नंबरी नेताओं की जेब भरने का मिल रहा इनाम
जशन का टशन
नंबरी नेताओं की जेब भरने का मिल रहा इनाम
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केंद्रीय जेल में मानव अधिकार का मामला उठने वाला है। जेल में बंद बंदियों ने अपनी बात मानव अधिकार आयोग दिल्ली को गोपनीय तरीके से भेज कर जांच की मांग की है।
बंदियों सहित कैदियों ने मानवाधिकार आयोग को शिकायत किया है कि जेल प्रशासन द्वारा कुछ बंदियों को विशेष सुविधा दी जा रही है। ज्ञात रहे कि कोयला औऱ शराब घोटाले से जुड़े दर्जन भर अधिकारी, कारोबारियों को ईडी ने जेल दाखिल कर दिया है। जिनमे आईएएस समीर विश्नोई, सौम्या चौरसिया, दो खनिज अधिकारी, अमरपति त्रिपाठी सहित होटल व्यवसाई अनवर ढेबर, नितेश पुरोहित, शराब कारोबारी पप्पू ढिल्लन, कारोबारी सुनील अग्रवाल, सूर्यकान्त तिवारी और रविकांत तिवारी है।
इन सभी के लिए जेल में बंद दूसरे बंदियों की तुलना में बाहर का खाना, घर के बिस्तर तकिया, सहित पढ़ने के अखबार, इटेलियन कमोड आदि की सुविधा दी जा रही है।
सभी को एक साथ रखा गया है । ये लोग बेखटके जब चाहे जेल परिसर में घूमते फिरते दिखते है। बताया जा रहा है कि टेलीविजन में मनचाहे कार्यक्रम और मनोरंजन के साधन उपलब्ध कराए जा रहे है। शाम को ये लोग बास्केट बॉल, बॉलीवाल खेलते है। सुबह की प्रार्थना में इन्हें छूट दी गयी है। अनेक पुराने कैदियों को इनकी सेवा में रख दिया गया है जो इनकी खातिरदारी कर रहे है। उम्मीद की जा रही है कि शीघ्र ही मानवाधिकार आयोग की टीम आकस्मिक रूप से दौरा कर सकती है। छत्तीसगढ़ में मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष की जान बूझकर नियुक्ति नही की गई है जिसके कारण आवेदनों पर कोई सुनवाई नही हो रही है
देश में पिछले कुछ सालों से केंद्रीय एजेंसियों की दखल के बाद करोड़ों के भ्रष्ट्राचार के मामले पकडे गए। मामले में राज्य सरकार के नेता और अफसरों की मिली भगत के लिंक मिल रहे हैं। यह उन राज्यों में अधिक है जहां पर विपक्ष कर सरकार है। मामले इसलिए अहम हैं कि उन्हें राजनीतिक संरक्षण मिला हुआ था। अफसर भी नेताओं की आड़ में अपनी जेब भर रहे थे। अब उन्हीं राज्यों की जेलों में बंद अफसरों को अच्छी सुविधा दबाव में दी जा रही है। दिल्ली में ही जेल में जब तक तेल मालिश मिला आरोपी चंगा रहा। जब खुलासे के बाद बंद हुआ तो अवसाद में आकर बीमार हो गए। मामले में आर्थिक अपराध के इन लोगों को नंबरदारों की नहीं बाहर के नंबरी नेताओं की जेब भरने का इनाम मिल रहा है