हत्याकांड से भड़का आक्रोश, शहर में कई जगहों पर आगजनी,……..कबाड़ के फेर में पोलिसिंग का हुआ कबाड़ा, थाने के सामने पुलिस को धमकाने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं करना पुलिस को पड़ गया भारी,जिसका यह नतीजा ……… पुलिस अधीक्षक का जाना तय
सूरजपुर : छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में सोमवार को बड़ा बवाल हो गया है। आक्रोशित शहरवासियों ने जगह-जगह पर आगजनी शुरू कर दी है। कई जगहों पर पुरानी गाड़ियों और कबाड़ में आग लगा दी गई है। बदमाश कुलदीप साहू को घर भी शहरवासियों ने फूंक दिया है। वहीं उग्र भीड़ ने SDM को दोड़ाया तो उन्हें जान बचाकर भागना पड़ा। उधर बदमाश कुलदीप साहू का कांग्रेस पार्टी से कनेक्शन सामने आया है।
उल्लेखनीय है कि, सूरजपुर थाने में पदस्थ हेड कॉन्स्टेबल तालिब शेख के घर में घुसकर रविवार की देर रात एक स्थानीय बदमाश ने उनकी पत्नी और बेटी की तलवार और चाकू से काटकर हत्या कर दी। घर के भीतर ही मर्डर करने के बाद दोनों की लाश अर्धनग्न अवस्था में घर से लगभग पांच किलोमीटर दूर फेंक नहर के पास खेत में फेंक दिया। आरोपी बदमाश कुलदीप साहू ने पुलिस पर फायरिंग भी की है। मामला सूरजपुर जिला मुख्यालय का है।
सूरजपुर घटना को लेकर मुख्यमंत्री निवास में अहम बैठक शुरू हो चुकी है। बताते हैं, इस मामले में सूरजपुर के पुलिस अधीक्षक को हटाने पर भी कोई निर्णय हो सकता है। उधर, घटना के संदर्भ में बड़ा खुलासा हुआ है। आरोपी कुलदीप साहू का कबाड़ का बड़ा काम है। कबाड़ की पुलिसिया राजनीति से आरोपी पुलिस से बड़ा नाराज था। उसने कोतवाली के पुलिस कर्मियों को सरेआम धमका गया था कि देख लूंगा…
कुलदीप साहू सरगुजा संभाग का सबसे बड़ा कबाड़ी है। बाहुबली और धनबल की चर्चा आए दिन होते ही रहती है। स्वाभाविक बात है सूरजपुर जिले में उसके मुकाबले कोई था नहीं और टिकता भी नहीं था। कबाड़ के धंधे में होने के कारण अफसरों को सेट करना और उनके मुताबिक काम को अंजाम देना उसकी मजबूरी भी थी। इस पूरे घटनाक्रम के पीछे कबाड़ के धंधे में वसूली का खेल भी सामने आ रहा है। वसूली को लेकर पुलिस के अफसर से लेकर थाने के सिपाही और अधिकारी सीधे-सीधे दो गुटों में बंट गए थे। कुलदीप के विरोधी और समर्थकों के रूप में भीतर ही भीतर पुलिस वालों की पहचान बन गई थी।
इस पूरी घटना के पीछे तीन दिन पहले की घटना ने पृष्ठभूमि रच दी थी। सूरजपुर में नवरात्रि के अवसर पर शहनवाज अख्तर का जगराता कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। कुलदीप का बड़ा भाई संदीप साहू कार्यक्रम देखने पहुंचा था। किसी बात पर उनका शहर के ही कुछ लोगों से विवाद हो गया। बस फिर क्या था। घटना के तत्काल बाद गुटीय संघर्ष छिड़ गया। संदीप के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने पुलिस पर भारी दबाव बनने लगा था।
सिटी कोतवाली पुलिस ने संदीप को उठा लिया और सीधे थाने लेकर पहुंची। थाने में संदीप के साथ पुलिस ने मारपीट की। इस बात की जानकारी जैसे ही कुलदीप को हुई वे थाने पहुंचा और पुलिस वालों को ना केवल धमकाया वरन देख लेने की धमकी भी दी। सूरजपुर में दबी जुबान से इस बात की भी चर्चा हो रही है कि कुलदीप ने थाने में मौजूद अधिकारी और पुलिस वालों को सीधे-सीधे यह बोलकर धमकाया कि पैसा लेने के बाद भी इस तरह की कार्रवाई कर रहे हो। उसके साथ मारपीट कर रहे हो। सबको देख लूंगा। मेरे भाई के साथ जिसने मारपीट की है उसे तो देख ही लूंगा। दरअसल, पुलिस की कबाड़ की राजनीति से वह पहले से ही बौखलाया हुआ था।
