कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सांसद ,राहुल गांधी को जन्म दिन की हार्दिक शुभकामनाएं : राहुल गांधी के उतार चढ़ाव भरा जीवन , पहचान बनाने से लेकर पहचान छिपाने तक का सफर, यहां किया करते थे नौकरी… देखें उनकी वो तस्वीरें जो आपने कभी नहीं देखी होगी
कांग्रेस पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने जन्मदिन के अवसर पर पहले ही पुरे देश में किसी भी तरह का उत्सव मनाने के लिए मना कर दिया था । एक तरफ उनकी मां सोनिया गांधी की तबीयत खराब है ,दूसरी तरफ देश में चल रहे अग्निपथ योजना का विरोध।
आज इनके जन्मदिन के अवसर पर हम आपको उनसे जुड़ी कुछ दिलचस्प किस्सें बताने जा रहे है । तमाम मीडिया रिपोर्ट्स में इस बात का जिक्र है कि पढ़ाई और जॉब के दौरान उन्होंने कभी इस बात जिक्र नहीं किया कि वे प्रधानमंत्री परिवार से ताल्लुख रहते है। हालांकि इसके पीछे की एक वजह पिता के हत्या के बाद सुरक्षा भी बताई जाती है।
राहुल गांधी के बारे में कहा जाता है कि वे मीडिया और राजनीति से अपनी निजी जिंदगी सीक्रेट रखना पसंद करते हैं। यही वजह है कि राहुल गांधी के आइकिडो में ब्लैक बेल्ट होने की बात कई सालों के बाद सामने आई।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 52 की उम्र में भी राहुल कोे अपने फिटनेस की फीक्र हैं। उन्हें जब भी समय मिलता है वे जिम करते हैं। वे सुबह साइकिलिंग और स्विमिंग करना भी पसंद करते हैं।
राहुल गांधी ने 1995 में कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के ट्रिनिटी कॉलेज से एमफिल की डिग्री हासिल किया है । इसके अलावा उन्होंने दिल्ली कीसेंट स्टीफेन कॉलेज और देहरादून के मशहूर दून स्कूल से भी पढ़ाई किया है।
ग्रेजुएशन के बाद राहुल ने 3 साल तक लंदन के मॉनिटर ग्रुप के लिए भी काम किया है। यह कंपनी मैनेजमेंट गुरु माइकल पोर्टर की ही सलाहकार संस्था है।
1991 में, राजीव गांधी की हत्या के बाद, वह सुरक्षा चिंताओं के कारण फ्लोरिडा में रोलिन कॉलेज चले गए, जहां उन्होंने बीए की पढ़ाई पूरा किया।
रोलिन में पढ़ाई के दौरान, उनका झूठा नाम राउल विंची रखा गया था, ताकि वह अपनी पहचान छिपा सके, भारत वापस आने के बाद राहुल ने मुंबई स्थित टेक्नोलॉजी आउटसोर्सिंग फर्म और बस्कोपस सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड में भी काम किया है।
बाद में वे नौकरी छोड़ राजनीति में आ गए । देखा जाए तो राहुल का जीवन बेहद उतार चढ़ाव भरा रहा है। 1984 में उनकी दादी इंदिरा गांधी की हत्या उनके ही बॉडी गार्ड ने कर दिया था। इसके बाद 1991 में राहुल के पिता और तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी की भी हत्या LTTE द्वारा कर दी गई ।
जब राहुल के सिर से पिता का साया उठा तब वे लंदन में पढ़ाई कर रहे थे। सुरक्षा के लिहाज से उन्हें आगे की पढाई के लिए लंदन से फ्लोरिडा भेजा गया। हालांकि, इन उतार चढ़ावों के बाद भी राहुल पीछे नहीं हटे और उन्होंने पढ़ाई के बाद नौकरी और फिर राजनीति में आने का फैसला किया।