राष्ट्रीय जगत विशेष ………..खबर राजधानी की……
सरकार का अपना अलग ही रुतबा होता है। प्रदेश में किसी की भी सत्ता हो…. पॉवर नौकरशाही में ही नजर आता है। इन नौकरशाहो को अपना काम अपने तरीके से ही करने की आदत होती है। इनको नाराज करना मतलब अपना नुकसान करवाना है।मीडिया वाले इनकी सच्चाई अगर जाहिर कर दे तो मीडिया वाले से इनकी दुश्मनी तय ही है।प्रदेश की सत्ता में सरलता के प्रतिरूप कहे जाने वाले सहज मुख्यमंत्री बैठे है। इनकी सरलता आम जनता को आकर्षित करती है वही मुख्यमंत्री के कार्यालय में बैठे नौकरशाहो की चर्चा आज कल देश की राजधानी में खूब बनी हुई है।छत्तीसगढ़ में सरकार का काम जिस हिसाब से चलना था वो नजर नही आ रहा है। प्रदेश के मुख्यमंत्री से ज्यादा चर्चा यहाँ के कुछ अफसरों का बना हुआ है।बेहतर काम कर पाने में ये अफसर असफल नजर आ रहे है।प्रदेश की जनता में सरकार की इमेज बहुत खराब हो चुकी है।जिसके लिए मुख्यमंत्री सचिवालय को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। चर्चा यह भी है कि पार्टी के नेताओ व विधायको का भी काम इन अफसरों के द्वारा नही किया जा रहा है।केवल अपनी कहानी करने की बाते भी बाजार में चल रही है।कहते है कि पूर्व की कांग्रेस सरकार में इन अफसरों की दाल नही गली थी।पर इस सरकार में इनका अलग रुतबा है।पार्टी के नेताओ ने अब दबी जुबान से यह कहना भी शुरू कर दिया है कि सरकार का बंटाधार यही अफसर कर रहे है। सरकार इन अफसरों के सामने नतमस्तक हो चुकी है।कुछ का कहना है कि अब तो ये अफसर बड़े साहब की भी बात नही सुनते है।8 माह की सरकार में जो काम करने थे वो अब तक नही किये गए है।वही दूसरी ओर सीमेंट की कीमत में 50 रुपये की बढ़ोतरी कर दी गयी है।ट्रांसपोर्ट के काम मे बड़ा खेल भी इन अफसरों के द्वारा कर दिया गया है।परिवहन विभाग से लेकर कई विभागों में मनमानी वसूली की खबर बाजार में खूब चल रही है।प्रदेश के कुछ अफ़सर हवा में उड़ रहे है।सरकार की जनता के सामने बहुत ही खराब स्थिति बनी हुई है।
सूबे के मुखिया का नाम जनता के सामने बना पाने की जगह अपना खेल खेलने में तल्लीन है। सरकार के काम को लेकर भी अब तक इन अफसरों की कार्यशैली समझ से परे है। अपने आपको बेदाग बताने वाले अफसर आज मजे करने में लगे है। अपने आपको पूर्ववर्ती सरकार में शोषित बताने वाले आज आसमान में उड़ते दिख रहे है।विभागों के काम को भी जिस स्पीड से करना था वो भी नही कर पा रहे है। सरकार को लेकर अब जनता में भी नाराजगी दिखने लगी है। सूत्रों के अनुसार दिल्ली दरबार ने अपनी एक निजी कंपनी से एक सर्वे करवाया है।जिसमे इन अफसरों की शिकायत दिल्ली तक पहुचने की जानकारी आई है। ऐसा न हो कि कही इन्ही अफसरों के ऊपर बड़ी कार्रवाही हो जाये। पार्टी के बड़े नेताओं ने भी इनकी मनमानी की शिकायत ऊपर तक की है।
मंत्रियों से ज्यादा इन नौकरशाही की ही सरकार में चलती है। अब इनको क्या है लुटिया तो भाजपा की ही डूबने वाली है। , बदनामी साय सरकार की हो रही है। इनके बारे में अब केंद्रीय नेतृत्व बहुत जल्द बड़ा फैसला ले सकता है।