रायपुर: ACB ने CGMSC के सबसे बड़े सप्लायर मोक्षित कारपोरेशन के डायरेक्टर शशांक चोपड़ा को गिरफ्तार के बाद अब CGMSC के अफसरों को पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा है। जिसपर कई खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है
छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कारपोरेशन में करोड़ों रुपए के घोटाले की जांच ACB/EOW ने तेज कर दी है। हाल ही में ACB ने CGMSC के सबसे बड़े सप्लायर मोक्षित कारपोरेशन के डायरेक्टर शशांक चोपड़ा को गिरफ्तार किया था। इसे कोर्ट ने 4 फरवरी तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया है।
इन अफसरों के नाम पूछताछ के लिए भेजे
ACB – EOW की टीम आरोपी से पूछताछ कर रही है। वहीं, जांच का दायरा बढ़ाते हुए ACB-EOW ने 6 अधिकारियों से पूछताछ के लिए राज्य सरकार से नियम 17 ए के तहत अनुमति मांगी है। ACB-EOW अधिकारी ने मीनाक्षी गौतम, वसंत कौशिक, डॉ. अनिल परसाई, क्षिरौंद्र रावटिया, कमलकांत पाटनवार और आनंद राव के नाम पूछताछ के लिए भेजे हैं। सभी अधिकारी CGMSC में डेपुटेशन पर तैनात रहे हैं या वर्तमान में पदस्थ हैं।
अब जानते हैं क्या है पूरा मामला छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कार्पोरेशन ने जनवरी 2022 से 21 अक्टूबर 2023 तक अरबों रुपए की खरीदी मोक्षित कार्पोरेश और सीवी कार्पोरेशन से की। मेडिकल कार्पोरेशन के अफसरों ने 300 करोड़ रुपए के रीएजेंट खरीद लिए, ताकि कंपनी के पास उपलब्ध केमिकल की एक्सपायरी नजदीक न आ जाए। अफसर और कंपनी के बीच की इस गठजोड़ का खुलासा 22 जनवरी 2025 को EOW की FIR से हुआ। छह पेज की इस एफआईआर में ईओडब्ल्यू ने अफसर और कंपनी की गड़बड़ियों का डिटेल जिक्र किया है।
अनुमान के मुताबिक सरकार पर करीब 411 करोड़ का बोझ पड़ा है। एजेंसी अब इसकी जांच पड़ताल में जुट गई है। हाल ही में एसीबी और ईओडब्लयू ने मोक्षित कार्पोरेशन के दफ्तर पर छापा मार कार्रवाई की थी। इसके बाद कंपनी के डायरेक्टर शशांक चोपड़ा को गिरफ्तार किया था।
