राष्ट्रीय जगत विजन ब्रेकिंग : रायपुर में CBI और ED का जॉइंट ऑपेरशन, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के काले कारखानों में छापा….
रायपुर : रायपुर में CBI और ED की छापेमारी हुई है। भिलाई के पद्मनापुर के ठिकानों में सुबह होते ही ED की टीम नज़र आई । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके पुत्र चेतन्य बघेल से सबद्ध CA कोठारी के आवास पर CBI की रेड हुई है ।
कोल खनन परिवहन घोटाले, आबकारी घोटाले समेत सरकारी तिज़ोरी में हाथ साफ करने के बाद इकट्ठा हुई रकम, भिलाई के इसी CA के मार्फ़त निवेश की जाती थी । जबकि ED की एक अन्य टीम ने चर्चित कारोबारी गुरुचरण सिंह के ठिकानों पर दबिश दी है ।
छत्तीसगढ़ में दो हज़ार करोड़ के शराब घोटाले के पुख्ता सबूत एजेंसियों के हाथ लगे है । इसके बाद नौकरशाही ने काले कारखानों से दूरियां बना ली है, नतीजतन भारत सरकार के मुलाजिम भ्रष्टाचार की दुकानों में अपनी आमद दर्ज कर रहे है ।
सुत्र बताते है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का कुनबा भारी भ्रष्टाचार के बोझ तले दबा हुआ है, उनके पोन पाँच साल के कार्यकाल में कांग्रेस के किसी भी नेता को सरकारी तिजोरी में चोरी करने का मौका नही मिल पाया है, इन वर्षों में जनधन की लूट CM बघेल की टोली ने ही की है ।
बताते है कि हफ्ते भर से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की टोली ने सरकारी दफ्तरों से घोटाले के सबूतों को नष्ट करने में कोई कसर बाकी नही छोड़ी है । इसके लिए 2001 और 2005 बैच के IPS अधिकारी आनंद छाबरा और शेख आरिफ़ को उनकी अधिकारी पत्नी समेत मैदान में उतारा गया था । उन्हें 50 करोड़ की नगदी के साथ ED और अदालतों को सेट करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी ।
सूत्र यह दावा करते हुए बताते है कि केन्द्र सरकार को बदनाम करने के लिए गोदी मीडिया को विज्ञापनों के नाम पर नगद रकम यही अफसर दे रहे थे ।
पुलिस के SS फण्ड का उपयोग सत्ताधारी पार्टी के राजनैतिक ख़र्चों में हाथो हाथ दिया जा रहा था । वही दूसरी ओर नक्सल प्रभावित इलाकों में पुलिस का मुख़बिर तंत्र ही समाप्त हो गया था ।
सूत्र बताते है कि इन्ही दोनो अफसरों की वजह से नक्सल मोर्चे पर पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों की लगातार शहादत हो रही है । यही नही सेक्स CD कांड में CBI के आरोपी रिंकू खनूजा को ठिकाने लगाने में भी आनंद छाबरा और शेख आरिफ की महत्वपूर्ण भूमिका बताई जाती है ।
छत्तीसगढ़ में ED की जांच को प्रभावित करने और अदालतों में अपने हितों में फ़ैसला करवाने के लिए विधि सचिव राम कुमार तिवारी के मार्फ़त कोर्ट कचहरी की सेटिंग के लिए लगभग 50 करोड़ की रकम हालिया पानी की तरह बहाई गयी थी ।
यह रकम सौम्य चौरसिया की रिहाई और प्रेस मीडिया में ED के खिलाफ दुशप्रचार में खर्च की गई है । यह दावा भी सूत्र कर रहे है, बताते है कि छत्तीसगढ़ में मंत्रालय में हुई छापेमारी के बाद सरकारी रकम की बंदरबाँट के कई सबूत ED के हाथ लगे है ।
फिलहाल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मनी लॉन्ड्रिंग सेन्टरों पर केंद्रीय जांच एजेंसियों की ताबड़तोड़ कार्यवाही जारी है, हालाँकि अभी आधिकारिक तौर पर नही बताया गया है कि ED की सहायता के लिए CBI को भी कलकारखानों में उतारा गया है ।
साभार न्यूज टुडे