छत्तीसगढ़ के SBR कालेज मैदान पर शासन का कब्जा………खऱीदारों और विक्रेता ट्रस्टी को हाईकोर्ट से तगड़ा झटका……..रजिस्ट्री हुआ शुन्य करने का आदेश………कहा शासन के खाते में चढ़ायें जमीनकालेज मैदान खरीदने वाले 11 खरीदारों को लगा जोर का झटका…….. देखिए आदेश
बिलासपुर : आखिर कार लम्बी सुनवाई के बाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस माननीय रमेश सिंन्हा ने बिलासपुर के एसबीआर कालेज के मैदान पर अधिकार का फैसला सुना दिया है। हाईकोर्ट ने 2 दिसम्बर को फायनल सुनवाई कर कालेज मैदान की जमीन को शासन का होना बताया है। चीफ जस्टिस की डबल बैंच ने सभी सेल डीड को निरस्त कर शासन को आदेश दिया है कि मैदान को सरकार के खाते में दर्ज किया जाए। हम आपको बता दें कि मैदान को बचाने के लिए मामले में अतुल बजाज,सुमित बजाज, अमित बजाज और संतोष बजाज ने याचिका दायर किया था। शासन की तरफ से जमीन के बचाव करने छत्तीसगढ़ के महाधिवक्ता प्रफुल्ल भारत ने पैरवी करते हुए शासन का पक्ष रखा था।
कालेज मैदान पर कालेज का कब्जा
अन्ततः हाईकोर्ट के डबल बैंच ने एसबीआर कालेज मैदान का फैसला सुना दिया है। मामले की फायनल सुनवाई 2 दिसम्बर को चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और एके प्रसाद के डबल बैंच में हुई। मालूम हो कि एसबीआर कालेज मैदान को लेकर सिंगल बैंच के फेसला के खिलाफ अतुल बजाज, अमित बजाज, सुमित बजाज और संतोष बजाज की तरफ से अधिवक्ता अनुरग दयाल श्रीवास्तव ने डबल बैंच में याचिका दायर किया था। शासन की तरफ से डीबी को महाअधिवक्ता प्रफुल्ल भारत ने जमीन शासन का होना बताया।
अतुल बजाज और अन्य की याचिका स्वीकार
हम आपको बता दें कि हाईकोर्ट के सिंगल बैंच ने अतुल बजाज और अन्य की याचिका को खारिज कर ट्र्स्ट के पक्ष में पहले फैसला सुनाया था। अतुल बजाज, अमित बजाज समित बजाज और संतोष बजाज की तरफ से अधिवक्ता अनुराग दयाल श्रीवास्तव ने सिंगल बैंच के खिलाफ चीफ जस्टिस की डबल बेंच में याचिका दायर किया था। शासन के महाधिवक्ता प्रफुल्ल भारत ने भी एसबीआर मैदान को शासन का होना बताया था। दोनो अधिवक्ताओं ने सुनवाई के दौरान बताया कि जमीन को तत्कालीन ट्र्स्ट ने शासन को दान दिया था। भूलवश वर्तमान में मौजूद दो एकड़ 38 डिसमित जमीन खाते में दर्ज नहीं हुआ था। इसका फायदा उठाकर वर्तमान ट्र्स्टी कमल बजाज ने जमीन को 11 लोगों के पास रजिस्ट्री कर दिया है।
खेल मैदान की जमीन को शासन के खाते में चढ़ाने का आदेश
इस दौरान डबल बेंच ने ट्रस्टी कमल बजाज के अधिवक्ता का भी तर्क सुना। लम्बी सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की डबल बैंच ने अतुल बजाज और अन्य की अपील को स्वीकार किया। कोर्ट ने आदेश दिया कि रजिस्ट्री को तत्काल खारिज किया जाता है। साथ ही शासन को निर्देश दिया जाता है कि प्रक्रिया के तहत छूट गयी कालेज मैदान की जमीन खसरा नम्बर 107/3, 108/3 और 109 कुल रकबा दो एकड़ 38 डिसमित जमीन शासन के खाते में चढायी जाए।
सेल डीड करने वाले कमल बजाज को बडा झटका
हाईकोर्ट के आदेश के बाद जमीन की सेल डीड करने वालों को तगड़ा झटका लगा है। हम आपको बता दें कि ट्रस्टी के कमल बजाज ने जमीन को ,सौरभ सोनछात्रा, शिशिर सोनछात्रा, रूपेश सराफ, अजय कुमार जायसवाल, गुरूविन्दर सिंह भाटिया, सुमित भाटिया, बलवीर भाटिया, अमनदीप सिंह, अरविन्द कुमार भानुशाली, दीपक अग्रवाल और मीनत भानुशाली के नाम पर रजिस्ट्री किया है।