छत्तीसगढ़ महादेव एप से खिलाते थे ऑनलाइन सट्टा, 50 करोड़ की हेराफेरी का हुआ खुलासा
छत्तीसगढ़: भिलाई पुलिस ने महादेव बुक के छह महीने पुराने ब्रांच को ध्वस्त करने में सफलता हासिल की है। पुलिस की कार्रवाई में ये अब तक का सबसे पुराना ब्रांच था। जो छह महीनों से संचालित हो रहा था। इस ब्रांच के माध्यम से अब तक 50 करोड़ रुपये से ज्यादा के लेनदेन होने की जानकारी मिली है। पैनल धारक और एक अन्य आरोपित, महादेव बुक के तीन बड़े सट्टा किंग राज गुप्ता, कमल चेलानी और कपिल चेलानी का करीबी है। दूसरा आरोपित चार महीने पहले दुबई भी गया था और 10 दिनों तक वहां पर रहकर महादेव बुक का पूरा कामकाज समझकर आया था। उसे यहां पर लोकल हैंडलर के रूप में काम करना था, लेकिन उसके पहले ही वो पुलिस के हत्थे चढ़ गया। बता दें पुलिस ने अभी जिस ब्रांच को ध्वस्त किया है। उसका पैनल क्रमांक 233 है। आरोपितों के पास से तीन नग लैपटाप, 13 नग मोबाइल, एटीएम कार्ड, चेकबुक, कई बैंक खाते और छह महीनों का लेखा जोखा बरामद किया गया है। इन आरोपितों से कुछ अन्य पैनलों के बारे में जानकारी मिलने की उम्मीद है। इस मामले की जानकारी देते हुए एसपी डा. अभिषेक पल्लव और एएसपी संजय ध्रुव ने बताया कि मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले के बुड़ी रामनगर से सात आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। बुड़ी रामनगर जिला बालाघाट के एक किराये के मकान में महादेव बुक से आनलाइन सट्टा खिलाया जा रहा था। Also Read – केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आज कोरबा में आम सभा को करेंगे संबोधित पांच रास्ता हनुमान मंदिर के पास सुपेला निवासी अंकित मेश्राम (28) अपने छोटे भाई आशीष मेश्राम (20) के साथ मिलकर इस ब्रांच का संचालन कर रहा था। पांच रास्ता हनुमान मंदिर के पास सुपेला निवासी शोभित उर्फ विक्की गुप्ता (26) इनके साथ ब्रांच का पूरा काम संभाल रहा था। आरोपित अंकित मेश्राम ने ग्राम सावरी थाना लांझी जिला बालाघाट निवासी नरेंद्र सहारे (20), ग्राम पोपट भानेगांव थाना लांझी जिला बालाघाट निवासी हर्ष सोनी (22), ग्राम शेरपार वारासिवनी जिला बालाघाट निलासी ललित पटेल (24) और कपिल बिसई (24) को अपने पास काम पर रखा था। पूछताछ में पता चला कि आरोपित अंकित मेश्राम की नानी का घर ग्राम सावरीकला मोहजरी लांझी जिला बालाघाट में है। उसका छोटा भाई आशीष मेश्राम अपनी नानी के घर पर ही रहता था। बालाघाट में पूरा सेटअप जमाने में आशीष मेश्राम ने उसकी मदद की थी।
ब्रांच संचालक अंकित मेश्राम ने पुलिस को बताया कि सट्टा किंग राज गुप्ता से उसकी पुरानी पहचान थी। पहले वो प्राइवेट कंपनी में मार्केटिंग का काम करता था। काम छूटने के बाद उसने राज गुप्ता से संपर्क कर उससे पैनल लिया था। पहले उसे महादेव बुक का 177 नंबर का पैनल मिला था। जिसे बंद कर के उसने 233 नंबर का नया पैनल लिया था। कुछ महीने पहले तक वो राज गुप्ता के सतत संपर्क में था, लेकिन बाद में राज गुप्ता ने खुद ही सभी लोगों से सीधा संपर्क समाप्त कर लिया था। अंकित मेश्राम ने यह भी बताया कि वारासिवनी में एक और ब्रांच संचालित हो रहा था। पुलिस की कार्रवाई की खबर लगते ही उसने दूसरे ब्रांच वाले को सतर्क कर दिया। जिसके चलते वे लोग वहां से भाग गए। आरोपितों में शोभित उर्फ विक्की गुप्ता ने चार महीने पहले दुबई जाकर वहां पर महादेव बुक से जुड़े काम की ट्रेनिंग ली थी। उसके साथ बाबू एसएसडी, सेक्टर-6 निवासी रवि उड़िया समेत छह लोग दुबई गए थे। इनमें दुर्ग का भी एक युवक शामिल था, जिसका उसे नाम याद नहीं है। सिर्फ उपनाम चंद्राकर याद है। वहां पर उसकी मुलाकात राज गुप्ता, कमल चेलानी और कपिल चेलानी से हुई थी। वहां उन्हें एक विला में रखा गया था और पूरा कामकाज समझाया गया था। इसके बाद सभी लोग वापस लौट आए थे और यहां पर आकर उन्हें लोकल हैंडलर के रूप में कामकाज संभालना था। जिसके तहत वो बालाघाट गया था और आगे का काम करने वाला था। उसके साथ दुबई गए बाकि के युवकों के बारे में भी पुलिस जानकारी जुटा रही है।
