छत्तीसगढ़ : बिलासपुर के बिल्हा जनपद पंचायत के भ्रष्ट मुख्य कार्यपालन अधिकारी को स्थानीय भाजपा विधायकों का पूर्ण सरंक्षण,14 वें व 15 वे वित्त की राशि में 10 करोड से अधिक राशि का भ्रष्टाचार हुआ उजागर शिकायत के बाद भी अभी तक कार्यवाही के नाम पर जीरो
बिलासपुर : छत्तीसगढ़ प्रदेश के सबसे भ्रष्ट ब्लॉक बिल्हा के ग्राम पंचायत महमंद में करीब 18 लाख रूपयों के घोटाला मामले की जांच पूरी हो चुकी है। उसी तरह जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी बी आर वर्मा के कार्यकाल में बीजीआरएफ का घोटाला 14 वें 15 वें वित्त में अनियमितता व लगातार कमीशन खोरी का मामला जिला बिलासपुर में ही नहीं वरन पुरे छत्तीसगढ़ प्रदेश में सुर्खियों में रहा है उसके बावजूद भी वहां के स्थानीय भाजपा के नेता व विधायक मूकदर्शक बने रहे हैं। सरपंच और सचिव संघ ने भ्रष्ट मुख्य कार्यपालन अधिकारी बी आर वर्मा की शिकायत कई बार स्थानीय भाजपा नेताओं व वरिष्ठ अधिकारियों से लेकर पंचायत मंत्री से भी किया हैं। जिला पंचायत सभापति अंकित गौरहा ने बताया महमंद ग्राम पंचायत में 14 वें 15 वें वित्त की राशि में 18 लाख से अधिक की राशि का गबन, भ्रष्टाचार,व अनियमितता सामने आ रही है अगर सभी बिल्हा ब्लाक के सभी पंचायतों की जांच हो तो यह राशि 10 करोड़ से भी अधिक की होगी। जिला पंचायत उप-संचालक शिवानी सिंह ने बताया है कि दो सदस्यीय टीम ने जानकारियों को साझा किया है। जल्द ही समग्र रिपोर्ट तैयार कर अधिकारी के सामने पेश कर दिया जाएगा। उन्होने यह भी बताया कि तात्कालीन ग्राम पंचायत सचिव गंगे निर्मलकर जांच टीम के सामने पेश नहीं हुआ। उसने जांच में मदद भी नही किया है।
बताते चलें कि महमंद ग्राम पंचायत सरपंच की शिकायत पर जिला पंचायत सभापति अंकित गौरहा ने सामान्य सभा के दौरान 14 वें वित्त योजना में दस लाख रूपयों का घोटाला का मुद्दा उठाया। गौरहा ने उपस्थित अधिकारियों को बताया कि महमंद ग्राम पंचायत में 14 वें वित्त आयोग फण्ड से तत्कालीन सचिव गंगे निर्मलकर ने बिना किसी अनुमति या सरपंच की सहमति से लाखों रूपयों का गबन किया है। अंकित ने यह भी कहा कि इसमें बिल्हा जनपद के अधिकारियों की भूमिका से इंकार नहीं किया जा सकता है।
मामला सामने आने के बाद जिला पंचायत सीईओ ने तत्काल दो सदस्यीय टीम का गठन कर जांच पड़ताल का आदेश दिया। अधिकारी के निर्देश के बाद टीम ने तत्कालीन ग्राम पंचायत सचिव गंगे निर्मलकर समेत सरपंच, उप सरपंच को नोटिस जारी कर टीम के सामने पेश होने को कहा। साथ ही ग्राम पंचायत पहुंचकर भौतिक सत्यापन किए जाने की बात कही।
निर्धारित तारीख को दो सदस्यीय टीम ग्रामपंचायत पहुंची। पंच सरपंच और वर्तमान सचिव के अलावा गणमान्य लोगों ने टीम के सामने पेश होकर वस्तुस्थिति के बारे में बताया। लेकिन तात्कालीन सचिव गंगे निर्मलकर टीम के सामने पेश नहीं हुआ। ना ही भौतिक सत्यापन में मदद किया। जांच पड़ताल में टीम ने तात्कालीन सचिव पर लगाए गए सभी आरोपो को सही पाया गया है। सूत्रों ने बताया कि 14 वें वित्त आयोग की राशि में उम्मीद से अधिक घोटाला को अंजाम दिया गाय है।
सूत्रों ने यह भी बताया कि गंगे निर्मलकर ने सरपंच और पंच की अनुमति बिना 14 वें वित्त से फर्जीवाड़ा कर करीब 18 लाख से ज्यादा का घोटाला किया है। जनपद पंचायत बिल्हा में फर्जी बिल और जानकारी जमा किया है।भौतिक सत्यापन के दौरान पाया गया किएक मद के लिए कई बार रूपया निकाला गया।
जांच में सामने आई भारी गड़बड़िया मामले
में उप संचालक जिला पंचायत शिवानी सिंह ने बताया कि जांच कार्यवा
ही पूरी हो चुकी है। जल्द ही रिपोर्ट तैयार कर अधिकारी के सामने पेश कर दिया जाएगा। जांच टीम के सामने सचिव पेश नहीं हुआ। यद्यपि सचिव गंगे निर्मलकर सफाई देने कार्यालय आया था। जांच के दौरान भारी गड़बड़ियां पायी गयी है। क्या घोटाला में कोई बड़ा अधिकारी भी शामिल है। उप संचालक ने बताया कि फिलहाल अभी इस पर कुछ भी बताना मुश्किल है। जल्दी ही जानकारी मिल जाएग
ी
फिर भी सचिव को तीन ग्राम पंचायत का प्रभार
बताते चलें कि घोटाला का आरोपी गंगे निर्मलकर बिल्हा सीईओ का विशेष कृपा पात्र माना जाता है। यही कारण है कि आरोप लगने के बाद भी गंगे निर्मलकर टीम के सामने पेश नहीं हुआ। घोटाला के बाद इस समय तीन ग्राम पंचायतों की जिम्मेदारी भी संभाल रहा है।