बलौदा बाजार कोतवाली के पूर्व निरीक्षक अमित तिवारी को सुप्रीम कोर्ट से मिली बड़ी राहत
रायपुर : बलौदा बाजार कोतवाली के पूर्व निरीक्षक रहे अमित तिवारी को सुप्रीम कोर्ट से मिली बड़ी राहत मिल गई है
छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार के बहुचर्चित सेक्स स्कैंडल मामले में पूर्व थाना प्रभारी अमित तिवारी की अग्रिम जमानत याचिका को हाईकोर्ट ने यह कहते हुए खारिज कर दी गई थी की पूर्व में दो अरोपी शीरीष पान्डेय एंव एक अन्य की अग्रिम जमानत याचिका खारिज किया जा चुका है इसलिए अमित तिवारी को अग्रिम जमानत का लाभ देना उचित प्रतीत नहीं होता है ।यह कहते हुए हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के डिविजन बेंच ने खारिज कर दिया था। जिसके बाद अमित तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका अपने सिनियर विद्ववान अधिवक्ता राजेश पाण्डेय के माध्यम से लगाया था। जिस पर अधिवक्ता ने सुनवाई के दौरान अपना पक्ष रखते हुए कहा कि एक
आरोपी के मात्र कथन के आधार पर निरीक्षक अमीत तिवारी को आरोपी बनाया गया है, सुप्रीम कोर्ट के विद्ववान अधिवक्ता राजेश पाण्डेय
जबकि जून 2023 से मार्च 2024 तक बलौदाबाजार के थाना प्रभारी रहे अमित तिवारी के विद्ववान अधिवक्ता की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर अग्रिम जमानत याचिका में कहा गया कि , उन्हें झुठा राजनीतिक द्वेष में फंसाया गया है। उनके खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार हैं। सिर्फ मामले में एक अभियुक्त के मैमोरैंडम कथन के आधार पर आरोपी बनाया गया है।
उस प्रकरण में आवेदक का किसी प्रकार का कोई लेनदेन नहीं है। आवेदक का स्थानांतरण जशपुर हो गया है। उसके स्थानांतरण के 9-महीने बाद मामले में आरोपी शिरीष पान्डेय के मेमोरेंडम कथन के आधार पर अपराध क्रमांक 260/24 दिनांक 7/4/2024 में नाम जोड़ कर अपराध दर्ज किया गया है। जिस पर सर्वोच्च न्यायालय के डबल बेंच के जस्टिस पंकज मित्तल और जस्टिस संजय करोल ने निरीक्षक अमित तिवारी की अंतरीम जमानत स्वीकार करते हुए छत्तीसगढ़ शासन को नोटिस जारी कर 6 सप्ताह में जवाब देने को कहा गया है ।
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