पूर्व गृह मंत्री ननकी राम कंवर का नया लैटर बम सामने आया , छत्तीसगढ़ वन विभाग के केम्पा योजना और वनरक्षक भर्ती में भारी भ्रष्टाचार का आरोप

रायपुर : छत्तीसगढ़ के वन विभाग में एक बार फिर भारी भ्रष्टाचार के आरोपों ने राज्य की राजनीति और प्रशासनिक व्यवस्था को कटघरे में खड़ा कर दिया है। ननकी राम कंवर पूर्व गृह, एवं सहकारिता मंत्री छत्तीसगढ़ शासन की ओर से प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी को भेजे गए पत्र में छत्तीसगढ़ के प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्रीनिवास राव पर केम्पा योजना एवं वनरक्षक भर्ती में करोड़ों के भ्रष्टाचार और पद के दुरुपयोग का गंभीर आरोप लगाया गया है।

पत्र के अनुसार, श्रीनिवास राव ने कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में पद का दुरुपयोग करते हुए नियमों की अवहेलना कर अपने चहेते लोगों को अनुचित लाभ पहुँचाया। विशेष रूप से 1628 वनरक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को लेकर शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि भर्ती में भारी अनियमितताएं हुईं हैं। इसमें केंद्र सरकार के निर्देशों के बावजूद नियमों की धज्जियाँ उड़ाई गईं, फिजिकल टेस्ट में गड़बड़ी हुई और मशीनों के अभाव में मैनुअल मापजोख करवाई गई, जो पूरी तरह नियमविरुद्ध था।

टेंडर शर्तों का उल्लंघन:

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टाइमिंग टेक्नोलॉजी इंडिया प्रा. लिमिटेड को 10 करोड़ रुपये के अनुबंध में यह कार्य सौंपा गया, लेकिन एजेंसी ने न तो आवश्यक माप यंत्र उपलब्ध कराए, न ही नियमों के तहत वीडियो रिकॉर्डिंग की। इसके बावजूद विभाग ने एजेंसी को संरक्षण देते हुए नियमों में ही फेरबदल कर दिया।

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केम्पा योजना में भी गंभीर आरोप:

पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि श्रीनिवास राव ने केम्पा योजना में भी भारी भ्रष्टाचार किया। योजना के तहत आवंटित केंद्र सरकार के बजट का दुरुपयोग कर मनमानी तरीके से अपने करीबी लोगों को कार्य सौंपे गए। इनमें गुणवत्ता की अनदेखी, उच्च दरों पर सामग्रियों की खरीदी और कई स्थलों पर बिना कार्य के भुगतान जैसी अनियमितताओं का आरोप है।

रात में मापजोख और पूर्व-तिथि पत्र जारी करने का आरोप:

शिकायत में उल्लेख है कि कई जिलों में फिजिकल टेस्ट रात के कृत्रिम प्रकाश में किया गया, जबकि सरकार के आदेशानुसार केवल सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच ही परीक्षण संभव था। इसके लिए विभाग द्वारा पूर्व-तिथि में पत्र जारी किया गया, जो कथित रूप से एक आपराधिक षड्यंत्र की श्रेणी में आता है।

राजनीतिक संरक्षण का दावा:

शिकायतकर्ता का यह भी आरोप है कि श्रीनिवास राव अक्सर स्वयं को भाजपा के शीर्ष नेता बी.एल. संतोष का करीबी बताकर प्रभाव जमाने की कोशिश करते हैं। हालांकि, पत्र में यह भी स्पष्ट किया गया है कि बी.एल. संतोष एक ईमानदार और कुशल संगठक हैं, और उनके नाम का उपयोग इस प्रकार के भ्रष्ट कार्यों में करना अत्यंत आपत्तिजनक है।

शिकायतकर्ता ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि इस पूरे मामले की स्वतंत्र और निष्पक्ष एजेंसी से जांच करवाई जाए, और दोषी पाए जाने पर श्रीनिवास राव सहित अन्य संलिप्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर कठोर कार्यवाही की जाए। इसके अलावा श्रीनिवास राव और उनके रिश्तेदारों की चल-अचल संपत्तियों की भी जांच की माँग की गई है।

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