April 30, 2024

चर्चित हिस्ट्रीशीटर संजू त्रिपाठी हत्याकांड में आया नया अपडेट मनमानी और अत्याचार से तंग आकर परिवारवालों ने ही कराई संजू की हत्या,पिता,भाई सहित एक अन्य नाम शामिल..

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चर्चित हिस्ट्रीशीटर संजू त्रिपाठी हत्याकांड में आया नया अपडेट मनमानी और अत्याचार से तंग आकर परिवारवालों ने ही कराई संजू की हत्या,पिता,भाई सहित एक अन्य नाम शामिल..

छत्तीसगढ़ : बिलासपुर के हिस्ट्रीशीटर कुख्यात बदमाश और कांग्रेस नेता संजू त्रिपाठी की हत्या की साजिश में उसके पिता जय नारायण त्रिपाठी, भाई कपिल त्रिपाठी, गोद ली हुई बेटी के पति भरत तिवारी का नाम सामने आ रहा है। पुलिस के मुताबिक यह हत्या संजू की मनमानी और अत्याचार से तंग आकर परिवारवालों ने ही कराई है। फिलहाल इस हत्याकांड के शूटर्स, मुख्य आरोपी कपिल त्रिपाठी पुलिस पकड़ से दूर है,लेकिन साजिश में शामिल कुछ लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है,वही बताया जा रहा है कि इस चर्चित कांड का पुलिस अधिकारिक खुलासा जल्द ही कर सकती हैं..

कई अपराधिक मामलों के आरोपी, नामी बदमाश संजू त्रिपाठी की बुधवार शाम सकरी बाईपास चौक में गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके बाद से पुलिस मामले की जांच में लगी थी। उसके छोटे भाई कपिल से उसकी दुश्मनी जाहिर थी, इसलिए सबसे पहले शक उस पर गया। कपिल फरार है और यह तय हो गया कि उसने ही हत्या की साजिश रची और बाहर से शूटर बुलवाए। पुलिस ने संजू के पिता, कपिल के साले और कई लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया था। तीन दिन की लंबी पूछताछ, मोबाइल में मिली वाइस रिकार्डिंग, कॉल हिस्ट्री, कई लोगों के बयानों के बाद हत्या की जो कहानी सामने आई है वह रिश्तों को तारतार करने वाली है..

पुलिस के मुताबिक एक ही महिला से पिता और पुत्र के थे संबंध

जयनारायण त्रिपाठी की गुंडागर्दी देखकर उसका बड़ा बेटा संजू भी अपराध की दुनिया में आ गया। उसने 16 साल की उम्र में एक 13 साल के छात्र को बेरहमी से मारा और उससे पैसे लूट लिए। इसके बाद उसका आतंक बढ़ता चला गया। पुलिस के मुताबिक संजू ने एक दिन अपने बाप और मुंहबोली बहन को आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया था। इसके बाद उसने भी अपनी मुंह बोली बहन से जबरदस्ती करनी शुरू कर दी। जैसे-जैसे वह बड़ा होने लगा, लोगों की जमीनों पर कब्जे करना, ब्याज का धंधा करना, अवैध वसूली से पैसे आने लगा जिससे उसका आतंक बढ़ने लगा। अब वह घर की सभी जमीनों, मकानों पर अपना कब्जा जमाना चाहता था। बताया जाता है कि उसका अत्याचार इतना बढ़ गया था कि शादी के बाद वह मुंहबोली बहन के पति को भगाकर जबरदस्ती करता था। उसने अपने पिता पर भी कई बार हाथ उठाया, जयनारायण उसके डर से कुछ बोल नहीं सकता था। इसी दौरान कपिल जवान हुआ तो वह भी संजू के साथ अपराध करने लगा। दोनों पर अनुपपुर, शहडोल में दो युवकों को जलाकर मार डालने का आरोप भी लगा था और दोनों भाई जेल भी गए। बाद में साक्ष्य के अभाव में दोनों शहडोल के न्यायालय से छूट गए..

