- Hindi News
- अपराध
- चेक बाउंस मामले में हाईकोर्ट का अहम फैसला, सिर्फ मुहर न होने से मुकदमा खारिज नहीं
चेक बाउंस मामले में हाईकोर्ट का अहम फैसला, सिर्फ मुहर न होने से मुकदमा खारिज नहीं
.jpg)
बिलासपुर: छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने चेक बाउंस से जुड़े एक महत्वपूर्ण मामले में निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए एक अहम व्यवस्था दी है। अदालत ने साफ तौर पर कहा है कि निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट, 1881 की धारा 138 के तहत दर्ज मुकदमा महज इसलिए खारिज नहीं किया जा सकता, क्योंकि चेक रिटर्न मेमो पर बैंक की मुहर या हस्ताक्षर मौजूद नहीं हैं।
न्यायमूर्ति नरेंद्र कुमार व्यास की एकल पीठ ने यह फैसला तुलसी स्टील ट्रेडर्स द्वारा पूर्वा कंस्ट्रक्शन के खिलाफ दायर ACQA संख्या 425/2024 और 194/2024 पर सुनवाई करते हुए सुनाया। इस मामले में निचली अदालत ने आरोपी मित्रभान साहू को इस आधार पर बरी कर दिया था कि बैंक के रिटर्न मेमो पर अधिकृत मुहर नहीं थी और किसी भी बैंक अधिकारी से इस बारे में पूछताछ नहीं की गई थी। हालांकि, उच्च न्यायालय ने ट्रायल कोर्ट के इस नजरिए को "प्रक्रियात्मक त्रुटि" करार देते हुए इसे सिरे से खारिज कर दिया।
दरअसल, तुलसी स्टील ट्रेडर्स के मालिक पुष्पेंद्र केशरवानी का दावा था कि उन्होंने पूर्वा कंस्ट्रक्शन को सीमेंट और लोहे की छड़ों की सप्लाई की थी। बकाया रकम चुकाने के लिए मित्रभान साहू ने उन्हें दो चेक दिए थे, जिनमें से एक ₹67,640 का और दूसरा ₹1,70,600 का था। लेकिन दुर्भाग्यवश, दोनों ही चेक "अपर्याप्त निधि" के कारण बाउंस हो गए। कानूनी नोटिस भेजने के बावजूद जब भुगतान नहीं किया गया, तो पुष्पेंद्र ने एनआई एक्ट की धारा 138 के तहत अदालत का दरवाजा खटखटाया। शिकायतकर्ता ने धारा 145 के तहत हलफनामा और अन्य जरूरी कागजात भी अदालत में पेश किए थे।
जस्टिस व्यास ने अपने फैसले में साफ कहा कि धारा 139 के तहत यह माना जाता है कि चेक किसी वैध देनदारी के एवज में जारी किया गया था। सिर्फ रिटर्न मेमो पर बैंक की मुहर न होने से इस कानूनी मान्यता को 'खारिज' नहीं किया जा सकता। उन्होंने यह भी जोड़ा कि धारा 146 कोई तयशुदा 'खाका' पेश नहीं करती है और न ही यह मेमो बैंकर्स बुक एविडेंस एक्ट के दायरे में आता है। इसलिए, इसकी प्रक्रियात्मक कमियों के चलते मुकदमे को 'अमान्य' नहीं ठहराया जा सकता।
उच्च न्यायालय ने इस मामले को वापस ट्रायल कोर्ट को भेजते हुए यह आदेश दिया है कि बैंक के संबंधित अधिकारी को तलब करके यह तस्दीक किया जाए कि चेक वास्तव में बैंक में पेश हुए थे और खाते में पर्याप्त राशि न होने के कारण बाउंस हुए थे। इसके लिए किसी नए नोटिस की जरूरत नहीं होगी। हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों को मई 2025 में ट्रायल कोर्ट में पेश होने को कहा है और नौ महीने के भीतर ट्रायल पूरा करने के सख्त निर्देश दिए हैं।
लेखक के विषय में
More News
महामाया मंदिर कुंड में 23 कछुओं की मौत का मामला: CJ की फटकार, ट्रस्टी ही हत्यारे - पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष का सनसनीखेज आरोप
रवि शंकर सावड़िया ने Indian Cost Service परीक्षा में देश में दूसरा स्थान प्राप्त कर छत्तीसगढ़ को गौरवान्वित किया
छत्तीसगढ़ में व्यापारियों को राहत,अस्थायी बिजली कनेक्शन के लिए ऑनलाइन सिस्टम लागू...
हाईकोर्ट में CJI बोले-पवित्र स्थल को गंदा कर दिया,रतनपुर महामाया मंदिर में 23 कछुओं की मौत पर जताई नाराजगी...
महादेव सट्टेबाजी का मकड़जाल! ED का जयपुर में धावा, बिलासपुर में भी मचेगी खलबली
अवैध शराब बेचने वालों की खैर नहीं! कलेक्टर का फरमान – अब बुलडोजर गरजेगा
कटघोरा हत्याकांड: 50 टन के लिए खून! SECL अफसर पर प्रबंधन की मेहरबानी, प्रमोशन से मचा हड़कंप
BR गवई होंगे देश के दूसरे दलित मुख्य न्यायाधिश...
रायपुर में 14 सटोरिए गिरफ्तार, 1500 से अधिक बैंक खाते फ्रीज
रायपुर के थाने से भागा अंतरराज्यीय तस्कर, मादक पदार्थ रखने के मामले में हुआ था गिरफ्तार…
कलेक्टर ने अवैध शराब बेचने वालों के घर तोड़ने का दिया आदेश ...
कोयला व्यापारी नरेंद्र कौशिक आत्महत्या मामला: 33 करोड़ के गबन में 4 कोल माफिया गिरफ्तार
कांग्रेस का रायपुर ED ऑफिस के बाहर प्रदर्शन:भूपेश बोले- कांग्रेसियों को बदनाम करने की साजिश...
कलेक्टर के पास आया धमकी भरा मेल, कलेक्टर ऑफिस को बम से उड़ाने की मिली धमकी ...
Top News
200 कुण्डीय धर्म रक्षा महायज्ञ एवं दो दिवसीय सनातन संस्कृति महासम्मेलन
महामाया मंदिर कुंड में 23 कछुओं की मौत का मामला: CJ की फटकार, ट्रस्टी ही हत्यारे - पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष का सनसनीखेज आरोप
रवि शंकर सावड़िया ने Indian Cost Service परीक्षा में देश में दूसरा स्थान प्राप्त कर छत्तीसगढ़ को गौरवान्वित किया
छत्तीसगढ़ में व्यापारियों को राहत,अस्थायी बिजली कनेक्शन के लिए ऑनलाइन सिस्टम लागू...
राज्य
