कहां ला पता है, डिप्टी सेक्रेटरी मनोज सोनी?
छत्तीसगढ़ को चारागाह समझने वाले भारतीय संचार निगम लिमिटेड के अनेक अधिकारी 5 साल के लिए प्रतिनियुक्ति पर आए और कांग्रेस की सरकार में दलाली के ऐसे प्रतिमान स्थापित किए है कि सोच कर आश्चर्य होता है। भारतीय संचार निगम लिमिटेड का एक प्रतिनियुक्ति में छत्तीसगढ़ आया एक अधिकारी शराब घोटाले में महीनो से लाल कोठी के पीछे जेल की रोटी तोड़ रहा है। जिसका नाम है अमर पति त्रिपाठी ने अनवर ढेबर, अनिल टुटेजा के साथ मिल कर दिल्ली में नकली होलोग्राम छपवाए और खुले आम शराब की तस्करी कर राज्य को अरबों का चूना लगाया। खुद भी अनवर ढेबर के साथ करोड़ो रुपए जिम लिए। ईडी ने खोज खबर ली तो भाग गए और मुंबई में धरे गए।
भारतीय संचार निगम लिमिटेड का एक और अधिकारी मनोज सोनी 5साल की प्रतिनियुक्ति में छत्तीसगढ़ आया था। 10साल से अधिक का समय बीत गया l चिट्ठी पे चिट्ठी बीएसएनएल भेजता रहा लेकिन कमाऊ पूत बन गया था मनोज सोनी। खाद्य मंत्रालय में डिप्टी सेक्रेटरी बन कर लाइजनर बन गए। रोशन चंद्राकर, अनिल टुटेजा के साथ मिलकर कस्टम मिलिंग में सेटिंग करने लगे। प्रतिसाद भी मिला मार्कफेड और नान के एम डी का दोहरा जिम्मा पा गए।
रोजाना मार्कफेड और नान के डिस्ट्रिक्ट हेड को बुलाते और घटिया चांवल आपूर्ति के नाम पर 20रूपये क्विंटल वसूली शुरू कर दी। एफसीआई के अधिकारियो की शिकायत करवा दिए खाद्य मंत्री पीयूष गोयल के यहां। एफसीआई के अधिकारी तो निपटे ही आगे इनकम टैक्स और ईडी ने मनोज सोनी को घेर लिया। घर में मिल गया कच्चा जिसमें ईडी ने अपने प्रेस रिलीज जारी कर बताया कि 175 करोड़ का रिश्वत लेने का चिट्ठा मिला है ।अब न दिल्ली के है और न ही रायपुर के।उल्टा कांग्रेस हार गई तो सिर से साया भी उठ गया है। कोर्ट में इनकम टैक्स के द्वारा लगाए गए परिवाद का विरोध भी खारिज हो गया है याने 2024में एक और बी एस एन एल का प्रतिनयुक्ति में आया अधिकारी जेल जायेगा।