सूरजपुर से रेस्क्यू की गईं बाघिन को कॉलर लगा अचानकमार टाइगर रिजर्व में छोड़ने की तैयारी पूरी कल सुबह छोड़ा जाएगा जंगल में,…………
छत्तीसगढ़ राज्य का यह पहला मामला
बिलासपुर : वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग छत्तीसगढ़ ने 28 मार्च को सूरजपुर के उड़गी से रेस्क्यू कर रायपुर जंगल सफारी लाई गई बाघिन को अचानकमार टाइगर रिजर्व में छोड़ने का निर्णय लिया गया है।
छत्तीसगढ़ राज्य का यह पहला मामला है रेस्क्यू की गई बाघिन को कॉलर पहना कर राज्य के टाईगर रिजर्व में छोड़ा जाना है। इसकी अनुमति NTCA ने भी दे दी है। पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ, एनटीसीए, WII की निगरानी में यह कार्य किया जा रहा है।
28 मार्च 2023 को सूरजपुर के उड़गी से 5 साल की बाघिन को वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा रेस्क्यू किया गया था, स्थानीय ग्रामीण ने भी बाघिन पे हमला कर 9 गहरे घाव कर दिए थे, बाघिन को रायपुर जंगल सफारी में रख कर उसका इलाज किया गया बताया जाता है की 75 से 80 टांके लगे थे, प्राप्त जानकारी के अनुसार अब बाघिन पुरी तरह से स्वस्थ हो गई है और जंगल में छोड़ी जा सकती है।
सवाल यह उठता है की अचानकमार टाइगर रिजर्व में ही क्यों छोड़ना है। इसकी बड़ी वजह है वर्तमान में अचानकमार टाइगर रिजर्व में अभी चार बाघ और एक बाघिन है। बाघिन उमरदराज हो गई है और शवको को जन्म नही दे सकती है।
पांच साल की बाघिन को टाइगर रिजर्व में छोड़ने से आने वाले वर्षो में बाघों को संख्या बढ़ने की बहुत ज्यादा संभावना है। वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग छत्तीसगढ़ का यह निर्णय कबीले तारीफ है। कॉलर लगा होने से बाघिन की लगातार मॉनिटरिंग की जा सकेगी
अचानकमार टाइगर रिजर्व कान्हा और बांधवगढ़ से बाघिन और बाघ लाने को लेकर प्रयासरत रहा है लेकिन अब इन्हें अपने ही राज्य में एक बाघिन मिल गई है। इसलिए अब बाहर से लाने की आवश्यकता नहीं है।बाघीन को लेकर रायपुर जंगल सफारी की टीम अचानक मार टाईगर रिजर्व के लिए निकल चुकी है। जिसकी रात्रि 10 बजे तक अचानक मार टाईगर रिजर्व पहूंचने की संभावना है। और कल सुबह बाघीन को पी सी सी वाइल्डलाइफ की उपस्थिति में जंगल में छोड़ा जायेगा। यह छत्तीसगढ़ में अपने तरह का पहला मामला होगा।