दोनों भाइयों के बीच पहले दोस्ती फिर हुआ दुश्मनी

जयनारायण संजू के अत्याचार के कारण अपने छोटे बेटे कपिल को ज्यादा चाहता था,उसने अपनी कुछ जमीनों को कपिल के नाम करने की बात की,इससे संजू चिढ़ गया,कपिल अब अलग जमीनों का काम और रंगदारी कर रहा था,उसने घुरू-अमेरी इलाके में अपना मकान बना लिया था और अपने लोग बना लिए थे,इससे भी संजू चिढ़ने लगा,मई से पहले एक जमीन में दोनों भाई आमने-सामने हो गए,यह विवाद गहरा गया,इसी मामले में समझौता करने संजू ने कपिल को घर बुलाया और उसके सिर पर फरसा मार दिया,इसके बाद दोनों एक दूसरे के खून के प्यासे हो गए,जयनारायण और परिवार के लोग कपिल की ओर थे..

गोरखपुर से नेपाल निकलने की प्लानिंग

मोबाइल पर कपिल और जयनारायण की जो ऑडियो क्लिप मिली है,उसमें सभी बातें क्लीयर है,जब संजू के खिलाफ दर्ज 307 की धारा खारिज हो गई तो यह तय हो गया कि वह बहुत समय तक जेल में नहीं रहेगा,इसके बाद कपिल और जयनारायण ने शूटर बुलाकर उसकी हत्या का प्लान कर लिया,दोनों की बातचीत में हत्या के बाद शूटर्स के, कपिल के भाग जाने का रास्ता, जयनारायण के यहीं रहने का प्लान, भरत तिवारी के शामिल होने का प्लान सब कुछ है,एक क्लिप में कपिल, जयनारायण से कह रहा है कि गोरखपुर की ओर जाने में खतरा है क्योंकि पुलिस जानती है कि गोरखपुर आपका शहर है,बातचीत में वहां से नेपाल जाने का भी जिक्र है

जिस गाड़ी से भागे शूटर वह अमरकंटक में मिली.

पुलिस अफसरों ने बताया कि शूटर भरनी-परसदा के पोड़ी के पास वारदात में उपयोग की गई कार को छोड़कर दूसरी गाड़ी से फरार हुए थे। पुलिस ने संदेहियों से पूछताछ के बाद शूटर्स को लेकर जाने वाली दूसरी गाड़ी को भी बरामद कर लिया है। कार मध्यप्रदेश के अमरकंटक में मिली है,जिसे पुलिस ने जब्त किया है,बताया जा रहा है कि शूटर को लेकर जाने के लिए वाहन उपलब्ध कराने वाले युवक को भी पुलिस ने पकड़ लिया है..

श्रीवास नाम का दोस्त और एक मेडिकल स्टोर संचालक भी सहयोगी

हैरानी की बात है कि पुलिस ने खुद खुलासा किया है कि संजू त्रिपाठी की हत्या की एक माह से प्लानिंग चल रही थी,इस वारदात को अंजाम देने के लिए बाहर से शूटर बुलाए गए थे। इनके कपिल के अमेरी स्थित मकान में रुकने के सबूत मिल चुके हैं,पुलिस को जानकारी मिली है कि हत्यारे यूपी-एमपी के हैं,वारदात कर उसी तरफ भागे हैं,कपिल के साथ उसके एक श्रीवास नाम के दोस्त के साथ होने की जानकारी भी है,शूटर को हायर करने से लेकर शूटर्स को भगाने तक की साजिश रचने में दर्जन भर से अधिक लोगों के नाम हैं,इसमें मुंगेली नाका इलाके के एक मेडिकल स्टोर संचालक का भी नाम सामने आ रहा है..

कारोबार में हस्तक्षेप और वर्चस्व की लड़ाई से बढ़ी दूरियां

संजू त्रिपाठी से शहर के कारोबारियों से भी व्यापारिक संबंध था। दरअसल, वह कारोबारियों को संरक्षण देने के नाम पर डील करता था और उनसे एग्रीमेंट करा लेता था। शहर के एक चर्चित मोबाइल कारोबारी से भी संजू त्रिपाठी के बीच लेनदेन को लेकर विवाद था। संजू के साथ मिलकर काम करते-करते उसका कारोबार बंद हो गया। लेकिन, उसकी आड़ में संजू ने लाखों की कमाई की। इसी दौरान उसका भाई कपिल त्रिपाठी भी अपना अलग डील करने लगा था। ऐसे में संजू को लगा कि वह उसके कारोबार में हस्तक्षेप कर रहा है और उसके वर्चस्व को कम करना चाहता है। यहीं से उनके बीच मनमुटाव शुरू हुआ और फिर दूरियां बढ़ने लगी

