छत्तीसगढ़ में गुनाहों का मुख्यमंत्री, पुत्र चैतन्य के बाद भूपेश बघेल से भी पूछताछ के जल्द आसार, ऑफिस ऑफ़ प्रॉफिट में ‘ बघेलखंड ‘ का सिंगल विंडो सिस्टम, देखे चैट
दिल्ली / रायपुर : छत्तीसगढ़ में सरकारी तिजोरी लूटने वालो की फेहरिस्त में सिर्फ राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबियों का नाम ही शामिल है, अन्य किसी नेता का ना तो ‘ हाथ ‘ पाया गया है, और ना ही वे सशरीर ED के हत्थे चढ़े है। राज्य में IT-ED की अब तक की कार्यवाही में सिर्फ और सिर्फ मुख्यमंत्री के नाते रिश्तेदारों, करीबी अफसरों और ठेकेदारों से ही ED की पूछताछ जारी है। लेकिन अब मामले में तेजी के आसार बताये जाते है। सूत्रों के मुताबिक राज्य के मुख्यमंत्री से भी पूछताछ की तैयारी शुरू हो गई है।
बताया जा रहा है कि पुत्र चैतन्य बघेल के बाद पूछताछ की बारी भूपेश बघेल की है। इसके लिए मुहूर्त का इंतजार किया जा रहा है। बताते है कि राज्य में होने वाली मोदी सरकार की G-20 सबमिट के पूर्व प्रदेश में काफी बदलाव के आसार है। सूत्र बताते है कि विधान सभा सत्र के उपरांत केंद्रीय जाँच एजेंसियां कुछ नेताओ और उनके होनहार पुत्रो के साथ-साथ अखिल भारतीय सेवाओं के कुछ चुनिंदा कारोबारी अफसरों पर अपना शिकंजा कस सकती है। इसके लिए कुछ खास परिस्थितियों में दी जाने वाली अनुमति भी प्राप्त हो गई है। सूत्र बताते है कि मंत्रालय में छपेमारी की तर्ज पर कुछ नए ठिकानो में दबिश की आशंका से भी इंकार नहीं किया जा सकता।
बताते है कि भूपेश बघेल के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने के बाद राजनैतिक और प्रशासनिक हलकों में भ्रष्टाचार की रोकथाम के बजाय उसकी पैदावार बढ़ाने को लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय 24X7 कार्यरत रहा। नतीजतन उपसचिव सौम्या चौरसिया, कोयला दलाल सूर्यकान्त तिवारी और IAS समीर विश्नोई समेत दर्जनों कारोबारी और सरकारी अधिकारी रायपुर सेंट्रल जेल की हवा खा रहे है।
बताते है कि कांग्रेस सरकार के लोक कल्याणकारी कार्यो के चलते प्रदेश में कोहराम मचा है। हालत यह है कि एक ओर भ्रष्टाचार, घोटालो और अपराधों के जरिये भूपेश बघेल के करीबी तमाम सरकारी और गैर सरकारी सबूतों को नष्ट कर रहे है। दस्तावेजी प्रमाणों को आरोपियों के साथ मिलकर सरकारी और वैधानिक कार्यवाही को दूषित किया जा रहा है, सबूतों के साथ छेड़छाड़ की जा रही है। DGP, DG, ADG, IG, DIG और SSP जैसे जिम्मेदार पदों पर तैनात अखिल भारतीय सेवाओं के कई अधिकारियो की चैट सार्वजनिक हो रही है। देखें चैट…..
राज्य की विधान सभा में मुख्यमंत्री बघेल घाटे का बजट पेश कर लगातार कर्ज के बोझ तले आम जनता को रसातल में डाल रहे है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक राज्य के प्रत्येक नागरिक के कंधे पर मुख्यमंत्री बघेल ने लगभग 40 हजार रुपये का कर्ज लाद दिया है। जबकि दूसरी और बघेलखंड के कुनबे में अपार धन सम्पदा का विकास दिन दुनी और रात चौगुनी प्रगति कर रहा है। इस बीच केंद्रीय एजेंसियां गरीबो पर खर्च की जाने वाली सरकारी रकम को डकारने वाले नेताओ, अफसरों और कारोबारियों पर अपना शिकंजा लगातार कस रही है। देखें चैट…..
