डॉ.की हुई मुख्यमंत्री से शिकायत पर पुलिस ने दर्ज नहीं की एफआईआर…..मुख्यमंत्री भड़के…..एसपी से मांगी रिपोर्ट….CMHO की भी लापरवाही हुई उजागर
बिलासपुर : मुख्यमंत्री के भेट मुलाकात कार्यक्रम से ना केवल निजी अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही सामने आई बल्कि स्वास्थ्य विभाग और पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हुए। ऐसे संवेदनशील मामलों में गरीबों के हितैषी कहे जाने वाले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जमकर नाराजगी जाहिर की,एसपी से पुछा की तीन महीने बाद भी मामला दर्ज क्यों नही हुआ। मामला डॉ श्रीकांत गिरी के इदगाह चौक स्थित श्री शिशु भवन हॉस्पिटल का है जहाँ एक बच्ची के इलाज में लापरवाही हुई जिसकी वजह से उसका हाथ काटना पड़ा,इसकी शिकायत गरीब परिवार ने सिविल लाइन थाने में की थी,सिविल लाइन पुलिस ने एसपी के कहने पर मामला में अपराध दर्ज नही किया, मामले को जांच के नाम पर सीएमओ कार्यालय भेज दिया, तत्कालीन सीएमएचओ श्रीवास्तव मामले में टालमटोल कर रहे है,जांच नही कर रहे है,इस सब की पोल भेट मुलाकात में खुल गई, मुख्यमंत्री बघेल ने गरीब परिवार के प्रति संवेदना दिखाई और एसपी पर कार्यवाही नही होने पर नाराजगी भी जताई, सीएमएचओ भी इस लापरवाही में कार्यवाही के लिए जिम्मेदार है,आम आदमी को परेशान करने के मामले में मुख्य मंत्री की नाराजगी से पीड़ित को न्याय की उम्मीद जागी है। स्वास्थ्य जैसे संवेदनशील विभाग के ऐसे लापरवाह अधिकारी की कार्यशैली से जनता का शासन के प्रति अविश्वास पैदा होता और शासन की छवि खराब होती है। ऐसे अधिकारियों से निजात जरूरी है। गरीबों के हित में तत्काल निर्णय लेने वाले मुख्यमंत्री और सरकार की की छवि धूमिल हो रही है , इसलिए मुख्यमंत्री ने सार्वजनिक रूप से इस मामले में संवेदना दिखाई और मौके पर ही त्वरित कार्यवाही के निर्देश दिए हैं।
जानकारी के अनुसार ऐसे सैकड़ों मामलों की शिकायत पुलिस थानों,एसपी कार्यालय, कलेक्टर कार्यालय और सीएमएचओ कार्यालय में धूल खाते इंसाफ के इंतजार में पड़े हैं जरूरत है सूक्ष्म जांच की!