कोयला व्यापारी नरेन्द्र कौशिक के आत्महत्या मामले में मुंगेली पुलिस बरत रही लापरवाही……….सुसाइट नोट में दर्ज नाम के आरोपियों के खिलाफ अपराध दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार करने में पुलिस की रुचि नहीं………… क्या बिलासपुर पुलिस, और मुंगेली पुलिस द्वारा संचालित हो रहे कोयला प्लाटों की जांच करायेंगी ताकि दूसरा नरेन्द्र कौशिक घटना दोहराई न जाये……. पढ़ें पूरी खबर
सुसाइट नोट में लिखे हुए आरोपियों के खिलाफ अब तक नहीं हुआ अपराध दर्ज
मुंगेली पुलिस की कार्यशैली पर उठ रहे हैं सवाल
मृतक की भांजी दामाद और बहन ने पुलिस पर लगाया आरोपियों से मिली भगत का आरोप
बिलासपुर : कोयला व्यापारी के सुसाइड मामले में पुलिस की जांच धीमी
कोयला कारोबारी नरेंद्र कौशिक के सुसाइड मामले की जांच धीमी गति से चल रही है।
मृतक के परिजनों का अब तक नहीं हुआ बयान दर्ज
दरअसल घटना के पांच दिन बाद भी पुलिस ने सुसाइड नोट में जिन लोगों का नाम लिखा गया है, उनका बयान दर्ज भी नहीं किया है। पुलिस मृतक के परिवार के कुछ सदस्यों का ही बयान लिया है। घटना की जांच सरगांव थाना पुलिस कर रही है। मृतक कोयला कारोबारी ने सुसाइड नोट पर अपने मुंशी समेत अन्य लोगों पर आर्थिक प्रताड़ना का आरोप लगाया था।
बता दे तिफरा निवासी नरेंद्र कौशिक कोयला व्यापारी और ट्रांसपोर्टर था। साथ ही वो कोयला डिपो भी चलाता था। बीते मंगलवार को जहर खाने के बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई। परिजन और दोस्त आनन-फानन में उसे अपोलो अस्पताल लेकर गए, जहां इलाज के दौरान शाम करीब 5 बजे उसकी मौत हो गई। पुलिस को मृतक के कब्जे से सुसाइड नोट भी मिला, जिसमें लिखा है कि कोयला कारोबारियों राजेश कोटवानी, देवेंद्र उपवेजा, सूरज प्रधान और संजय भट्ट ने बर्बाद कर दिया है। 70 लाख के कर्ज का भी जिक्र किया है। इस मामले की जांच सरगांव थाना की पुलिस कर रही है। इस मामले में पुलिस ने सुसाइड नोट में जिन लोगों का नाम लिखा गया है, उनका बयान भी दर्ज नहीं किया गया है। सरगांव थाना प्रभारी संतोष शर्मा ने कहा कि नरेंद्र कौशिक मामले में जांच अभी चल रही है। सुसाइड नोट में जिन लोगों का नाम आया है। उनका बयान नहीं लिया गया है। अभी पीड़ित पक्ष के परिजनों का बयान दर्ज किया जा रहा है। अभी कई लोग इलाहाबाद गए हुए हैं तो पुछताछ बाकी है। आरोप से संबंधित सबुत जब्त किया जाएगा। इसके बाद जांच आगे बढ़ेगी।
कोयला कारोबार में पार्टनर थे कोटवानी और साथी
मृतक नरेंद्र कौशिक के साथ राजेश कोटवानी और उसके साथ कोयला के काम में।पार्टनर थे। इसलिए भरोसा भी एक दूसरे पर था। लेकिन इसी भरोसे का फायदा उठाकर राजेश कोटवानी में धोखाधडी किया और लाखों का चूना लगा दिया।
कोल डिपो में लाखो का कोयला,लोडर और हाइवा समेत गाड़िया गाय
मृतक ने आत्महत्या करने के पहले अपने चारों साथियों का नाम लिखा और जहर खाक जान दे दी। खुदकुशी करने के पहले उसने पूरी कहानी लिखी और मौत को गले लगा लिया।इस मामले में मृतक ने यह तक लिखा था कि उसे बर्बाद करने में उसके साथियों ने किसी तरह की कोई कसर नहीं छोड़ी है।लोडर,हाइवा और अन्य वाहनों को जबरदस्ती ले गए और डिपो में रखे लाखो के कोयला को बेचकर खा गए।
पुलिस को सुसाइट नोट के बाद अब किसका इंतजार
सुसाइट नोट मिलने के बाद अक्सर पुलिस नाम लिखे हुए लोगों को गिरफ्तार कर लेती है और उसके बाद उनसे पूछताछ करती है लेकिन इस मामले में जरा भी ऐसा नहीं है बल्कि आरोपी खुलेआम घूम रहे है और सेटिंग करने में लगे हुए है।
मोबाइल की जांच और गाड़ियों की हुई जांच
पुलिस का कहना है कि मोबाइल से काल डिटेल और व्हाट्सएप में हुए चैटिंग के बारे में जांच पड़ताल किया जायेगा।
उसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
साथ ही गाड़ी में जहर खाने के मामले को भी बारीकी से देखा रहा है।
कोयला कारोबारी के मामले में अभी पहले पक्ष का बयान लिया जाएगा।उसके बाद आरोपियों का बयान लिया जाएगा।यह कहना है,संतोष शर्मा थाना प्रभारी सरगांव का।
राष्ट्रीय जगत विजन के द्वारा बिलासपुर में, बेलततरा से लेकर हिर्री तक संचालित हो रहे कोयला प्लाटों की पड़ताल में पाया कि अधिकांश प्लाट संचालकों के नाम पर न ही खुद की जमीन है और ना ही उनके खुद के नाम पर कोयला भंडार का लायसेंस है लगभग लोगों के द्वारा किराए पर लेकर कोयला भंडार कर रहे हैं, और कोयले में अवैध मिक्सींग कर खरीदने और बेचने का कार्य किया जा रहा है। और माइनिंग विभाग के पास फुर्सत नहीं है इनकी जांच करने की। उसी तरह से मुंगेली जिले में भी सरगांव,पथरीया व अन्य जगहों में संचालित हो रहे कोयला प्लाटों का हालात हैं । इसी का नजीता है व्यापारी नरेन्द्र कौशिक के द्वारा किया गया आत्मदाह अगर समय रहते उसकी शिकायत पर पुलिस कार्यवाही की गई होती तो यह स्थिति निर्मित नहीं होती और आज वह व्यापारी जिंदा रहता। अब इस घटना से सबक लेते हुए क्या बिलासपुर पुलिस अधीक्षक और मुंगेली पुलिस अधीक्षक के द्वारा अपने अपने जिलों में संचालित हो रहे सभी प्लाटों की जांच कराने की कृपा करेंगे। ताकि अवैध तरीके से चल रहे कोयला प्लाटों पर कार्यवाही हो सके और आगे इस तरह की घटना दोहराई न जा सके।