एसपी का कारनामा: डेढ़ साल जेल काट निकला गांजा तस्कर सिपाही को बर्खास्त करने कीे बजाए अगले दिन बहाल कर दिया…
छत्तीसगढ़ : जीआरपी के एसपी ने ड्रग तस्करी में जेल काट लौटे सिपाही को अगले दिन ही न केवल बहाल कर दिया बल्कि रेलवे स्क्वाड में तैनात कर दिया। सीनियर अफसरों का संरक्षण मिलने के बाद जीआरपी के सिपाहियों ने अपना नेटवर्क विस्तार कर आसपास के कई राज्यों में फैला दिया। इसके लिए बैंकों में विभिन्न नामों से 45 खाते खोल लिया और गांजा खरीदकर ट्रेनों के जरिये दूसरे राज्यों को सप्लाई करने लगे।
खुफिया इनपुट्स के बाद पुलिस ने जीआरपी के चार सिपाहियों को गांजा तस्करी में गिरफ्तार करने के मामले में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। इनमें गांजा तस्करी का सरगना कांस्टेबल लक्ष्मण गाईन गांजा तस्करी के मार्फत छत्तीसगढ़ का करोड़पति सिपाही बन बैठा। उसके पास दुनिया की सबसे महंगी बाइक में से एक हार्ले डेडिसन मिला है। यहीं नही चार लग्जरी कारें और एक करोड़ से अधिक का मकान और उसके नाम पर कई प्लॉट हैं।
डेढ़ साल जेल काट लौटा
गांजा तस्करी का सरगना लक्ष्मण गाईन 2018 में ड्रग पैडलर के आरोप में गिरफ्तार हुआ था। पुलिस ने उसे अरेस्ट कर कोर्ट में पेश किया था, उसके बाद डेढ़ साल तक उसका जमानत नहीं हुआ। जमानत मिलने के बाद उसे अगले दिन ही एसपी ने निलंबन समाप्त कर नौकरी में बहाल कर दिया था। यही नहीं, ट्रेनों में स्क्वाड पार्टी में उसकी ड्यूटी लगा दी। ताकि, वह अपना धंधा फिर से प्रारंभ कर सके। और ऐसा ही हुआ सिपाही ने अफसरों का संरक्षण पा गांजा की तस्करी का महाराष्ट्र, यूपी, पश्चिम बंगाल, तेलांगना तक विस्तार कर दिया। जानकारों का कहना है कि पुलिस में गंभीर किस्म के मामलों में एसपी सिपाही को बर्खास्त कर देते हैं। मगर ताज्जुब है कि ड्रग पैडलर जैसे अपराध में जो जवान डेढ़ साल जेल काटकर लौटा, उसे बर्खास्तगी की कार्रवाई करने की बजाए बहाल कर दिया गया।
गांजा रैकेट का सरगना
लक्ष्मण गाईन ड्रग तस्करी में 2018 में गिरफ्तार हुआ था। वह डेढ़ साल तक जेल में रहा। उसके बाद फिर इसी धंधे में लग गया। खुफिया पुलिस के सूत्रों ने बताया कि जीआरपी के गांजा रैकेट का लक्ष्मण सरगना था। सीनियर अफसरों के संरक्षण में गांजा की तस्करी कर उसने इतने पैसे कमा लिए हैं कि कानून के लंबे हाथ से बेखौफ हो गया है। गिरफ्तारी के समय भी वह निश्चिंत था कि जल्द ही वह छूट कर आ जाएगा। जीआरपी से लेकर पीएचक्यू तक के अफसरों का उसे संरक्षण मिला हुआ था।
बता दें, जीआरपी के जवान संगठित रूप से गांजे की तस्करी कर रहे हैं। खुफिया जांच में इसका खुलासा होने के बाद पुलिस ने चार कांस्टेबलों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। इस मामले में एक आईपीएस की संलिप्तता सामने आ रही है। तस्करी के लिए नाते-रिश्तेदारों के नाम पर 45 बैंक अकाउंट खोला गया था। इसमें करीब 15 करोड़ की लेनदेन का खुलासा हुआ है। सीएम विष्णुदेव साय ने अफसरों को आदेश दिया है कि इस मामले में कठोर कार्रवाई की जाए। डीजीपी ने निःपक्ष जांच के लिए बिलासपुर एसपी रजनेश सिंह को केस सौंप दिया है। रजनेश ने एनपीजी न्यूज को बताया कि कोलकाता से एक बड़े ड्रग पैडलर को पुलिस ने पकड़ा है। इनके साथ मिलकर जीआरपी गांजा और ड्रग की तस्करी कर रही थी।
छत्तीसगढ़ की शासकीय रेलवे पुलिस याने जीआरपी ने अपनी काली करतूतों से छत्तीसगढ़ पुलिस को कलंकित कर बदनाम कर दिया है। जीआरपी पिछले पांच साल से गांजे की आरगेनाईज ढंग से तस्करी कर रही थी। इसमें बड़े अधिकारियों की भूमिका बताई जा रही है। शीर्ष अफसरों की संलिप्तता को देखते डीजीपी अशोक जुनेजा ने मामले को बिलासपुर एसपी रजनेश को जांच के लिए सौंप दिया है। जांच में पता चला है कि पिछले पांच-सात साल में जीआरपी में रहे लगभग सभी सीनियर अफसरों ने बहती गंगा में जमकर डूबकी लगाई। करोड़ों रुपए इन अधिकारियों को हिस्से में मिला।