कुसुम प्लांट हादसे में अब तक रेस्क्यू ऑपरेशन जारी, सामने आया प्रबंधन की लापरवाही से हुआ यह हादसा
मुंगेली : सरगांव इलाके के कुसुम प्लांट हादसे में अब तक रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। बता दें कि, 18 घंटे से ज्यादा समय से रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है। साइलो के मलबे को हटाने का काम किया जा रहा है। मिली जानकारी के मुताबिक, मलबे को हटाने के लिए हैवी क्रेन मंगाया गया है। वहीं, मलबे में कई मजदूरों के दबे होने की आशंका जताई जा रही है। बता दें कि, कुसुम प्लांट हादसे में 9 मजदूर की मौत हो चुकी है। वहीं, एक घायल मजदूर का इलाज जारी है।
यह घटना प्रबंधन की लापरवाही से हुआ है सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पहले यहां मछली पालन हेतु तालाब बना हुआ था जिसकी वजह से जमीन दलदल हो चुकी थी जिस पर मुरूम फीलिंग कर यह पुरा प्लांट खड़ा किया गया है पर नीचे की जमीन अभी भी गिला है पुरी तरह से नहीं सुखा है साथ ही कंपनी के द्वारा जो मशीनें लगी है उसका साफ सफाई मेनटेनेंस नहीं किया जा रहा था जिसकी वज़ह से यह बड़ा हादसा हुआ है अब साथ में यह भी देखना होगा की मजदूरों का इंश्योरेंस कंपनी ने कराया था की नहीं उनका पी एफ कट रहा है की नहीं यह सब जांच का विषय है पर प्रबंधन का हर जगह इसी तरह से लापरवाही सामने आ रही है ये वही लोग हैं जिनके बारे में अभी कुछ दिनों से रायपुर के कालेज की जमीन को ग़लत तरीके से शासन से एलाट कराने जिस पर कमीशनर रायपुर ने शासन को रिपोर्ट भेजा है हिंद एनर्जी जिनके ऊपर आदीवासी की जमीन को लेकर आरोप, और इच्छा मृत्यु मांगने न्याय दिलाने की शिकाय संबंधित समाचार कुछ दिनों से चल रही है, मैग्नेटो माल जिसमें तालाब को पाट कर बनाया गया है। यह सभी डायरेक्टर हैं सतीश अग्रवाल, आदित्य अग्रवाल, राजेश अग्रवाल सभी एक दूसरे में डायरेक्टर हैं, और यह प्लांट सतीश अग्रवाल की मां कुसुंम जी के नाम पर है।
कुसुम प्लांट हादसा मामले में क्षेत्र के सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू का बयान सामने आया है।उन्होंने इस हादसे पर दुख जताते हुए मृतक के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की। साथ ही घायलों के इलाज और जो मजदूर अभी भी मलबे में फंसे हुए हैं। उनके बचाव के लिए किए जा रहे कार्यों की लगातार मॉनिटरिंग और कलेक्टर, एसपी से लगातार संपर्क में होने की बात कही। साथ ही केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू ने कहा कि, इस हादसे की सरकार गहन जांच करेगी और इस मामले में जो भी दोषी होगा उसे बख्शा नहीं जाएगा।
जिला मुंगेली सरगांव में ग्राम पंचायत रामबोड़ स्थित कुसुम प्लांट में जिला प्रशासन द्वारा रेस्क्यू का कार्य रात भर से अनवरत जारी है। एस डी आर एफ, एन डी आर एफ, की टीम द्वारा मुस्तैदी से कार्य किया जा रहा है। हैवी क्रेन के जरिए साइलो हटाने का कार्य किया जा रहा है। कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक, जिला सी ई ओ मौके पर उपस्थित होकर घटना पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। साइलो ( कंटेनर) के सब स्ट्रक्चर हटाने का काम पूरा कर लिया गया है। आवश्यक सभी मशीनरी मौके पर आ चुकी है। जल्द से जल्द रेस्क्यू का काम पूरा कर लिया जाएगा।
