छत्तीसगढ़ में बड़ी कार्यवाही की ओर ED, सौम्या चौरसिया मामले की उच्च स्तरीय जाँच सीबीआई को सौंपने की सिफारिश ?, रायगढ़ कलेक्टर रानू साहू के भी तबादले के बढे आसार
रायपुर / दिल्ली : छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कोल परिवहन घोटाले की जाँच में तेजी के आसार बताये जा रहे है। सूत्रों का दावा है कि ED के कदम फिर एक बड़ी कार्यवाही की ओर बढ़ रहे है। सूत्रों के मुताबिक इस कड़ी में हालिया चर्चित रहे सूर्यकान्त के सहयोगी नीलेश अहम् कड़ी साबित हुआ है।बताया जा रहा है कि बतौर सरकारी गवाह उसके कबूलनामे से सुपर CM और कुख्यात आरोपी सौम्या चौरसिया और उसके गिरोह की मुश्किलें बढ़ सकती है।
सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि कोल परिवहन घोटाले में शामिल संदेहियों में से एक रायगढ़ कलेक्टर रानू साहू भी सरकारी गवाह बनने के लिए जमकर हाथ – पैर मार रही है। बताते है कि कई दौर की लम्बी पूछताछ के बाद रानू साहू पर भी ED का शिकंजा लगातार कसता जा रहा है।
सूत्रों के मुताबिक ED की संभावित कार्यवाही से छत्तीसगढ़ का ख़ुफ़िया तंत्र भी वाकिफ़ बताया जाता है। खबरों के मुताबिक रायगढ़ कलेक्टर रानू साहू के जल्द तबादले के आसार है। बताया जाता है कि ED इसी जनवरी माह के आखिरी हप्ते में आरोपी सौम्या चौरसिया का चालान अदालत को सौंप देगी।
सूत्रों का यह भी कहना है कि PMLA एक्ट के तहत दर्ज मामलो को लेकर ED की तहकीकात काफी सीमित है। जबकि छत्तीसगढ़ में आर्थिक अपराधों का दायरा काफी सुनियोजित रूप से फैला हुआ है। कोल परिवहन के अलावा DMF फंड और खदान आवंटन के मामले काफी गंभीर है। कुछ एक अधिकारियों की भूमिका एक साथ कई मामलों में संलिप्त पाई गई है। लिहाजा मामले की अग्रिम जाँच सीबीआई को सौंपने की तैयारी जोरों पर है।
बताया जा रहा है कि आरोपी सौम्या चौरसिया का चालान पेश करने से पूर्व ED किसी बड़ी कार्यवाही में जुटी है। इसके लिए फंडिंग करने वाले कुछ सफ़ेद पोश नेताओं के काले कारनामों को भी खंगाला जा रहा है। खनिज विभाग और रजिस्ट्री दफ्तरों में ED की पड़ताल जारी है। जानकारी के मुताबिक DMF फंड हो या फिर जमीनों की खरीद फरोख्त के मामले, कलेक्टर कार्यालयों और रजिस्ट्री दफ्तर में दस्तावेजों को लेकर ED को दो-चार होना पड़ रहा है। बताया जाता है कि रिकॉर्ड अपडेट नहीं होने के चलते जाँच में कठिनाई हो रही है।
बताते है कि सौम्या चौरसिया, सूर्यकान्त तिवारी, लक्ष्मीकांत तिवारी, सुनील अग्रवाल और IAS समीर विश्नोई की अब तक की सम्पति का थोड़ा बहुत हिस्सा ही ED के हाथ लगा है।जबकि इस गिरोह की नामी-बेनामी कई संपत्तियां लगातार सामने आ रही है। बताते है कि अभी भी कई बेशकीमती सम्पत्तियाँ रजिस्ट्री दफ्तर में रिकॉर्ड अपडेट नहीं होने के चलते जांच एजेंसियों को उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। हालाँकि कई जमीन दलाल जिन्होंने ऐसी सम्पत्तियों की खरीद फरोख्त में बिचौलिये की भूमिका निभाई थी ,उनसे पूछताछ के आसार भी बताए जाते है। सूत्रों के मुताबिक अपनी कार्यवाही को निर्णायक स्थिति में ला कर ईडी किसी बड़ी कार्यवाही की पड़ताल में जुटी है।
सूत्रों के मुताबिक कोल परिवहन घोटाले की सैकड़ो करोड़ की कमाई से छत्तीसगढ़ के अलावा आधा दर्जन राज्यों में गैरकानूनी निवेश की पड़ताल की जा रही है। केंद्रीय एजेंसियों को पूछताछ के दौरान हवाला कारोबार और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े प्रकरणों में कई चौकाने वाली जानकारियां मिली है।उधर ED के अधिकारियो से न्यूज़ टुडे ने यह जानने का भरसक प्रयास किया कि ED मामले को आखिर कब तक सीबीआई के सुपूर्द कर सकती है, लेकिन इसका जवाब नहीं मिल पाया। ED की ओर से सौम्या चौरसिया मामले की जाँच और संपति को लेकर अभी तक आधिकारिक रूप से कोई भी जानकारी और बयान सामने नहीं आया है। सूत्रों का कहना है कि राज्य में कई राजनैतिक लोगो से भी पूछताछ हो सकती है।
बताते है कि ED ने अभी तक मात्र 152 करोड़ की संपत्ति उक्त चार आरोपियों से बरामद की है। जबकि ED ने जाँच के दौरान छापों में 500 करोड़ के लगभग की अनुपातहीन संपत्ति का आंकलन किया था। लेकिन अब यह आंकड़ा काफी अधिक ऊपर पहुंच गया है। सूत्रों का दावा है कि मात्र ढाई वर्ष के कार्यकाल में छत्तीसगढ़ में पदस्थ अखिल भारतीय सेवाओं के कुछ चुनिंदा अधिकारियो और उनके करीबी नाते – रिश्तेदारों की संपत्ति में 500 फीसदी से ज्यादा का उछाल है।
सूत्र बताते है कि कोयला दलाल सूर्यकान्त तिवारी के ठिकानो से बरामद दस्तावेजों और डिजिटल सबूतों की पड़ताल के बाद कई नेताओं उद्योगपतियों और सरकारी अधिकारियो की नामीबेनामी सम्पतियों का ब्यौरा एजेंसियों के हाथ लगा था। इसकी पड़ताल में बड़े सुनियोजित आर्थिक भ्रष्टाचार का संदेह जाहिर किया जा रहा है। बताते है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए ED अन्य मामलो की जाँच सीबीआई को सौंपने पर विचार कर रही है।
बताते है कि छत्तीसगढ़ में यह पहला मौका है जब कोल परिवहन, DMF फंड, खनन और माइनिंग जैसे अपराधों में अखिल भारतीय सेवाओं के कई अफसर संदेह के दायरे में बताये जाते है। यह भी बताया जा रहा है कि सौम्या चौरसिया के अलावा उसके साथ जमीन – जायजाद खरीदने में सहभागी बने लोगो से ED की पूछताछ जारी है। आने वाले दिनों सौम्या चौरसिया की टोली में नए चेहरों के भी नजर आने के आसार बढ़ गए है।