बिलासपुर: कानन पेंडारी में 'लापरवाही' ने निगली सफेद शेर 'आकाश' की जान! जवान और स्वस्थ बाघ की मौत से जू प्रबंधन पर उठे गंभीर सवाल

 

बिलासपुर। कानन पेंडारी मिनी जू की शान, पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहे स्वस्थ और जवान सफेद शेर 'आकाश' की असमय मौत ने पूरे जू प्रबंधन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस मौत के पीछे सीधे तौर पर वन मंडलाधिकारी (DFO) और वन्य प्राणी चिकित्सक की घोर लापरवाही के आरोप लग रहे हैं। अधिकारी भले ही मौत की वजह 'कार्डियक अरेस्ट' बता रहे हों, लेकिन एक पूरी तरह फिट शेर की अचानक हुई मौत रहस्य गहरा रही है।

कैसे हुई मौत और कब चला पता?

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सोमवार सुबह जब जू कीपर आकाश के पिंजरे की साफ-सफाई के लिए पहुंचे और उन्होंने रूटीन के तहत पानी डाला, तो सफेद शेर के शरीर में कोई हलचल नहीं दिखी। यह देखकर जू कीपर घबरा गया और उसने तत्काल इसकी सूचना वरिष्ठ अधिकारियों को दी। सूचना मिलने पर कानन के वन्य प्राणी चिकित्सक डॉ. पीके चंदन मौके पर पहुंचे और प्राथमिक जांच के बाद आकाश को मृत घोषित कर दिया। मौत की वजह जानने के लिए शव का विधिवत पोस्टमार्टम कराया गया है। वन विभाग के अधिकारियों ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर हार्ट अटैक से मौत की पुष्टि की है। पोस्टमार्टम के बाद मृत सफेद बाघ आकाश का जू परिसर में ही पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया।

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प्रबंधन पर उठे गंभीर सवाल: क्या लापरवाही ने ली जान?

सफेद शेर आकाश की अचानक हुई मौत ने कानन पेंडारी मिनी जू की व्यवस्था और वन्य प्राणियों की देखभाल पर कई बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। जू में हाल ही में ग्वालियर से एक और सफेद शेर लाए जाने के बाद इनकी संख्या चार हो गई थी, जो अब फिर से घटकर तीन रह गई है।

सवाल यह है कि क्या कानन के इन अनमोल वन्य प्राणियों की नियमित और समुचित देखभाल नहीं हो रही है? क्या उन्हें भीषण गर्मी से बचाने के पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए थे? क्या उन्हें मिलने वाली डाइट में कमी है या भोजन दूषित है? क्या जू में पदस्थ अधिकारी-कर्मचारी वन्य प्राणियों की देखभाल के लिए प्रशिक्षित और काबिल नहीं हैं? या फिर इन वन्य प्राणियों की डाइट और स्वास्थ्य के लिए सरकार से मिलने वाले बजट में कहीं कोई बड़ा 'खेल' हो रहा है? एक स्वस्थ और जवान बाघ की मौत को केवल 'हार्ट अटैक' बता देना, कहीं प्रबंधन की नाकामी और लापरवाही पर पर्दा डालने की कोशिश तो नहीं? 

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