अंतर्राज्यीय बसोर गिरोह का पर्दाफाश, पुलिस की बड़ी कार्रवाई में 52 लाख की चोरी की संपत्ति बरामद

अंतर्राज्यीय बसोर गिरोह का पर्दाफाश, पुलिस की बड़ी कार्रवाई में 52 लाख की चोरी की संपत्ति बरामद


बिलासपुर, छत्तीसगढ़*: छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में ज्वेलरी दुकानों में लगातार हो रही चोरी की घटनाओं का अंत हुआ जब बिलासपुर पुलिस ने अंतर्राज्यीय बसोर गिरोह के 7 सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया। इस सफल ऑपरेशन के दौरान पुलिस ने लगभग 33 किलोग्राम चांदी के जेवर, 125 ग्राम सोने के जेवर, 4 लाख रुपये नकद, और चोरी में उपयोग की गई एक होंडा सिटी कार व पल्सर मोटरसाइकिल सहित कुल 52 लाख रुपये की संपत्ति बरामद की।

शातिर गिरोह की गिरफ्तारी

पुलिस महानिरीक्षक श्री संजीव शुक्ला (भा.पु.से.) और पुलिस अधीक्षक श्री रजनेश सिंह (भा.पु.से.) के नेतृत्व में बिलासपुर पुलिस ने यह बड़ी सफलता हासिल की। लगातार जांच और सीसीटीवी फुटेज की पड़ताल के बाद, पुलिस को संदिग्धों की पहचान उनके शरीर पर बने टैटू से हुई। आरोपियों की धरपकड़ के लिए एडीशनल एसपी श्री अनुज कुमार, डीएसपी श्री उदयन बेहार, और नगर पुलिस अधीक्षक श्री निमितेश सिंह की अगुवाई में एक विशेष टीम का गठन किया गया।

यह टीम 7 दिनों तक मध्य प्रदेश के सिंगरौली, बैढन, सरई, बरगवा, और उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर, बनारस, जौनपुर जैसे स्थानों में कैंप कर स्थानीय और तकनीकी इनपुट्स के आधार पर इस गिरोह के सदस्यों को चिन्हित करने में कामयाब रही।

आरोपियों की सूची

गिरफ्तार आरोपियों में लालमन उर्फ बड़का (54 वर्ष), रामधीन बसोर (56 वर्ष), सियाराम बसोर (51 वर्ष), लालजी उर्फ किनका बसोर (35 वर्ष) शामिल हैं, जो सभी मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले के निवासी हैं और जिन पर पहले से ही कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। इसके अलावा, चोरी की संपत्ति को खरीदने वाले राजेंद्र गुप्ता उर्फ गुड्डा बनिया (37 वर्ष), मनीश सोनी उर्फ सोनू (30 वर्ष), और उनके सहयोगी अमित सिंह (33 वर्ष) को भी गिरफ्तार किया गया है।

चोरी की योजना और कार्यवाही का विवरण

यह गिरोह मुख्य रूप से सोने और चांदी के आभूषणों की चोरी करता था और इसे बेचकर लाभ कमाता था। 15-16 जुलाई की रात को बिलासपुर के सीपत इलाके में स्थित दामोदर ज्वेलर्स में चोरी की घटना के बाद पुलिस हरकत में आई। लगभग 24.50 लाख रुपये की चोरी की इस घटना ने पूरे क्षेत्र में सनसनी फैला दी थी।

घटना के बाद, पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगालना शुरू किया और 500 से अधिक कैमरों की जांच के बाद संदिग्धों का हुलिया और उनके शरीर पर बने टैटू के निशान को पहचानने में सफल रही। साइबर सेल बिलासपुर की टीम ने भी तकनीकी इनपुट्स के माध्यम से मामले को सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

आरोपियों से पूछताछ में यह भी खुलासा हुआ कि उन्होंने तपकरा, जिला जशपुर में एक और ज्वेलरी शॉप को निशाना बनाने की योजना बनाई थी। पुलिस द्वारा की गई त्वरित कार्रवाई के कारण यह योजना विफल हो गई।

गिरोह की गिरफ्तारी से जुड़े अन्य मामले

इस गिरोह के सदस्य मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में पहले भी कई चोरी की घटनाओं में संलिप्त रहे हैं। इनकी गिरफ्तारी के बाद प्रदेश के अन्य जिलों में हुई चोरी की घटनाओं का भी पर्दाफाश हो सकता है।

पुलिस टीम की सराहना और पुरस्कार की घोषणा

पुलिस महानिरीक्षक श्री संजीव शुक्ला और पुलिस अधीक्षक श्री रजनेश सिंह ने इस केस को सुलझाने में अहम भूमिका निभाने वाले अधिकारियों की सराहना की है। उन्होंने एडीशनल एसपी श्री अनुज कुमार, डीएसपी श्री उदयन बेहार, नगर पुलिस अधीक्षक श्री निमितेश सिंह, और थाना सीपत के निरीक्षक निलेश पांडेय सहित पूरी टीम को नगद पुरस्कार से पुरस्कृत करने की घोषणा की है।

अपराध के खिलाफ सतर्कता

प्रदेश में लगातार हो रही ज्वेलरी दुकानों में चोरी की घटनाओं को देखते हुए प्रदेश सराफा एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने भी बिलासपुर पुलिस से जल्द से जल्द मामले को सुलझाने की अपील की थी। पुलिस की इस त्वरित और प्रभावी कार्रवाई ने न केवल इन चोरियों पर लगाम लगाई है, बल्कि जनता में सुरक्षा का विश्वास भी बहाल किया है।

यह गिरफ्तारी अपराधियों के खिलाफ एक बड़ा प्रहार है और पुलिस की मुस्तैदी का एक बेहतरीन उदाहरण भी है। इससे साबित होता है कि अपराधियों के लिए कानून के लंबे हाथों से बच पाना संभव नहीं है।

आगे की कार्रवाई

आरोपियों से पूछताछ जारी है और उम्मीद है कि इस गिरोह से जुड़े अन्य सदस्य भी जल्द ही कानून के शिकंजे में होंगे। पुलिस अन्य चोरी की घटनाओं के बारे में भी जानकारी जुटा रही है और मामले की तह तक जाने की कोशिश कर रही है।

Rajnish pandey

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