छत्तीसगढ़ में आरक्षक भर्ती प्रक्रिया पर लगी रोक हटी: हाईकोर्ट ने पुलिसकर्मियों के बच्चों को मिलने वाली छूट को किया खत्म
बिलासपुर : छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने आरक्षक भर्ती प्रक्रिया पर लगाई गई रोक को आज हटा दिया है। बुधवार को इस मामले की सुनवाई जस्टिस राकेश मोहन पाण्डेय की बेंच में हुई, जिसमें पुलिसकर्मियों के बच्चों को मिलने वाली छूट को समाप्त कर दिया गया है। सभी पुलिसकर्मियों के बच्चों को छूट को गलत माना गया है।
पुलिसकर्मियों के बच्चों को मिलने वाली छूट को हटाया गया
हालांकि, शहीद पुलिसकर्मियों के बच्चों को और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तैनात जवानों के बच्चों को छूट जारी रहेगी । हाईकोर्ट ने सभी पुलिसकर्मियों के बच्चों को छूट देने को गलत ठहराया और इसे संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 का उल्लंघन माना। अब भर्ती प्रक्रिया फिजिकल टेस्ट के बाद आगे बढ़ेगी।
इससे पहले, हाईकोर्ट ने आरक्षक संवर्ग 2023-24 के तहत विभिन्न पदों पर होने वाली भर्तियों पर रोक लगा दी थी। दरअसल, यह रोक जस्टिस राकेश मोहन पाण्डेय की बेंच ने याचिकाकर्ता बेदराम टंडन की याचिका पर लगाई थी।
क्या है पूरा मामला?
याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में बताया कि उनके बेटे ने राजनांदगांव जिले में कांस्टेबल जीडी के 143 पदों के लिए आवेदन किया था। लेकिन भर्ती विज्ञापन जारी होने और फॉर्म भरने के बाद डीजी पुलिस ने भर्ती प्रक्रिया में पुलिस विभाग के कार्यरत या एक्स सर्विसमैन कर्मचारियों के बच्चों को छूट देने का सुझाव दिया था।
इस पत्र में यह सुझाव दिया गया था कि 2007 के भर्ती नियमों की कंडिका 9(5) के तहत फिजिकल टेस्ट के कुछ मापदंडों, जैसे सीने की चौड़ाई और ऊंचाई, को शिथिल किया जा सकता है। अवर सचिव ने इस सुझाव को स्वीकार कर लिया था। जिसके बाद इस पर याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में आपत्ति दर्ज की और कहा कि विभाग के कर्मचारियों को छूट देना सामान्य नागरिकों के साथ भेदभाव है।
फिजिकल टेस्ट के बाद आगे बढ़ेगी भर्ती की प्रक्रिया
याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट से अपील की कि इस भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाई जाए, क्योंकि नियमों में शिथिलता केवल विभागीय कर्मचारियों के लिए लागू हो रही थी, जो सभी पदों पर भर्तियों को प्रभावित कर रहा था। इसके बाद कोर्ट ने इस भर्ती प्रक्रिया पर रोक को हटा दिया और प्रक्रिया को फिजिकल टेस्ट के बाद आगे बढ़ाने का आदेश दिया।