंबेडकर अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। पुलिस सीसीटीवी कैमरे में कैद आरोपितों के हुलिया के आधार पर धरपकड़ के लिए निरंतर प्रयास कर रही थी। इस बीच तीनों आरोपी सतना से पकड़े गए। मृतका मंजू सिदार से सैफ ने कोर्ट में शादी की थी। दोनों के बीच अनबन इस हत्याकांड का कारण बना।
मंगलवार 10 दिसंबर की सुबह मनीषा कॉलेज जाने के लिए तैयार होकर खाना खाने के लिए बैठी थी, तभी कमरे में दो लड़के मिलने आए। टिकटॉक पर किसी युवक के साथ वीडियो डालने पर युवक विवाद करने लगा। इसी दौरान बहस बढ़ने पर दोनों बहनों से विवाद इतना बढ़ा कि युवकों ने रोटी बनाने वाले लोहे के तवे से मनीषा के सिर पर ताबड़तोड़ वार कर दिया। बहन को बचाने, तवा छीनने की कोशिश और झूमाझपटी के दौरान मंजूलता पर भी युवकों ने वार कर दिया। इससे दोनों बहनों की मौत हो गई थी। जिसमें आज एतिहासिक फैसला विशेष न्यायालय ने सुनाया है। वैसे भी जज साहब सख्त मिजाज और कठोर फैसले के लिए जाने जाते हैं।