कपिल त्रिपाठी की अपराधिक कुण्डली

पुलिस के अनुसार हिस्ट्रीशीटर कपिल त्रिपाठी आदतन बदमाश है। फरार कपिल के खिलाफ सिविल लाइन थाना में 13 से अधिक मामलों में अपराध दर्ज है। आरोपी के खिलाफ पहला अपराध 2003 में आईपीसी की धारा 341, 323, और 34 का अपराध दर्ज किया गया। साल 2022 में 13वां अपराध आईपीसी की धारा 323, 294, 506, 324 और 34 के तहत अपराज पंजीकृत हुआ है। साल 2003 में ही 324 और 34 के दो अलग अलग मामले में अपराध दर्ज हुआ है। साल 2004 में अलग अलग मामले में 147,452, 323, 294, 506, 34 341, का अपराध दर्ज हुआ है। पुलिस के अनुसार साल 2005 में 294, 506बी,323,341,324, और 34 के तहत प्रकरण कायम किया गया है। साल 2007 में तीन अलग अलग अपराध में 294, 506, 323,34 का अपराध दर्ज हुआ है। इसके अलावा साल 2010 में कपिल त्रिपाठी 294, 506बी, और 34 के तहत आरोपी है। साल 2022 में सिविल लाइन पुलिस ने कपिल के खिलाफ 294, 323, 506, 323 और 34 का अपराध दर्ज किया है।

जय नारायण त्रिपाठी का आपराधिक कुंडली

कुदुदंड निवासी जय नारायण त्रिपाठी का पूरा परिवार अपराधिक क्रियाकलाप में घिरा हुआ है। कुख्यात संजू त्रिपाठी का पिता जय नारायण त्रिपाठी भी बाहर से शूटर बुलाकर कई बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया है। कई घटनाएं फाइलों में दबी पड़ी है। 28 सितंबर 1991 में दुर्ग में घटित श्रमिक नेता शंकर गुहा नियोगी की हत्या में भी जय नारायण त्रिपाठी की महत्वपूर्ण भूमिका रही। प्रकरण सीबीआई को सौंपा गया था। सीबीआई को पता चल गया था कि शंकर गुहा नियोगी की हत्या गोरखपुर के शूटर पल्टन मल्लाह ने अंजाम दिया था। सीबीआई पूरे हिंदुस्तान में शूटर पल्टन मल्लाह की तलाश कर रही थी। इसी बीच सीबीआई को पता चला की पल्टन मल्लाह बिलासपुर के कुडुदंड में कहीं छुपा हुआ है। सीबीआई के स्पेशल क्राइम टू के एडिशनल एसपी एसके शर्मा की टीम बिलासपुर पहुंची और अपने सूत्रों से पता लगाई कि कुदुदंड के जय नारायण त्रिपाठी के यहां श्रमिक नेता शंकर गुहा नियोगी का हत्यारा पल्टन मल्लाह छुपा हुआ है। सीबीआई टीम जय नारायण त्रिपाठी के घर से हत्यारे को पकड़ी और साथ में जय नारायण त्रिपाठी को हिरासत में लिया। और इसी प्रकरण में पल्टन मल्लाह को आजीवन की सजा हुई और जय नारायण त्रिपाठी भी काफी दिनों तक जेल में रहा। जेल से छूटने के बाद जय नारायण त्रिपाठी कई बड़े अपराधों में शामिल रहा। कुदुदंड एरिया सिविल लाइन थाना क्षेत्र के तहत आता है और जय नारायण त्रिपाठी सिविल लाइन थाना में अपना दबदबा बनाया। तत्कालीन टीआई बीएन मिश्रा के शह पर जय नारायण त्रिपाठी, संजू त्रिपाठी एवं कपिल त्रिपाठी कई बड़े अपराधियों में शामिल रहकर भी शहर में आतंक मचाते हुए घूमता पाया गया। संजू त्रिपाठी हत्या कांड में भी शूटर अरेंजमेंट निश्चित तौर पर जय नारायण त्रिपाठी ने ही किया।

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