जीएसटी में स्पेशल कमिश्नर का खेल…..पोस्ट बिलासपुर की और रायपुर में बैठकर कर रहे अपना खेला….
सुशासन की विष्णु देव साय की सरकार कितना भी कुछ कर ले अफसरों की मनमानी पर अंकुश लगा पाने में असफल साबित हो रही है। अफसर से मंत्री बनने वाले ओपी चौधरी भी इस विभाग को सम्हाल पाने में फिसड्डी व असमर्थ नजर आते है।हवाहवाई बातों का जमावड़ा जीएसटी विभाग में दिखाई दे रहा है।विभाग को सही करने की बात कहने वाले मंत्री को यहाँ बैठे एक दो अफसर अपने इशारों में ही चला रहे है।जीएसटी के घटते राजस्व को लेकर चिंतन करने के बजाय समारोह में व्यस्त दिख रहे है।आठ माह की सत्ता में दो कमिश्नर जीएसटी में आ गए।एक कमिश्नर की मनमानी से मंत्री भी त्रस्त बताये जाते है उनको हटाकर दूसरे की पोस्टिंग कर दी गयी।दूसरे भी बड़ी बड़ी बातें कहते है।व्यापारी त्रस्त बताये जाते है।सरकार के बनाये नियमो को तोड़ने का काम सुशासन की सत्ता में खुलकर अफसरों के द्वारा किया जा रहा है।
स्पेशल कमिश्नर जैसी पोस्ट की जगह प्रदेश में बिलासपुर के लिए पूर्व की सरकार ने निर्मित की थी।इस पोस्ट में जो अफसर पदस्थ है वो बिलासपुर में बैठने की जगह रायपुर में बैठे हुए है।प्रदेश की सरकार में अजब गजब खेला किया जा रहा है।नियमों की धज्जियां खुलकर उड़ाई जा रही है।जिस पद की पदस्थापना यहाँ है ही नही उस पद के अफसर को यहाँ क्या सोचकर बैठाला गया है।मंत्री जी कभी अपने विभाग की मनमानी को भी देखने की जहमत उठाओ।अँधेर नगरी चौपट राजा की लाइन को चरित्रार्थ मत करवाओ।अभी अभी आपकी पारी शुरू हुई है।लोगो को आपसे बड़ी उम्मीदें थी पर ऐसा लगता है कि जीएसटी विभाग आपके बस का खेल नही रहा।नए कमिश्नर भी आपके ऊपर भारी पड़ गए।नौकरशाही छोड़कर राजनीतिक जीवन शुरू करने वाले को भी घुमाने का काम बहुत आसानी से किया जा रहा है।व्यापार करने वाले लोग कमिश्नर की शिकायत हाईकमान तक पहुचा रहे है।प्रदेश के अफसर अपनी मनमानी खुलकर करने पर उतारू है।
कुल मिलाकर सरकार के ऊपर नौकरशाही ज्यादा हावी नजर आ रही है।अपने फायदे के लिए कमिश्नर स्पेशल कमिश्नर को राजधानी में नियम विरुद्ध बैठालकर कुछ भी करने का काम कर रहे है।अब मंत्री जी क्या करेंगे यह भगवान ही जाने।