बताते है कि केंद्रीय एजेंसियां छत्तीसगढ़ में बघेलखंड के घोटालो से अर्जित रकम की बरामदगी करने में जोर शोर से जुटी हुई है। हालांकि इस कार्य में अखिल भारतीय सेवाओं के कुछ चुनिंदा अधिकारी उसकी राह के रोड़ा बन गए है। बताया जाता है कि छत्तीसगढ़ में प्रशासनिक आपातकाल के वक्त राज्य के वरिष्ठ अफसरों की असलियत जाहिर करने वाली यह चैट गौरतलब है।देखें चैट…..
हाल ही में ED ने सुप्रीम कोर्ट में मुख़्यमंत्री बघेल और नान घोटाले के मुख्य आरोपी अनिल टुटेजा के खिलाफ आपराधिक कृत्यों से जुड़े कई दस्तावेजी प्रमाण प्रस्तुत किये है। ये प्रमाण काफी गंभीर है, इसमें बताया गया है कि मुख्यमंत्री बघेल के संवैधानिक अधिकारों का उपयोग नान घोटाले के आरोपी कर रहे है। ये चैट केंद्रीय जाँच एजेंसियों के अलावा राज्य के नागरिको की आँखे खोलने वाली बताई जाती है।
बताया जाता है कि सुप्रीम कोर्ट में ED ने कई दस्तावेजी प्रमाण और ऐसी ही चैट की लम्बी दास्तान पेश कर मुख्यमंत्री बघेल को कटघरे में खड़ा किया है। ED के मुताबिक मुख्यमंत्री बघेल नान घोटाले के आरोपियों को बचाने में जुटे है। उसके मुताबिक भ्रष्टाचार के आरोपी ही सरकारी तंत्र का इस्तेमाल अपने बचाव के लिए कर रहे है। देखें चैट…..
सूत्र बताते है कि आरोपियों और अफसरों के बीच अपराधों की साबुत नष्ट करने वाली ये चैट छत्तीसगढ़ शासन द्वारा अदालत में दी गई। तमाम दलीलों और हलफनामे की असलियत को जाहिर कर रही है। बताते है कि आने वाले दिनों ये चैट राज्य के महाधिवक्ता को भी मुश्किल में डाल सकती है। बताते है कि प्रदेश की खस्ताहाल कानून व्यवस्था की बानगी की तस्दीक भी ये चैट कर रही है।
छत्तीसगढ़ में भारत सरकार के मार्फ़त नियुक्त होने वाले अखिल भारतीय सेवाओं के जिम्मेदार अधिकारियो की कथनी और करनी का प्रमाण देख कर केंद्रीय जाँच एजेंसियां भी हैरत में बताई जाती है। सरकारी सेवा के तहत अपना फर्ज निभाने वाले अधिकारी ED और CBI के आरोपियों के समक्ष किस हद तक दंडवत हो गए है, ये चैट उनकी कार्य प्रणाली को जाहिर कर रही है। देखें चैट…..
छत्तीसगढ़ में कई वरिष्ठ अफसर CBI और ED के आरोपियों के साथ मिलकर ‘ न्याय का सौदा ‘ कर रहे है। उनकी चैट बताती है कि निचली अदालतों से लेकर हाई कोर्ट तक को टुटेजा एंड कंपनी प्रभावित करने में सरकारी शक्तियों का उपयोग कर रही थी। बताते है कि कुछ खास मामलो में तो जजों ने सूर्यकांत तिवारी और उसके जीजा राम कुमार तिवारी (तत्कालीन जिला जज रायपुर) के निर्देश पर फैसला लिया था। देखें चैट…..
बताते है कि टुटेजा एंड कंपनी पुलिस समेत तमाम गवाहों और शिकायतकर्ताओ का बंदोबस्त करते है। फिर मुख्यमंत्री बघेल की राह में रोड़ा बने पत्रकारों समेत अन्य लोगो को फर्जी मामलो में फंसा कर जेल दाखिल कराते है। इसके अलावा भी उद्योगपतियों और कारोबारियों को अपराधों में फंसा कर उन जजों के पास बतौर ग्राहक आरोपियों का मामला सौपते है, जो इस गिरोह में शामिल है।
टुटेजा के साथ IPS अधिकारियो की चैट बताती है कि बघेल सरकार के रंग-ढंग में वरिष्ठ अफसर तक कितने निम्न स्तर तक गिर कर अपना फर्ज निभा रहे है, बताते है कि ये चैट उन तमाम मामलो से जुडी हुई है, जिसका सीधा संबंध मुख्यमंत्री बघेल और उसके कार्यालय से जुड़ा हुआ है। देखें चैट….
