छत्तीसगढ़ के सुपर सीएम टुटेजा के निलंबन की सिफारिश, IAS एसोसिएशन नाराज ? चीफ सेक्रेटरी को लिखित आदेश देकर आंखे दिखाने का गरमाया मामला…..
रायपुर / दिल्ली: छत्तीसगढ़ के चीफ सेक्रेटरी का कार्यालय और सरकार दोनों को एक आईएएस अधिकारी का पत्र मुँह चिड़ा रहा है। इस पत्र में अधिकारी ने चीफ सेक्रेटरी अमिताभ जैन को अपनी कार्य प्रणाली से अवगत करवाते हुए खुद को पाक साफ बताया है। इस प्रमोटी आईएएस ने दावा किया है कि वो ईमानदार है। इसके कारण ईडी उसे परेशान कर रही है। ये आईएएस अधिकारी इन दिनों किसी शातिर अपराधी की तर्ज पर केंद्रीय जांच एजेंसियों की नज़रों से भागता फ़िर रहा है।
बताया जाता है कि छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सबसे करीबी आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा की पिछले 20 दिनों से जोरशोर से तलाश की जा रही है। उसके साथ एक अन्य अधिकारी एपी त्रिपाठी को भी आबकारी घोटाले में भागीदारी बताई जाती है।
आधिकारिक जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ में कोल खनन परिवहन घोटाले और आबकारी घोटाले में दोनों अधिकारी की संलिप्ता सामने आने के बाद केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय को दोनों अधिकारी की तलाश है। बताते है कि गिफ्तारी की लटकती तलवार देखकर दोनों अधिकारी अपने कर्तव्य स्थलों से लम्बे समय से नदारद है।
ED को वे ढूंढे नहीं मिल रहे है।लिहाजा प्रभावशील अधिकारीयों के आगे ED नतमस्तक है। उसने चीफ सेक्रेटरी को पत्र लिखकर दोनों ही अधिकारीयों को हाजिर कराने की गुहार लगाई गई है। लेकिन इस पत्र के सोशल मीडिया में आने के बाद छत्तीसगढ़ शासन और मुख्य सचिव की कार्य प्रणाली सुर्ख़ियों में आ गई है। दरअसल अनिल टुटेजा ने शासन को दिए अपने जवाब में ना केवल चीफ सेक्रेटरी को चुनौती दे दी, बल्कि उन्हें आड़े हाथों भी लिया है। गंभीर तथ्य यह है कि आरोपी अधिकारी ने छत्तीसगढ़ शासन की कार्यप्रणाली को भी सवालों के कटघरे में खड़ा कर शासन की मान मर्यादा को तार-तार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।
आरोपी अनिल टुटेजा की गिनती राज्य के सुपर सीएम के रूप में होती है, वे 36 हज़ार करोड़ के नान घोटाले के मुख्य आरोपी भी है। उन्हें प्राप्त अग्रिम जमानत को लेकर अपनाए गए रास्तों से बिलासपुर हाई कोर्ट में पदस्थ एक न्यायिक अधिकारी को कई मौको में असहज स्थिति का सामना करना पड़ रहा है।ईडी को टुटेजा की अग्रिम जमानत निरस्त करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में पसीना बहाना पड़ रहा है। उसकी वायरल चैट से कई गंभीर मामलों के अपराधों के सबूत को नष्ट करने और गवाहों को प्रभावित किए जाने की साजिशे उजागर हुई है।
ये चैट बताती है कि सेक्स सीडी कांड में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बचाने के लिए कई IAS और IPS अधिकारी साजिशों को अंजाम तक पहुंचाने में जुटे थे। इस कड़ी में रिंकू खनूजा को ठिकाने लगाने की कार्य योजना भी सामने आई है। बताते है कि रिंकू खनूजा सेक्स सीडी कांड का मुख्य आरोपी था।
छत्तीसगढ़ के प्रशासनिक और राजनैतिक गलियारों में अनिल टुटेजा का चीफ सेक्रेटरी को लिखा गया यह पत्र अब सोशल मीडिया में चर्चा का विषय बन गया है। बताया जाता है कि टुटेजा के इस पत्र से IAS एसोसिएशन सख्त नाराज है। उसने सिविल सेवा आचरण संहिता का हवाला देते हुए टुटेजा को निलंबित किए जाने की सिफारिश की है।
हालाँकि एसोसिएशन के इस फैसले की आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है।न्यूज़ टुडे छत्तीसगढ़ ने अनिल टुटेजा के इस पत्र को लेकर छत्तीसगढ़ के IAS एसोसिएशन से संपर्क किया था। बताते है कि रविवार अवकाश के दिन इस गोपनीय बैठक के बाद ज्यादातर पदाधिकारियों ने अपना मोबाइल रिसीव नहीं किया,हालांकि एक पदाधिकारी ने अपना नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि अनिल टुटेजा का यह पत्र आपत्तिजनक है,भाषा शैली चीफ सेक्रेटरी को आदेश देने वाली है,वह भी गैर कानूनी गतिविधियों को लेकर भारत सरकार की गंभीर जांच के मामलों में,यह कोई गलत कार्य नही बल्कि जांच में सहयोग के लिए एजेंसियां बुला रही है, डर किस बात का ?
उन्होंने कहा कि केंद्र ओर राज्य का शासन प्रशासनिक गतिविधियों से ही संचालित होता है, वरिष्ठ अधिकारीयों को अखिल भारतीय सेवा आचरण संहिता का पालन सुनिश्चित करना चाहिए। एक सवाल के जबाव में इस अधिकारी ने टुटेजा के निलंबन की सिफारिश से जुड़े सवाल का सीधा जबाव के बजाए उन्होंने एसोसिएशन के अध्यक्ष के पाले में बाल डाल दी उन्होंने मामले के विचाराधीन होने की जानकारी देते हुए बताया कि IAS अधिकारियों की गिरती साख से आसोसियां सख्त नाराज है ।
सूत्र बताते है कि आबकारी घोटाले को रफा दफा करने के लिए टुटेजा ने कड़े निर्देश जारी किए है इसके तहत आबकारी मुख्यालय में प्रदेशभर के चुनिंदा अधिकारियों की सोमवार को खास बैठक आयोजित की गई है।हमारे संवाददाता ने उपरोक्त मामले को लेकर राज्य शासन का पक्ष जानन चाहा लेकिन कई अधिकारी बातचीत से बचते नजर आए,जनसंपर्क विभाग भी उदासीन रहा।फ़िलहाल प्रशासनिक और राजनैतिक गलियारों में टुटेजा का यह पत्र मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की कार्यप्रणाली और छत्तीसगढ़ शासन की छवि पर बट्टा लगा रहा है।