20 हजार लोगों की टेस्टिंग, 450 मरीज अस्पताल में भर्ती, छत्तीसगढ़ का ये शहर बना मलेरिया का हॉट स्पॉट
कोरबा. छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में पिछले 3-4 सालों की तुलना में इस साल बारिश के साथ ही मलेरिया के ज़्यादा मामले सामने आ रहे हैं. सब से ज्यादा कोरबा ब्लॉक मलेरिया की चपेट में है. पहाड़ी कोरवाओं सहित लेमरु इलाके में 1000 से ज्यादा लोगों की मलेरिया जांच की जा चुकी है. पूरे जिले में अब तक 20 हजार मलेरिया की जांच हुई है. 450 लोग मलेरिया की चपेट में है, जिनका इलाज चल रहा है. मौसमी बीमारियों को लेकर अब स्वास्थ्य अमला अलर्ट मोड पर है. हेल्थ डिपार्टमेंट की टीम घर-घर पहुंचकर लोगों की जांच और दवाई दे रही है.
बारिश के मौसम में खासकर वन्य क्षेत्रों में मलेरिया और महामारी का डर कई गुना बढ़ जाता है. इससे बचाव और नियंत्रण के लिए कोरबा विकासखंड के लेमरु इलाके के पहाड़ी गांवों में स्वास्थ्य विभाग ने जांच अभियान चलाया है. इस दौरान पिछले कुछ दिनों में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने घर-घर दस्तक दी. इस अभियान में राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले संरक्षित आदिवासी पहाड़ी कोरवाओं सहित एक हजार से ज्यादा ग्रामीणों की मलेरिया जांच की गई. बीमारी के लक्षण दिखने पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अपने सामने मौके पर ही दवा की पहली खुराक भी खिलाई है.
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पहाड़ से घिरे जंगल से घिरे इलाकों में इस मौसम में होने वाली उल्टी-दस्त और मलेरिया का प्रकोप देखने को मिल रहा है. इसका बड़ा असर कोरबा जिला के सरहदी इलाका लेमरू श्यांग में भी नजर आ रहा है. जुलाई महीने से लगातार मलेरिया की जांच और उपचार शिविर लगा कर लोगों की टेस्टिंग की जा रही है. साथ ही लोगों को मच्छर से बचने मच्छरदानी का उपयोग करने की सलाह दी जा रही है.