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भारतमाला प्रोजेक्ट घोटाला: प्रदेशभर में ACB के ताबड़तोड़ छापे, करोड़ों के मुआवजे पर डाका डालने का मामला
रायपुर/दुर्ग/भिलाई/आरंग: छत्तीसगढ़ में भारत सरकार की महत्वाकांक्षी भारतमाला परियोजना में भूमि अधिग्रहण को लेकर हुए बड़े भ्रष्टाचार का एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने पर्दाफाश करना शुरू कर दिया है। शुक्रवार सुबह ACB की टीमों ने प्रदेश के करीब 20 ठिकानों पर एक साथ massive raid मारकर भू-राजस्व विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों में हड़कंप मचा दिया। यह कार्रवाई रायपुर, दुर्ग, भिलाई, आरंग सहित कई अन्य जिलों में चल रही है और निशाने पर वे तहसीलदार और उनके मातहत कर्मचारी हैं, जिन पर भूमि अधिग्रहण मुआवजे में करोड़ों रुपये की गड़बड़ी करने का गंभीर आरोप है।
मिली जानकारी के अनुसार, रायपुर से विशाखापट्टनम तक बनने वाली इस महत्वपूर्ण सड़क परियोजना के लिए अधिग्रहित की गई किसानों की जमीन के मुआवजे में बड़ा खेल किया गया है। शुरुआती पड़ताल में 43 करोड़ रुपये के हेरफेर की बात सामने आई थी, लेकिन जांच का दायरा बढ़ने के साथ ही घोटाले की रकम 220 करोड़ रुपये के पार पहुंच गई, और अब तो कुछ रिपोर्ट्स 300 करोड़ रुपये से भी ज्यादा का आंकड़ा बता रही हैं। अब तक EOW को 164 करोड़ रुपये से अधिक के संदिग्ध लेन-देन के दस्तावेज मिले हैं, जो इस 'मुआवजा कांड' की गहराई बयां करने के लिए काफी हैं।
यह चौंकाने वाला घोटाला सरकारी अधिकारियों, भू-माफियाओं और कुछ रसूखदार लोगों की कथित मिलीभगत का नतीजा बताया जा रहा है। इन्होंने फर्जी दस्तावेज तैयार कर और जमीनों के छोटे-छोटे टुकड़े कर करोड़ों रुपये के सरकारी खजाने को चूना लगाया। बताया जाता है कि जिस जमीन का मुआवजा लाखों में बनना था, कागजों में हेरफेर कर उसे करोड़ों में बदल दिया गया। अभनपुर ब्लॉक के कुछ गांवों में तो मुआवजे की रकम में कई गुना तक का उछाल सिर्फ कागजी खेल से दिखाया गया।
ACB की इस बड़ी कार्रवाई से भू-राजस्व विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। कई अधिकारी और कर्मचारी संदेह के घेरे में हैं, जिनमें निलंबित SDM, तहसीलदार और पटवारी भी शामिल हैं। जांच एजेंसियां अब एक-एक कड़ी जोड़कर इस पूरे नेक्सस का खुलासा करने में जुटी हैं। उम्मीद की जा रही है कि इस कार्रवाई के बाद मुआवजे के नाम पर 'बंदरबांट' करने वाले कई और चेहरे बेनकाब होंगे और किसानों को उनका हक मिल पाएगा, जिनकी जमीनें तो चली गईं लेकिन मुआवजा या तो मिला नहीं या उस पर 'डाका' डाल दिया गया। विस्तृत खबर की प्रतीक्षा है, लेकिन इतना तय है कि भारतमाला के रास्ते भ्रष्टाचार का जो जाल बिछा था, अब उस पर कानून का शिकंजा कसना शुरू हो गया
है।