कुलदीप की धमकी को क्यों नहीं लिया गंभीरता से
सवाल यह भी उठ रहा है कि कुलदीप ने सिटी कोतवाली थाना जाकर पुलिस वालों को देख लेने की धमकी दी और जान से मारने की भी। इसके बाद भी आला अफसरों के कान में जूं तक नहीं रेंगा। चर्चा हो रही है कि कबाड़ के धंधे में शामिल कुलदीप पुलिस के अफसरों के लिए दुधारु गाय बन गया था। पैसा वसूली के अलावा और भी काम करवाए जा रहे थे। इससे वह खिन्न था और पुलिस वालों पर दबाव भी बनाने लगा था। पता यह भी चला है कि कुछ दिनों से दूसरे कबाड़ियों को पुलिस बढ़ाने में लग गई थी। इससे कुलदीप का धंधा चौपट होते जा रहा था।
आरक्षक पर तेल फेंकने के बाद भड़के अफसर
विवाद के बाद कुलदीप ने आरक्षक पर गरम तेल फेंकने के कारण आरक्षक को गंभीर स्थिति में सूरजपुर के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस घटना के बाद एसपी ने कुलदीप को पकड़ने के लिए स्पेशल टीम का गठन किया। टीम में हेड कांस्टेबल को भी शामिल किया था।
हेड कांस्टेबल के ऊपर गाड़ी चढ़ाने की थी कोशिश
कुलदीप और हेड कांस्टेबल के बीच घटना से एक दिन पहले आमना -सामना हुआ था। इस बीच कुलदीप ने हेड कांस्टेबल को जान से मारने की धमकी देते हुए कार चढ़ाने की कोशिश की थी। हेड कांस्टेबल समय पर नहीं हटता को कार उसके ऊपर चढ़ ही जाता।
हेड कांस्टेबल की खोज में गया था घर
यह भी चर्चा है कि कुलदीप रात 11 बजे हेड कांस्टेबल को खोजते उसके घर गया था। उसके साथ दो और लोग भी थे। तीनों नशे में थे। घर में कांस्टेबल नहीं मिला तो पत्नी और बच्ची की धारदार हथियार से हत्या कर दी। घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी ने अपनी कार से दोनों शवों को फेंक आया और रात में ही गाड़ी धुलवा ली।
सूरजपुर जिला में आज एक बवाल हो गया है। घटना इतनी बड़ी हो गई है कि सूरजपुर एसपी की छुट्टी तय मानी जा रही है। वहां प्रधान आरक्षण की पत्नी और बेटी की हत्या से गुस्साई भीड़ ने आरोपी के घर को फूंक दिया। उग्र भीड़ ने एस डी एम को दौड़ाया जिससे भीड के गुस्से से बचने के लिए एसडीएम को मौके से जान बचाकर भागना पड़ा। इस घटना ने जिले की पुलिसिंग पर सवाल खड़ा कर दिया है।
इस मामले में जिला पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है। हेड कांस्टेबल की पत्नी और बेटी की हत्या के बाद भी बताते हैं, पुलिस मुख्यालय को इसकी खबर नहीं दी गई कि मामला बिगड़ सकता है। अगर पहले से ही पुलिस अलर्ट मोड में होती तो न आरोपी का घर फूंकने की घटना होती और न एसडीएम का जान बचाते वीडियो वायरल होता।
जबकि, महीने भर पहले कवर्धा में भीड़ द्वारा आरोपी का घर फूंकने की घटना हो चुकी है। इसके बाद स्थिति इतनी खराब हुई कि लाठी चार्ज करना पड़ा और बाद में कलेक्टर, एसपी को हटाना पड़ा, एडिशनल एसपी को सस्पेंड किया गया। इसके बाद भी सूरजपुर पुलिस ने कोई चुस्ती नहीं दिखाई।