विदेश में बैठकर भारत मे ऑनलाइन सट्टे के नेटवर्क चलाने वाले रवि ओप्पल और सौरभ चंद्राकर भारत से कोसो दूर,
ऑनलाइन सट्टा का नेटवर्क इंटरनेट पर अब इतने बड़े स्तर पर फैल चुका है कि इसे पूरी तरह से खत्म करना शायद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के भी हाथ में नही हो,छत्तीसगढ़ सरकार ने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में इस सट्टा एप्प की जांच और कार्यवाही को लेकर माननीय छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में एक याचिका पेश होते और उसमें सीबीआई ईडी और सरकार को नोटिस जारी होते ही इस सट्टा एप्प के लिए विधानसभा में एक नया कानून बनाने का विधेयक पारित किया है ।इसके बाद भी भारत मे ऑनलाइन सट्टा कारोबार नही थम रहा है सूत्रों की माने तो 40 हजार करोड़ की अवैध कमाई अभी तक रवि चेलानी और सौरभ चंद्राकर ने किया है विदेश में बैठकर भारत मे ऑनलाइन सट्टा चलाने की भरपूर सबुत भी दुर्ग पुलिस ने इक्कठा कर लिया है ईडी भी इसके पीछे लग गई है। किंतु अभी तक रवि ओपल और सौरभ को पकड़ पाने में क़ानून , और छत्तीसगढ़ पुलिस बेबस लाचार है हालांकि दुर्ग पुलिस दुर्ग निवासी रवि ओप्पल और सौरभ चंद्राकर के ऑनलाइन नेटवर्क को तोड़ने के लिए छोटे मछलियों पर कार्यवाही करनेका प्रयास कर रही है ।अभी तक छत्तीसगढ़ सरकार के निर्देश पर दुर्ग पुलिस ने ऑनलाइन सट्टा रैकेड के छोटे मछलियों पर ताबड़तोड़ कार्यवाही की है तो वही अन्य जिलों की पुलिस ने भी ऑनलाइन सट्टा पैनलों पर कार्यवाही की है छत्तीसगढ़ पुलिस और देश के आगे चुनौती बन चुकी महादेव और अन्ना रेड्डी बुक कई वेबसाइट पर इंटरनेट के माध्यम से सट्टा खिला रही है चाहे लाइव क्रिकेट मैच हो,फुटबाल हो या ताश सारे गेमों पर दांव लगवाकर भारत देश के कानून को धूल चटा रही है ।और माल कमा रही है क्रिकेट सट्टा को लेकर अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद को सरगना माना जाता था जो भारत से भागकर दुबई में जाकर बस गया था इसी दाऊद के तर्ज पर रवि ओपल और सौरभ चंद्रकार ऑनलाइन सट्टा खिलाकर अभी तक कुल 40 हजार करोड़ के कंपनी का मालिक बन चुके है प्रवर्तन निदेशालय ईधर छोटी कार्यवाही में भिड़ी रही इधर देश को आर्थिक रूप से कमजोर करने वाले गद्दारों पर कार्यवाही करने में पीछे रह गई सो आज देश के गद्दार विदेश में यैस कर रहे है इधर पुलिस इसके एक पैनल को खत्म करने में कई दिनों तक सुराग खोजते रहती है ।यह कारोबार इतने शातिराना अंदाज में किया जा रहा है कि पुलिस को इनके अड्डे तक पहुचने में समय लग रहा है जिस नंबर से महादेव और अन्ना बुक का पैनल चलता है उसमें केवल व्हाट्सएप चलता है उसे सटोरिया वाईफ़ाई से कनेक्ट रखते है और उस मोबाइल नंबर को बंद रखते है ताकि पुलिस को उनका लोकेशन नही मिले यही नही ये शातिर अपराधी जिस खाता में पैसा का लेनदेन करते है उस खाता को भी ट्रेस कर पाने में भी पुलिस को मश्क्कत का सामना करना पड़ रहा है ।
दुर्ग पुलिस से जानकारी बटोर कर ले गई ईडी,अभी तक की कार्यवाही शून्य
आपको बता दे कि दुर्ग पुलिस एसएसपी अभिषेक पल्लव ऑनलाइन सट्टा के छोटे गिरोह पर ताबड़तोड़ कार्यवाही कर रही है । और आगे भी छोटे मछलियों पर करने वाली है जानकारी मुताबिक दुर्ग पुलिस से ईडी रवि चेलानी और सौरभ चंद्राकर के खिलाफ कई सुराग प्राप्त कर चुके है इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि केंद्र सरकार इन अपराधियों को विदेश से लाने की कानूनी प्रक्रिया पूरी कर सकती है इन सट्टा माफियाओं के गिरफ्तार होते ही देश मे सट्टा माफियाओ और अंडरवर्ल्ड बदमाशों के तार की कड़ी खुल सकती है दुर्ग का एक छोटा सा सटोरिया रवि चेलानी और सौरभ चंद्राकर के पीछे और इन पर किसका हाथ है जो इतने बड़े स्तर पर देश मे इंटरनेट के जरिए इस अवैध करोबार को फैलाए है इसकी पूरी जमीनी हकीकत पुलिस नही खोल पाई तो ईडी के द्वारा ही ख़ोलने का पुरा आसार है