बड़े पैमाने में आईएफएस अधिकारियों के ट्रांसफर की तैयारी.. विभाग के बड़े अधिकारी ने की 40 लाख से 1 करोड में का रेट तय………. सरकार की छवि धूमिल करने की पुरी तैयारी…….. आखिर सरकार ऐसे भ्रष्ट अधिकारी को क्यों नहीं हटा पा रही है?
छत्तीसगढ़ वन विभाग द्वारा विभाग के 36 आईएफएस अधिकारियों के तबादले की सूची इन दोनों वन विभाग में तैयार हो रही है वहीं इसे लेकर विभाग में आप जमकर खुसुर फुसूर शुरू हो चुकी है.. तबादले में अलग-अलग क्षेत्र के हिसाब से अलग-अलग रेट तय किया गए हैं वहीं एक बार फिर सरकार की छवि को धूमिल करने के लिए वन विभाग के सबसे बड़े अधिकारी और पूर्व सरकार के चाहते पीसीसीएफ श्रीनिवास राव जादू दिखाने की फिराक में लगे हुए हैं….
भ्रष्टाचारी,दलाली,चाटुकार….. सर्वगुण सम्पन्न PCCF हैं श्रीनिवास राव..
सूत्रों की माने तो वन विभाग में जल्द ही बड़े पैमाने पर आईएफएस अफसर का तबादला किया जाना है इससे पहले ही पीसीसीएफ श्रीनिवास राव विभाग में अपनी दादागिरी और सरकार की छवि को धूमिल करने एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं पूर्व वन मंत्री के करीबी पीसीसीएफ श्रीनिवास राव पर इससे पहले भी तबादलों में लंबे लेनदेन के आरोप लग चुके हैं और नई सरकार बनने के बाद पहले तबादले लिस्ट के साथ ही बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की तैयारी भी उनके द्वारा की जा रही है.. पिछले सरकार में भी इनकी इसी तरह की हथकंडे के कारण मोहम्मद अकबर और भूपेश बघेल की लुटिया डूब गई।।संभवतः इन्ही के वजह से नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत ने भी विधानसभा में कहा कि वनविभाग में बहुत सारे सुअर आ गये हैं। जैसे सुअर किसानों के खेतों को चट कर जाता है वैसी ही श्रीनिवास राव जनता के पैसों को चट कर जाता हैं। हर विधानसभा में मरवाही और कटघोरा वनमण्डल में हुए घोटालें कि चर्चा हो ही जाती हैं।तत्कालीन ज़िम्मेदार अधिकारी इसी श्रीनिवास राव के पैदाइश हैं।
अलग-अलग क्षेत्र के हिसाब से आईएफएस अधिकारियों के लिए जगह तरासने का काम की जा रही है, वही इसे लेकर अपनी खुद की सेवा तैयार करने वाले श्रीनिवास राव की पूरी टीम तैयारी में लगी हुई है मैदानी क्षेत्र से लेकर वनांचल क्षेत्र तक मलाईदार जगह पर रहने के लिए रेट भी तय किया जा रहे हैं.. अगले एक-दो दिनों में ट्रांसफर लिस्ट आने की पूरी संभावना जताई जा रही है वहीं विभागीय सूत्रों का कहना है कि नई सरकार में भी पीसीसीएफ अपनी मनमानी चलाने वाले हैं और उनके चहेतो और काम के देने वालों को मनचाहा पोस्ट ऑफर किया जा रहा है..
विभागीय लोगों की माने तो पीसीसीएफ श्रीनिवास राव ने पद बांटने के लिए अपने लोगों को जिम्मेदारी दी है वही अलग-अलग वृत्त के मंडल का रेट 1 करोड़ से लेकर 40 लाख तक डिसाइड किया गया है सरगुजा वृत्त की बात करें तो एक मंडल में अधिकारी बैठने की आवाज में एक करोड रुपए की बात सामने आ रही है वही बिलासपुर वृत्त के मरवाही और कटघोरा वन मंडल का रेट 70 – 70 लाख रुपए रखा गया है इसी तरह मलाईदार जगह पर अधिकारियों को बैठने के लिए बड़ी डिमांड की जा रही है..
पूर्व की सरकार में भी श्रीनिवास राव ने तत्कालीन वन मंत्री के निर्देश और उनका विश्वास पाकार पूरे वन विभाग में बड़े पैमाने पर उठा पटक किया था इतना ही नहीं छत्तीसगढ़ के जंगलों और वनांचल क्षेत्रों में बांग्लादेशी और बाहरी लोगों को बसाने का काम भी बड़े पैमाने पर इन्हीं के निर्देश पर किया गया था..
श्रीनिवास राव विभाग में ही नहीं बल्कि सरकार और चुनाव में भी दखलअंदाजी रखते हैं उनके आसपास करीबियों ने नाम ना लिखने की शर्त पर बताया कि वनांचल क्षेत्र में चुनाव को प्रभावित करने के लिए पीसीसीएफ श्रीनिवास राव अपने लोगों को बैठाते हैं फिर चहेतो के लिए लोकतंत्र का गला घोटने का काम करने लग जाते हैं.. अगर सरकार द्वारा इन पर जल्द कार्रवाई करते हुए नकल नहीं कसी गई तो आने वाले दिनों में सरकार की छवि को धूमिल कर लोकसभा चुनाव में नुकसान पहुंचाने की कोई कसर नहीं छोड़ेंगे.