शिक्षकों का काम है अपने छात्रों को समाज की बुराइयों से अवगत कराना और उसके खिलाफ किस तरह से लड़ना सिखाना है, अच्छी शिक्षा देना समाज में कैसे रहना यह सब बताना होता है। लेकिन तब क्या हो जब एक शिक्षक ही अपने छात्रों के सामने ऐसा गंदा उदाहरण पेश करे तो कोई भी माता-पिता नहीं चाहेंगे कि उनके बच्चे शिक्षक से ये बातें सीखे। ये सब इसलिए बताया जा रहा है क्योँकि एक मामला सामने आया है जिसे जानने के बाद लोग शिक्षकों पर भी सवाल उठाना शुरु कर देंगे। और उनके ऊपर से छात्रों का भरोसा ही उठ जायेगा।
दरअसल प्रदेश के एक जिले से शिक्षक की अय्याशी की खबर सामने आई है जहां शिक्षक हॉस्टल में रात को लडकियां लाकर उनके साथ रातें रंगीन करता था। इस मामले के सामने आने के बाद शिक्षक को निलंबित कर दिया गया है। मामला पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक का है। बच्चो ने शिक्षक को हॉस्टल के कमरे में बंद कर पुलिस को सूचना दी थी। जिसके बाद पुलिस शिक्षक को पकड़ कर अपने साथ थाने लेकर गई थी।
मिली जानकारी के अनुसार प्रदीप कुमार टोप्पो पोड़ी-उपरोड़ा ब्लॉक के चन्दौटी संकुल अंतर्गत आने वाले शासकीय प्राथमिक शाला मोहनपुर में सहायक शिक्षक के पद पर पदस्थ है। 21 जनवरी की रात्रि साढ़े नौ बजे पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक के ही अंतर्गत आने वाले प्री मेट्रिक छात्रावास लैंगी में सहायक शिक्षक प्रदीप कुमार टोप्पो एक लड़की को लेकर अश्लील कार्य करने पहुँचे। वो हॉस्टल में अधीक्षक के कमरें में अपने साथ लाई लड़की को लेकर घुस गए। तकरीबन दो घण्टों तक वह बाहर ही नही आये। उनकी अनैतिक व संदिग्ध गतिविधियों को देखकर हॉस्टल के बच्चों ने दो घण्टे बाद अधीक्षक के कमरे में ताला लगा दिया।
रात भर अधीक्षक व उनके साथ आई युवती कमरे में ही बंद रही। सुबह जानकारी मिलने पर पसान थाना की पुलिस मौके पर पहुँची और शिक्षक व युवती को अपने साथ लेकर पसान थाना पहुँची। यहां युवती द्वारा शिक्षक को अपना परिचित बताया साथ ही शिक्षक के खिलाफ कोई भी शिकायत करने से मना कर दिया। जिसके बाद दोनो को थाने से बिना कार्यवाही के ही छोड़ दिया गया।
पोड़ी उपरोड़ा के खंड शिक्षा अधिकारी ने पूरे मामले की जांच कर प्रतिवेदन जिला शिक्षा अधिकारी को सौपा। जिसमे छतीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 के तहत शिक्षक का आचरण सर्वथा भिन्न पाया गया। अतः सहायक शिक्षक प्रदीप कुमार टोप्पो शासकीय प्राथमिक शाला मोहनपुर, संकुल चन्दौटी ब्लॉक पोड़ी उपरोड़ा जिला कोरबा को छतीसगढ़ सिविल सेवा वर्गीकरण एवं नियंत्रण अधिनियम 1966 के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय बीईओ कार्यालय पाली निर्धारित किया गया है।