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बताते है कि जो पत्राचार मुख्यमंत्री और उसके सचिवालय को करना चाहिए, उसे आरोपी टुटेजा खुद को बचाने के लिए इस्तेमाल कर रहा था। उसका बेटा यश टुटेजा EOW के उन अधिकारियों के साथ मिलकर अपने पिता के हितों को ध्यान में रखते हुए नान घोटाले के जाँच में शामिल अधिकारियो को अदालती कार्यवाही के लिए निर्देशित कर रहा था। चैट बताती है कि नान घोटाले को रफा-दफा करने के लिए EOW और पुलिस के अफसर तन-मन और धन से ED और CBI के आरोपियों के निर्देश पर अदालती कदमताल कर रहे थे।
छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के बाद पहला मौका है, जब IT-ED जैसी केंद्रीय एजेंसियों ने कई IAS और IPS अफसरों के ठिकानो पर दबिश दे कर उन पर अपना शिकंजा कसा है। छापेमारी में वर्ष 2018 से लेकर 2019 अर्थात मुख़्यमंत्री भूपेश बघेल के बैनर तले मात्र डेढ-दो साल के कार्यकाल में अर्जित उनके करीबी अफसरों और कारोबारियों के ठिकानो से ED ने लगभग 200 करोड़ की चल-अचल संपत्ति बरामद की है, जबकि लगभग 500 करोड़ की संपत्ति की पहचान और जप्ती कार्यवाही के लिए केंद्रीय जाँच एजेंसियों को दो-चार होना पड़ रहा है।
बताते है कि रायपुर में ED दफ्तर के सामने आये दिन सिर्फ मुख्यमंत्री बघेल के समर्थको के विरोध प्रदर्शनों से राजनीति तेज है। ED की जद में आये पार्टी प्रवक्ता आरपी सिंह, राम गोपाल अग्रवाल, विधायक देवेंद्र यादव से ED की पूछताछ के दौरान भूपेश बघेल की अगुवाई में कांग्रेस का प्रदर्शन चर्चा में है। देखें चैट…..
बताते है कि कांग्रेस नेता राम गोपाल अग्रवाल के नाते रिश्तेदारों को कांकेर के आरी डोंगरी में आयरन ओर खदानों के आवंटन, कई जिलों में लीज पर सरकारी जमीने, कई विभागों में ठेको को लेकर नियम प्रक्रियाओं का पालन नहीं किये जाने को लेकर ED पूछताछ में जुटी है। देखें चैट…..
उधर सीएम बघेल ED, की कार्यवाही को लेकर बीजेपी और केंद्र सरकार पर लगातार हमला कर रहे है। उनका ताजा दावा है कि छत्तीसगढ़ सरकार को बदनाम किया जा रहा है, इसमें बीजेपी और केंद्र सरकार दोनों शामिल है। लेकिन उनके समर्थको के ठिकानो में ED की छापेमारी में से बरामद हो रही नामी बेनामी संपत्ति को अटैच किये जाने के मुद्दे को लेकर सीएम बघेल चुप्पी साधे हुए है।
यही नहीं, सौम्या चौरसिया का निलंबन आदेश भी आज दिनांक तक राज्य सरकार द्वारा सार्वजनिक नहीं किया गया है। दिलचस्प बात यह है कि सौम्या के मामले में मुख्य विपक्षी दल बीजेपी ने भी दूरियां बनाये रखी है। उसके निलंबन आदेश की मांग और कार्यवाही को लेकर पार्टी के किसी भी विधायक ने सदन में आवाज तक नहीं उठाई।
बताते है कि बतौर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बैनर तले प्रदेश के ‘ मंत्रालय ‘ में ED की छापेमारी से सरकार की छवि बुरी तरह से धूमिल हुई है। प्रदेश के इतिहास में मंत्रालय में ED की रेड का मामला दर्ज हो गया है। वायरल हो रही चैट से अखिल भारतीय सेवाओं के दर्जनों अधिकारियो की कार्यप्रणाली जाँच के घेरे में है। देखें चैट…..
