छत्तीसगढ़ : जमीन रजिस्ट्री के बाद 1.63 करोड़ का चेक बाउंस, जानिए क्या है पूरा मामला?
सरगुजा : सरगुजा में जमीन दलाल ने आदिवासी बुजुर्ग और उसकी पत्नी के नाम पर दर्ज 2.81 एकड़ जमीन का सौदा 2 करोड़ में करते हुए रजिस्ट्री करा ली। वृद्ध ने स्वयं और पत्नी की जमीन की रजिस्ट्री कर दी। रजिस्ट्री के दौरान उसे 2 करोड़ रुपये का 23 चेक दिया गया। रजिस्ट्री के बाद 37 लाख रुपए ही क्लीयर हो पाए और शेष 1.63 करोड़ रुपए के चेक बाउंस हो गए। बुजुर्ग की शिकायत पर मणिपुर पुलिस ने पांच आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का अपराध दर्ज किया है। जानकारी के मुताबिक, भाथूपारा निवासी चिंतामणि उरांव (78) ने मणिपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई कि लक्ष्मीपुर में उसके नाम पर खसरा नंबर 456/2 रकबा 1.70 एकड़ और पत्नी निर्मला के नाम पर बगल में खसरा क्रमांक 402/4 रकबा 1.11 एकड़ जमीन है। मिशन चौक निवासी जमीन दलाल विकास गुप्ता से चिंतामणि उरांव की पहचान पांच-छह सालों से थी।
विकास गुप्ता ने उसे झांसा दिया कि खसरा क्रमांक 456/2 की जमीन राजस्व के ऑनलाइन रिकॉर्ड में शासकीय भूमि होना बताता है। उक्त भूमि को हमें बेच दो नहीं तो सरकारी खाते में चला जाएगा। विकास गुप्ता ने चिंतामणि उरांव को झांसे में ले लिया और उसकी मुलाकात परसापाली निवासी संजय तिग्गा से कराते हुए बताया कि यही जमीन खरीदेगा। कुछ दिनों बाद उसने एक और पार्टनर अलेकजेंडर केरकेट्टा से मिला। सबने मिलकर जमीन खरीदने के लिए कहा, लेकिन सौदे की जानकारी परिवार के अन्य लोगों को न देने के लिए कहा। जमीन दलालों ने पत्नी निर्मला की जमीन की पॉवर ऑफ अटार्नी चिंतामणि उरांव के नाम बनवा दी। 22 मार्च 2024 को अंबिकापुर रजिस्ट्री कार्यालय में ले कार चिंतामणि उरांव और पत्नी निर्मला उरांव के नाम पर दर्ज कुल 2.81 एकड़ भूमि की पांच रजिस्ट्री कागज तैयार किया गया। रजिस्ट्री के दौरान आरोपियों ने अलग-अलग बैंकों का 2 करोड़ रुपए का कुल 23 नग चेक दिया। उक्त भूमि का शासकीय मूल्य 1.054 करोड़ रुपए है। Also Read – छत्तीसगढ़ में ठगी, राजस्थान में पकड़े गए दो फ्रॉड आरोपियों ने जमीन की रजिस्ट्री करमचंद पैंकरा निवासी गुरुद्वारा वार्ड अंबिकापुर, मधुर विनय तिर्की निवासी अंम्बिकापुर, राजकुमार टोप्पो निवासी बलरामपुर, नीरज राम निवासी बाबूपारा अंबिकापुर और अलेकजेंडर केरकेट्टा निवासी मायापुर अंबिकापुर के नाम पर कई गई। चिंतामणि उरांव ने चेकों को भुगतान के लिए बैंक में लगाया तो केवल 7 चेक का 37 लाख रुपए ही मिले। शेष 16 चेक बाउंस हो गए। पैसों के भुगतान के लिए विकास गुप्ता, संजय तिग्गा और अलेकजेंडर से संपर्क करने पर उन्होंने गोल-मोल जवाब दिया। उक्त जमीन को
दूसरों को बेचने के लिए विकास गुप्ता, संजय तिग्गा और अलेकजेंडर केरकेट्टा दूसरों को दिखाने लगे तो ठगी का एहसास हुआ। चिंतामणि उरांव ने रिपोर्ट में बताया है कि उसकी जानकारी के बिना जमीन का नामांतरण भी करा लिया गया है। रिपोर्ट पर पुलिस ने आरोपी विकास गुप्ता, करमचंद पैंकरा, मधुर विनय तिर्की, राजकुमार टोप्पो, नीरज राम, अलेकजेंडर केरकेट्टा और संजय तिग्गा के खिलाफ धारा 420, 120 बी का अपराध दर्ज किया है। मामले की जांच की जा रही है।