पुलिस की नूरा कुश्ती खेल…सिविल गुंडों की संपत्ति राजसात…पुलिस कप्तान बताएं..बर्खास्त वर्दीधारी बदमाशों की संपत्ति की कब करेंगे कुर्क..
इन्ड टू इन्ड इन्वेस्टिगेशन का सच..बर्खास्त पुलिस जवानों को सुरक्षा क्यों…?
बिलासपुर : एक दिन पहले पुलिस प्रशासन के आलाधिकारियों ने खासकर आईजी डॉ.संजीव शुक्ला और पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह ने बीते साल की अपराध के खिलाफ की गयी कार्यवाही और उपलब्धियों का पत्रकारों के सामने लेखा जोखा पेश किया। दोनो अधिकारियों ने इन्ड टू इन्ड इन्वेस्टिगेशन की जानकारी पत्रकारों को दी। मकहमें की जमकर तारीफ की। अधिकारियों ने सवाल जवाब के दौरान बताया कि नशे और आनलाइन ठगी के खिलाफ विशेष अभियान चलाकर दर्जनों अपराधियों को जेल दाखिल कराया गया है। जांच पड़ताल के बाद सभी अपराधियों की संपत्ति को कुर्क किया गया है। एसपी और आईजी ने जानकारी दी कि अपराधियों को मदद करने वाले वर्दीधारियों को बर्खास्त और निलंबित किया गया है। निलंबित किए किए वर्दीधारियों की जांच पडताल हो रही है। इन सबसे अलग जनता का सवाल पुलिस कप्तान से जानना चाहती है कि गुंडा बदमाशों से मिली भगत कर करोड़ों की संपत्ति बनाने वाले बर्खास्त और निलंबित वर्दीधारियों की संपत्ति कब कुर्क करेंगे। या फिर पुलिस कप्तान वर्दीधारी बदमाशों की सुरक्षा कवच बनकर सिर्फ सिविल बदमाशों के खिलाफ ही कठोर कार्यवाही करेंगे।
पुलिस ने पेश किया लेखा जोखा एक दिन पहले पुलिस महानिरीक्षक डॉ.संजीव शुक्ला और
पुलिस कप्तान रजनेश सिंह ने बीते एक साल की पुलिस उपलब्धियों को बड़े ही चाव से पत्रकारों के सामने पेश किया। दोनो अधिकारियों ने गुण्डा बदमाशों के खिलाफ की गयी कार्रवाई को लेकर विभाग की पीठ थपथपाई। आईजी और एसपी ने बताया कि गौ तस्ककरी करने वाले उत्तर प्रदेश के दुर्दान्त अपराधियों को मुठभेड़ के बाद कारागार भेजा गया है। खासकर एनडीपीएस और आन लाइन ठगी मामले में करोड़ों की संपत्ति बरामद कर देश के कोने कोने से आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
दिखावा या गंभीरता इस
दौरान जिला और संभाग पुलिस महकमा प्रमुखों ने बताया कि अपराधियों का साथ देने वाले और अपराध से संपत्ति बनाने वाले एक दर्जन से अधिक वर्दीधारियों को बर्खास्त और निलंबित किया गया है। इसके अलावा कोर्ट की मदद से एनडीपीएस के ऐसे अपराधियों की संपत्ति को राजसात किया गया है। जिनकी मदद वर्दी पहनने वालों ने कानून को ताक पर रख किया है।
वर्दीधारी बदमाशों को पुलिस कवच
पुलिस प्रेस वार्ता को लेकर जनता में जमकर चर्चा है। सवाल उठने लगा है कि बदमाशों और अपराधियों के सहयोग से करोड़ों की संपत्ति बनाने वाले वर्दीधारी बदमाश और गुंडों की सपत्ति पुलिस कप्तान कब कुर्क करेंगे। प्रेस वार्ता में पुलिस कप्तान ने स्पष्ट किया है कि बदमाशों के साथ नशे का अपराध करने वाले वर्दीधारियों को बर्खास्त किया गया है। जबकि पुलिस कप्तान को मालूम है कि निलंबित और बर्खास्त वर्दीधारियों ने एनडीपीएस अपराधियों के साथ मिलकर जमकर अवैध संपत्ति बनाया है। कई के पास तो असबाब चल अचल सम्पत्ति है। बावजूद इसके कानून तोड़ने वाले वर्धीधारियों को विशेष सुरक्षा देकर बचाया जा रहा है। लोगों की मानें तो पुलिस का काम हमेशा दोहरा चरित्र वाला होता है। उसका उदाहरण आज सबके सामने है। गिरफ्तार सिविल बदमाशों की संपत्ति को राजसात किया जा रहा है। बर्खास्त पुलिस वालों की संपत्ति को विशेष सुरक्षा दी जा रही है। सवाल उठता है कि क्या कानून तोड़कर बदमाशों के साथ अवैध सम्पत्ति बनाने वाले वर्दीधारियों को विशेष अधिकार हासिल है। महकमें के आलाधिकारी दोषी वर्दीधारियों की संपत्ति को सुरक्षा कवच दे रहे हैं।
नूरा कुश्ती का खेल
जनता की माने तो सिविल अपराधी और वर्दीधारी अपराधियों के लिए देश और पुलिस महकमें में शायद एक ही कानून है। यदि पुलिस को अपनी छवि की चिंता है तो वर्दीधारी बदमाशों की संपत्ति को सुरक्षा देने की वजाय कुर्क करे। कार्रवाई कर लोगों को बताये कि किसी भी स्तर के अपराधियों का एक ही उपचार है। सिर्फ निलंबन की कार्रवाई से कुछ होना जाना नहीं है। अन्यथा इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि पुलिस प्रशासन अपने लोगों को बचाने के लिए बर्खास्तगी और निलंबन कार्रवाई कर नूरा कुश्ती का खेल खेल रहा है। यदि नहीं तो बर्खास्त,निलंबित दोषी वर्दीधारियो की संपत्ति कुर्क करे। जनता को अहसास कराए कि कानून सबके लिए एक है।