उनके कारनामो के आये दिन नये खुलासे हो रहे है। प्रशासनिक गलियारों में भ्रष्टाचार और अपराधों का बोलबाला है। बताते है कि बघेल के इन साढ़े चार सालो के कार्यकाल में ‘छत्तीसगढ़ सरकार’ की माली स्थिति जहाँ कमजोर हो गई है, वही सरकारी तिजोरी में ‘हाथ’ साफ करने वाले बघेल समर्थको का कुनबा रातो रात मालामाल हो गया है।
ED की छापेमारी में ऐसे लोगो के ठिकानो से जप्त हो रही ब्लैक मनी और बेनामी सम्पत्तियो के खुलासे से सीएम बघेल के दावों की पोल खुल रही है। ये चैट इसकी तस्दीक भी कर रही है।
बताते है कि कांग्रेस के अब तक के कार्यकाल में सिर्फ मुख़्यमंत्री बघेल के समर्थको की ही IT-ED में कतार लगी है। जबकि कांग्रेस के कई नेता भ्रष्टाचार के मुद्दों को सीएम और उनके लोगो का निजी मामला बता रहे है। उनका मानना है कि अब तक बघेल समर्थको को अपना हुनर दिखाने का मौका मिला है, बाकि के हाथ खाली है देखें चैट….
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राजनीति के जानकारों के मुताबिक ‘ बघेलखंड ‘ के अलावा पार्टी के कई नेता और उसके समर्थको को इन वर्षो में एहसास ही नहीं हो पाया की राज्य में कांग्रेस की सरकार है। उनके मुताबिक पूरे साढ़े चार सालो तक ठेकेदारी, सरकारी नियुक्ति, ट्रांसफर-पोस्टिंग, खदानों का आवंटन से लेकर तमाम कामकाज सिर्फ विशेष लोगो के हाथो में सिमट गया।ये सभी लोग मुख्यमंत्री खेमे के है।
राजनीति के जानकारों का यह भी मानना है कि रायपुर से लेकर दिल्ली तक पार्टी के कई नेता और उनके समर्थक सिर्फ10 जनपथ और संसद मार्ग का रास्ता तय करते है। जबकि बघेलखंड IT-ED, CBI के दफ्तरों से गुजर कर पार्टी दफ्तर पहुँचता है। छत्तीसगढ़ में सरकारी तंत्र पूरी तरह से IT ED और CBI के आरोपियों के हाथो की कठपुतली बन गया है। यह हम नहीं कह रहे है, बल्कि रायपुर से लेकर दिल्ली तक अदालतों में संलग्न दस्तावेज और चैट बताती है। देखें चैट…..
ये सभी चैट मुख़्यमंत्री बघेल के करीबियों और उनके असल कारनामो से जुडी हुई है। राज्य के वरिष्ठ पुलिस अफसर ही अपराधियों के हाथो खेलने लगे,इससे शर्मनाक स्थिति किसी प्रदेश के लिए और क्या हो सकती है ? देखें चैट…..
सूत्र बताते है कि नेताओ और अफसरों की छोड़िये, छत्तीसगढ़ के कोल परिवहन घोटालो के अलावा कई ठेको और सरकारी कामकाज में बघेल के नाते-रिश्तेदारों का नाम सुर्ख़ियों में है। सूत्रों के मुताबिक इनसे जुडी चैट भी काफी गंभीर बताई जाती है।
बताते है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पुत्र चैतन्य बघेल से ED की पूछताछ ख़त्म हो गई है। चैतन्य (बिट्टू) के बयानों की तस्दीक का दौर जारी बताया जा रहा है। जबकि चिप्स घोटाले में IAS समीर विश्नोई ने घोटालो का ठीकरा क्षितिज वर्मा पर फोड़ा है। क्षितिज, नेता जी के दामाद बताए जाते है।
सुपर सीएम अनिल टुटेजा के पुत्र यश टुटेजा की कई ऐसी चैट सामने आ रही है, जो बताती है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनका कार्यालय भ्रष्टाचार में आकंठ डूबा हुआ था।उसकी कमान अनिल टुटेजा के पुत्र के भी हाथो में थी। चैट बताती है कि मुख्यमंत्री के अधिकारों का उपयोग टुटेजा बाप-बेटे दोनों कर रहे थे।
यश टुटेजा IPS कल्याण एलेसेला को नान घोटाले के दस्तावेजों में हस्ताक्षर के लिए निर्देशित कर साफ़ कर रहा है कि ADG कल्लूरी को सिर्फ “साइन” करने के लिए EOW में नियुक्त किया गया है। साफ़ है कि आरोपियों ने सरकारी संरक्षण में घोटाले को रफा-दफा करने में अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी। देखें चैट…..
