चर्चित आरक्षक के चलते बिलासपुर आईजी , एसपी संदेह के घेरे में ..?
बदनाम आरक्षक के चलते पुलिस प्रशासन पर सवाल ?
आरक्षक पर लग रहे गंभीर आरोप?
कार्यवाही से बडे अधिकारियों का क्यो कॉप रहे हैं हाथ पैर?
छत्तीसगढ़ : बिलासपुर का एक चर्चित , बर्खास्त अदना सा पुलिस आरक्षक विभाग के गले की फांस बन गया है ,चर्चित आरक्षक हेमन्त सिंह के खिलाफ लगातार शिकायतें मिलने के कारण पुलिस विभाग शर्मशार हो रहा है , सटोरिये से कबाड़ी और गैरकानूनी काम को अंजाम देने तक उच्च अधिकारियों से सेटिंग के नाम पर आरक्षक के ऊपर लाखो रु के आरोप तक कि खबरे मीडिया की सुर्खियां बने हुए है उसके बाद भी अधिकारियों द्वारा आरक्षक के खिलाफ किसी प्रकार की अब तक कार्यवाही नही होने से पुलिस पर सवाल खड़े हो रहे है ।
सटोरिये और जुआ खिलाने के नाम पर बिलासपुर रेंज के आईजी रतनलाल डांगी और महिला पुलिस कप्तान से सेटिंग कराने की बात पर हेमन्त सिंह लाखो रु डकार गया है ,और फड़दारो के बीच अदना आरक्षक उच्च अधिकारियों को बदनाम कर गया ये खबरे थमी ही नही थी कि सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट ने कबाडियों से लेकर पुलिस विभाग विभाग और मीडिया में खलबली मचा दी पोस्ट करने वाले ने आरक्षक की काली करतूतो के लिए पूरा ठीकरा एक बार फिर आईजी और एसपी के उफर फोड़ दिया ,इतना ही नही कबाड़ , सट्टा, जुआ,जैसे अवैध कारोबार के लिए हेमन्त सिंह ने ACCU को भी लपेट लिया या यूं कहें कि जिस विभाग में पदस्थ है उस विभाग को भो संदेह में ला दिया है ।
इस सनसनीखेज वायरल पोस्ट में साफ साफ लिखा गया कि पोस्ट वायरल करने के बाद उसकी हत्या भी हो सकती है और पुलिस प्रशासन मूकदर्शक बना रहेगा , इतने गंभीर आरोप पर अभी तक कोई जाबाज पुलीसकर्मी वायरल करने वाले के नाम का खुलासा भी नही कर पाया , न ही पुलिस ने ये जानने की कोशिश की एक बदनाम आरक्षक और ताँबा पीतल , रेल चोर कान्हा बजाज के बीच उनके उच्च अधिकारियों का नाम क्यो घसीटा गया , । हालांकि पुलिस का कहना है कि वायरल पोस्ट करने वाले में खेद जताकर माफी मांग ली । ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या पोस्ट करने वाले के पास आखिर क्या सबूत था कि उसने डंके की चोट पर आई जी , एसपी , और एंटी सायबर क्राइम यूनिट तक का नाम खुलेआम सोशल मीडिया पर कर दिया ।
वही इस चर्चित आरक्षक के चलते पत्रकार भी कई फाड़ में बट गए है, एक तरफ जहां पत्रकार की हत्या की कोशिश का सीसीटीवी सामने आने से पत्रकार दहशत में है वही पूर्व में अपने ही विभाग से बर्खाश्त आरक्षक हेमन्त सिंह के चलते विपक्ष भूपेश सरकार को घेरते हुए राज्य में कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर रहा है । वही इस मामले में प्राथी पत्रकार द्वारा एसपी से वाट्सअप ग्रूप में मदद पर पारुल माथुर का गैरजिम्मेदाराना जबाब भी पुलिस के लिए मुसीबते बढ़ाने का काम कर रहा है कि कैसे एक जिले का पुलिस कप्तान इस तरह से रिप्लाई कर सकता है वही एसपी के इस वाकये की रेंज के आईजी ने भी निंदा की है और खेद जताते हुए बातचीत में इशारो ही इशारो में महिला कप्तान को अपने पद की गरिमा और पुलीस का काम ईमानदारी ,निष्पक्ष से करने की भी नसीहत दे दी,
वही विभाग के लोग भी एसपी की इस टिपण्णी की दबी जुबा जमकर आलोचना कर रहे है ।
अब एक आरक्षक से मचे बवाल से पूरे राज्य में हड़कम्प मचा हुआ है और इस आरक्षक के कारनामो की गूंज राजधानी तक पहुच गई है और विपक्ष में चुनावी साल में न्यायधानी के इस मामले को लेकर पूरे प्रदेश में हल्लाबोल की तैयारी में लग गया है । वही दूसरी तरफ एक आरक्षक पर इतनी मेहरबानी से पूरे पुलीस सिस्टम संदेह के घेरे में खड़ा नजर आ रहा है कि बिलासपुर के आरक्षक हेमन्त सिंह के उपर कार्यवाही की बात तो दूर ACCU से भी हटाने में आखिर अधिकारियों के हाथ क्यो कॉप रहे है । या फिर आरक्षक द्वारा सटोरिये कबाडियों जुआरियो से ली गई मोटी रकम की जानकारी से उच्च अधिकारी भी अवगत थे । बाजारों के इस चर्चा का बाजार भी गर्म है कि पूरी दाल ही काली है इसलिए तमाम कारनामो के बाद भी हेमन्त सिंह के खिलाफ कार्यवाही मामले में पुलिस प्रशासन ने चुप्पी साधी हुई है ।