गुरूवार की दोपहर जब मुंगेली और बिलासपुर जिला प्रशासन मुख्यमंत्री साय के दौरा कार्यक्रम के प्रबंधन में व्यस्त था। ठीक उसी समय जानकारी मिली कि मुंगेली जिले के सरगांव स्थित रामबोड़ में स्पंज आयरन प्लान्ट में बड़ा हादसा हो गया है। हादसे में कुछ मजदूरों की मौत हो गयी है। घटना की जानकारी मिलते ही मुंगेली जिला प्रशासन मौके पर पहुंच गया। छानबीन के दौरान और प्रबंधन समेत स्थानीय लोगों से हादसे की जानकारी मिली। सूत्र ने बताया कि हमेशा की तरह स्पंज आयरन से राख का उत्पादन भी होता है। गुरूवार को दोपहर करीब एक बजे डम्पर में आटोमेटिक कन्टेनर से राख भरने का काम किया जा रहा था। ठीक इसी दौरान ऐस सायलो यानी राख कन्टेनर से भारी मात्रा में राख का पहाड़ नीचे स्थित डम्पर और काम करने वाले मजदूरों पर गिर गया। और इसके बाद क्षेत्र में राख का गुबार ही गुबार देखने को मिला। हादसे की जानकारी के बाद लोगों ने घटना स्थल की तरफ दौडने लगे। तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
एक मजदूर की मौत तीन गायब प्रबंधन के कुछ कर्मचारियों ने बताया कि स्पंज आयरन का बाय प्रोडक्ट राख का हमेशा उत्पादन होता है। हमेशा की तरह एक डम्पर राख के कन्टेनर के नीचे खड़ा हुआ। कन्टेनर में राख की क्षमता करीब 120 टन है। कुछ की माने तो 80 टन है। नीचे डम्पर रखने के बाद मजदूर ने धीरे धीरे खोलने के वजाय तेजी से नोजल खोल दिया। इसके अन्य मजदूर दूसरा काम कर रहे थे। यकायक नोजल खुलने से एक साथ करीब 80 से 120 राख सीधे मजदूरों और डम्पर पर गिरा। डम्पर का इंजन दूर जाकर गिरा। जबकि कुल चार मजदूर राख के ढेर में समा गए। इसमें एक मजदूर को किसी तरह बाहर निकाला गया और आनन फानन में श्री केयर अस्पताल में भर्ती कराया गकया। तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। मृतक मजदूर का नाम मनोज है और दगोरी का रहने वाला है। इसी दौरान जानकारी मिली कि तीन मजदूर गायब है। और तीनों इस समय राख के पहाड़ में दबे है। बहरहाल कल से आज सुबह तक जिला प्रशासन का रेस्क्यू अभियान जारी है। और गायब तीनों मजदूरों का पता लगाया जा रहा है। खबर लिखे जाने तक युद्ध स्तर पर राख हटाने का काम किया जा रहा है।
पांच मालिक और मैनेजर
जानकारी देते चलें कि कुसुम स्मेल्टर प्लान्ट रामबोड़ में स्थित है। प्रारम्भिक जानकारी के अनुसार फर्म का मालिकाना अधिकार आदित्य अग्रवाल समेत पांच लोगों के पास है। अन्य चार मालिकों में दो का नाम विशाल और सतीश अग्रवाल है। पांचो पार्टनर फिलहाल गायब हैं। घटना के बाद प्लान्ट मैनेजर अमित केड़िया भी फरार है।
हम आपको बताते चलें कि ग्रामीण क्षेत्र में होने के कारण प्लान्ट की सुरक्षा को लेकर ना तो जिला प्रशासन सजग है। और ना ही उद्योग विभाग ने कभी गंभीरता दिखाया है। सूत्र की माने तो प्लान्ट का संचालन भारी लापरवाही के साथ किया जा रहा था। मजदूरों की स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर प्लांट प्रबंधन पूरी तरह से लापरवाह है। अकुशल मजदूरों से प्लान्ट का काम कराया जाता है। प्रबंधन पर जब तब आर्थिक और मानसिक शोषण का आरोप लगा है। प्लान्ट में सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवा की सुविधा है नहीं। बावजूद इसके प्रशासन ने शिकायतों और आरोपो को कभी गंभीरता से नहीं लिया। यदि लिया जाता तो शायद भयंकर हादसे को टाला जा सकता था।
मुख्यमंत्री ने दिया आदेश
हादसे की जानकारी के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जिला मुंगेली प्रशासन समेत बिलासपुर प्रशासन को जरूरी निर्देश दिया। मामले में पड़ताल करने को कहा है। दोषियों के खिलाफ सक्त कार्यवाही किए जाने की बात कही है। हादसे में प्रभावित मजदूरों को लेकर दुख जाहिर किया है। उन्होने प्रशासन को मुआवजा समेत अन्य गतिविधियों को भी गंभीरता से लेने को कहा है।