छत्तीसगढ़ में कई बड़े से बड़े घोटालो को अंजाम देने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके करीबी अफसरों ने तमाम अपराधों के सबूतों को नष्ट करने में अपने पुत्रो को भी शामिल कर रखा है। इसकी तस्दीक यश टुटेजा और EOW के अफसरों की चैट कर रही है। देखें चैट…..
आरोपियों के द्वारा अखिल भारतीय सेवाओं के जिम्मेदार अधिकारियो के साथ मिल कर ना केवल न्याय पालिका का सौदा किया जा रहा है,बल्कि अदालतों में संलग्न किये जाने वाले महत्वपूर्ण दस्तावेजों को आरोपी अपने पुत्रो समेत खुद तैयार कर रहे है। जबकि दूसरी ओर राज्य सरकार की एजेंसियों के जिम्मेदार IAS और IPS अधिकारी आरोपियों के ऐसे फर्जी दस्तावेजों को सत्य प्रमाणित कर हाई कोर्ट की याचिकाओं में शामिल कर रहे है, ताकि भ्रष्टाचार और घोटालों के प्रमाणित तथ्यों को अदालत में नकारा जा सके। ऐसे कई गंभीर अपराधों के सबूतों को नष्ट करने वाली चैट इन दिनों लगातार सामने आ रही है। देखें चैट…..
बताया जाता है कि सौम्या चौरसिया, लम्बे अरसे तक हुई पूछताछ का वीडियो भी आने वाले दिनों जनता के सामने आ सकता है। सूत्र बताते है कि सौम्या से दर्जनों बार अवैध वसूली के लिए निर्देशित करने वाले शख्स का नाम पूछा गया था। लेकिन उसने सरगना का नाम बताने में परहेज किया था। देखें चैट…..
बताते है कि सौम्या चौरसिया,मुख्यमंत्री की संवैधानिक शक्तियों का लगातार उपयोग करती रही। महज डिप्टी कलेक्टर स्तर की अफसर का मुख्यमंत्री के अधिकारो का उपयोग करना और मुख्यमंत्री बघेल व उनका सचिवालय का लम्बे अरसे तक मौन साधे रहना,संदेह के दायरे में बताया जा रहा है।
बताते है कि राज्य की गरीब जनता की कमाई पर सौम्या चौरसिया और उसका गिरोह अपना हाथ साफ करता रहा हो, और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल उसके कारनामों से अनजान रहे हो,ऐसा कैसे हो सकता है ? सूत्र बताते है कि केंद्रीय जाँच एजेंसियां अब इस अबूझ पहेली को सुलझाने में जुटी है। इसके लिए खबर आ रही है कि आने वाले दिनों छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और भूपेश बघेल से अलग-अलग पूछताछ हो सकती है।
बताते है कि सौम्या चौरसिया की दास्तान को अंजाम तक पहुंचाने के लिए एजेंसियों को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सहयोग की आकांक्षा है। उन्हें इसके लिए न्यौता भेजे जाने की सुगबुगाहट तेज हो गई है। सूत्रों का दावा है कि छत्तीसगढ़ की राजनीति में केंद्रीय भूमिका में नजर आ रहे भूपेश बघेल आने वाले दिनों बतौर मुख्यमंत्री पहले ED के दफ्तर में दस्तक देते नजर आएंगे या फिर दिल्ली में एक केंद्रीय एजेंसी के दफ्तर में, इसे लेकर कयास लगाया जा रहा है।