बिलासपुर : स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने करीब चार घंटे की बैठक में सिम्स और स्वास्थ्य विभाग का पोर्स्टमार्टम किया। बैठक के दौरान ही मंत्री ने सिम्स के डीन और एमएस को निलंबित कर मशीन,दवाई खरीदी समेत आयुष्मान घोटाला के अलावा अन्य मामले में समग्र जांच का आदेश दिया।
मंत्री ने कहा कि जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी। आश्चर्य की बात है कि सिम्स ने एक चादर 10-12 हजार रूपयों में खरीदा है। उन्होने बताया कि नवम्बर तक मल्टीसुपर स्पेशलिटी काम करने लगेगा।
मल्टीसुपर स्पेशलिटी काम करने लगेगा
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ने आज बिलासपुर स्थित सिम्स में संभागीय बैठक लिया। करीब चार घंटे चले बैठक में सिम्स समेत संभाग के सभी अस्पतालों का पोस्टमार्टम किया। इसके पहले श्यामबिहारी जायसवाल ने कोनी स्थित मल्टीसुपर स्पेशलिटी अस्पताल का निरीक्षण किया। पत्रकारों को स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि मल्टीसुपर स्पेशलिटी अस्पताल नवम्बर में शुरू हो जाएगा। उन्होने कहा कि बिलासपुर प्रदेश का मध्य क्षेत्र है। प्रदेश समेत यहां की स्वास्थ्य व्यवस्था का ठीक ठाक होना बहुत जरूरी है।
12 हजार की एक चादर
सवाल जवाब के दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि बैठक में सभी मुद्दों को लेकर चर्चा हुई। पिछले तीन सालों में सिम्स के लिए जरूरी मशीनों समेत दवा से लेकर अन्य सामानों की खरीदी हुई है। इसमें भारी भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। इसके अलावा आयुष्मान में भी भ्रष्टचार का मामला सामने आया। उन्होने बताया कि पिछले तीन सालों में हमें जानकारी मिली है कि एक चादर दस से 12 हजार रूपयों में खरीदा गया है। आयुष्मान में जमकर धांधली हुई है। मशीनों का दाम कुछ ज्यादा बताकर खरीदा गया है। इसलिए जांच बहुत जरूरी है। हमने स्वास्थ्य विभाग सचिव को मामले में जांच का आदेश दिया है।
दोनों को किया सस्पेन्ड
श्याम बिहारी जायसवाल ने सवाल जवाब के दौरान बताया कि प्रथम दृष्टया दोषी पाते हुए सिम्स के डीन के.के सहारे और एमएस एसके नायक को निलंबित कर दिया गया है। दोनो के रहते जांच संभव नही था। एक अन्य सवाल पर उन्होने कहा कि जांच में दोषी बताये गए डाक्टर या अन्य किसी भी दोषी को नहीं बख्शा जाएगा। सीजीएमएससी को भी जांच पड़ताल का निर्देश दिया गया है।
डाक्टर को बचाया जा रहा
जांच में पता चला है कि एक डाक्टर ने जमकर आयुष्मान में भ्रष्टाचार किया है। क्या उसे बचाया जा रहा है। सवाल पर श्यामबिहारी ने कहा कि डीन या एमएस से डॉक्टर बड़ा नहीं हो सकता है। यदि दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। बचाने या बचने का सवाल ही नहीं उठता है।
बताना होगा रिफर का कारण
स्वास्थ्य मंत्री ने एक सवाल पर कहा कि हमने स्पष्ट निर्देश दिया है कि किसी भी अस्पताल को रिफरल सेन्टर नहीं बनने दिया जाएगा। यदि डाक्टर रिफर करता है तो उसे कारण बताना होगा। इलाज कहां और क्यो किया जाए। इसकी भी जानकारी देनी होगी। सभी डॉक्टरों को निर्देश है कि वह निर्धारित समय पर अस्पताल में अपनी सेवाएं दे। अस्पताल समय में निजी क्लिनिक या दूसरे अस्पताल को सेवाएं नहीं देंगे।
सभी लोग झोला झाप डाक्टर नहीं
एक सवाल पर उन्होने दुख जाहिर किया..बताया कि अक्सर किसी को भी झोला छाप डॉक्टर कह दिया जाता है। यदि उनके पास बीएएमएस या अन्य किसी प्रकार की चिकित्सकीय प्रमाण पत्र और पंजीयन है तो वह प्रैक्टिस कर सकते हैं। लेकिन उन्हें निर्देश है कि वह दवाई ना लिखे जो उनके अधिकार नहीं आता है। ना ही अपने दायरे बाहर होकर किसी का इलाज ही करें। श्याम बिहारी ने कहा कि ऐसे डॉक्टर विपरीत परिस्थितिय़ों में ग्रामीण जनता की सेवा करते हैं।
वैक्सीन से नहीं हुई मौत
वैक्सीन से मौत के सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यदि टीएस सिंहदेव पहले ही अस्पताल की व्यवस्था देख लेते तो आज प्रदेश का स्वस्थ्य ठीक होता। उन्होने जिला अस्पताल का भ्रमण कर तथाकथि वैक्सीनेशन से मरने वाले बच्चों के परिजनों से भेंट मुलाकात किया है। लेकिन बताना चाहूंगा कि वैक्सीन से किसी बच्चे की मौत नहीं हुई है। उसी बैच का वैेक्सीन अन्य लोगों को भी लगा है। लेकिन किसी की मौत नहीं हुई है। सिंहदेव के आरोप में किसी प्रकार की सच्चाई नहीं है।
सिम्स के लिए बजट
उन्होने कहा कि बिलासपुर की स्वास्थ्य व्यवस्था को जल्द ही ठीक कर लिया जाएगा। सिम्स को स्थानांतरित करने की रूप रेखा तैयार है। इसके लिए बजट भी आ गया है। ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था को भी ठीक किया जा रहा है।उन्होने कहा कि अटैचमेन्ट को खत्म करने का आदेश तो दिया गया है। लेकिन व्यवस्था के तहत धीरे धीरे खत्म किया जाएगा।