नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन को शुक्रवार को दिल्ली की अदालत ने जमानत दे दी है। राउज एवेन्यू कोर्ट ने जमानत देते हुए कहा- अभी ट्रायल के जल्द खत्म होने के आसार नहीं हैं. सत्येंद्र जैन को इस मामले में मई 2022 में गिरफ्तार किया गया था। जैन ने सुप्रीम कोर्ट में भी जमानत के लिए याचिका लगाई है।
ED ने 24 अगस्त 2017 को CBI की तरफ से दर्ज की गई FIR को आधार बनाकर जैन के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच शुरू की थी। सत्येंद्र जैन ने 14 फरवरी 2015 से 31 मई 2017 तक कई लोगों के नाम पर चल संपत्तियां खरीदी थीं। जिसका वे संतोषजनक हिसाब नहीं दे सके थे। उनके साथ पूनम जैन, अजित प्रसाद जैन, सनील कुमार जैन, वैभव जैन और अंकुश जैन के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया था।
6 मई को सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल कंडीशन के आधार पर जैन को 6 हफ्ते की जमानत दी थी। 11 जुलाई को उनकी जमानत का आखिरी दिन था। जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था- “जैन प्राइवेट अस्पताल में इलाज करा सकते हैं, लेकिन किसी भी गवाह को प्रभावित नहीं करेंगे। न ही दिल्ली के बाहर जाएंगे। जो भी इलाज करवा रहे हैं, उसकी रिपोर्ट 10 जुलाई तक पेश करें।”
जैन 31 मई 2022 से हिरासत में थे। 6 अप्रैल 2023 को दिल्ली हाईकोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद मई 2023 में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी, जहां से उन्हें 360 दिन बाद 42 दिन की जमानत मिली थी।
25 मई की सुबह AAP नेता सत्येंद्र जैन तिहाड़ जेल के वॉशरूम में फिसलकर गिर पड़े थे। उन्हें दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में भर्ती कराया गया था। दोपहर में उनकी हालत बिगड़ने के बाद उन्हें लोकनायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल में शिफ्ट कर ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया था।