छत्तीसगढ़ में सामने आए अपराध के डराने वाले आंकड़े, एक साल के भीतर बलात्कार की इतनी घटनाएं कि जानकर हो जाएंगे हैरान, पढ़ें पूरी खबर
रायपुर हाल ही में NCRB ने रिपोर्ट जारी किया है जिसमें प्रदेश में होने वाले आपराधिक रिकॉर्ड को देखकर आप हैरान रह जाएंगे। आपको बता दे की इस रिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ बलात्कार के मामले 12 वे पायदान पर पहुंच चुका है । यह आंकड़े छत्तीसगढ़ के पुलिस एवं प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रहा है।
यदि हम आंकड़ों के आधार पर बात करें तो वर्ष 2021 में बलात्कार के 1093 मामले दर्ज हुए है । औसतन देखा जाए तो हर दिन 3 केस बलात्कार के दर्ज हो रहे है। ये ऐसे मामले है जो थानों में दर्ज है, इसके अलावा कई मामले ऐसे है जो थाने तक पहुंच ही नही पाते है। इसके अलावा एक और हैरान करने वाली बात यह है कि प्रदेश में बच्चियों के बलात्कार के मामले के आंकड़े कुछ बेहतर नही है। प्रिवेंशन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस एक्ट यानी पाक्सो के तहत छत्तीसगढ़ में पिछले 1 साल में 2361 केस दर्ज किए गए हैं। NCRB की रिपोर्ट के मुताबिक, बच्चों के खिलाफ हुए अपराधों में आईपीसी और स्पेशल लोकल लॉ के तहत दर्ज मामलों में भी 2021 में इजाफा हुआ। यदि हम बीते 3 सालो का रिकॉर्ड देखें तो साल 2019 में 5665, 2020 में 5056 और 2021 में 6001 मामले दर्ज किए गए थे । इस लिहाज से साल 2021 में बच्चों के खिलाफ ही अपराध बढ़ा है। इनमें बच्चों से मारपीट, प्रताड़ना, साइबर क्राइम संबंधी मामले हैं।
अन्य राज्यों के आंकड़े और भी डरावने
ये तो छत्तीसगढ़ का रिकॉर्ड है, इसकी तुलना में अन्य राज्यो के आंकड़े और भी ज्यादा खतरनाक है । रेप के ही मामलों में दूसरे राज्यों पर गौर करें तो राजस्थान में सबसे अधिक 6337, मध्यप्रदेश में 2947, उत्तर प्रदेश में 2845, महाराष्ट्र में 2496, दिल्ली में 1250, बंगाल में 1123, हरियाणा में 1716 असम में 1733 रेप केस हुए हैं। लद्दाख में सबसे कम दो रेप केस का आंकड़ा एनसीआरबी ने बताया है।
महिलाओं के साथ बुजुर्गो के लिए भी सुरक्षित नहीं छत्तीसगढ़ और मध्यप्रेश
अपराधो के मामले में छत्तीसगढ़ के पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश की स्थिति भी बदहाल है। आंकड़ों के मुताबिक ब्यूरो की तरफ से जारी किये गए आंकड़ों से पता चलता है कि मध्य प्रदेश में वरिष्ठ नागरिकों (60 वर्ष और उससे अधिक आयु के) के खिलाफ अपराधों की दर सबसे अधिक है। 92.3 अंकों के साथ मध्य प्रदेश वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ अपराध मामले में सबसे आगे है। इसके बाद छत्तीसगढ़ 70 अंको के साथ दूसरे स्थान पर है। हिमाचल प्रदेश 59.6 के साथ तीसरे स्थान पर है जो कि राष्ट्रीय औसत से काफी ज्यादा है। बुजुर्गों पर अपराध की राष्ट्रीय औसत की दर प्रति लाख जनसंख्या पर 25.1 है।
बालश्रमिक के मामले में छत्तीसगढ़ की स्थिति बेहतर
एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक बच्चों के खिलाफ हुए अपराधों में चाइल्ड लेबर का छत्तीसगढ़ में एक भी मामला नहीं है या बाल विवाह के नियमों के उल्लंघन का भी एक भी मामला दर्ज नहीं किया गया है ह्यूमन ऑर्गन यानी कि शारीरिक अंगों के ट्रांसप्लांटेशन का भी एक भी मामला छत्तीसगढ़ में नहीं है। इन मामलों में आंध्र प्रदेश टॉप पर है। बच्चों के खिलाफ हुए अपराधों में बच्चों की तस्करी या उन्हें वेश्यावृत्ति में ले जाए जाने जैसे एक भी मामले दर्ज नहीं हुए हैं इनमें कुछ मामले बिहार में जरूर सामने आए हैं। लेकिन यह पूरी तरह से सत्य है यह कहां नही जा सकता क्योंकि छत्तीसगढ़ में ऐसे मामले में जांच के दायरे बंधे हुए नजर आते है ग्रामीण अंचलों में कई मामले है जिस पर कभी जांच किया ही नही गया है ।
अन्य सम्मिलित अपराधो की घटना पर लगाम कितना यह आंकड़े बता ही रहे है छत्तीसगढ़ में आईपीसी और स्पेशल एंड लोकल लॉ के मुताबिक 2019 में 96561, 2020 में 103173 और 2021 में 110633 केस दर्ज हुए। यह सभी हत्या, बलात्कार, अपहरण, दंगा, लूट जैसे मामले हैं इन्हें गंभीर अपराध की कैटेगरी में रखा गया है।