बिलासपुर: न्यायधानी कहे जाने वाले बिलासपुर शहर की नामचीन बिल्डर कंपनी का मालिक अपनी संपत्ति को बचाने थाना और न्याय की गुहार लगाने पुलिस कप्तान के चक्कर काट रहा है। कंपनी मालिक का आरोप है कि दो रसूखदार पार्टनर छल कपट कर कम्पनी पर कब्जा करना चाहते हैं। इतना ही नहीं दोनों ने कम्पनी के खातों पर भी डाका डाल दिया है। लोन पटाने को लेकर एक एक रूपयों के लिए मोहताज रिद्धि सिद्धि कंपनी का मालिक अब न्याय के लिए थाना और पुलिस कप्तान कार्यालय का चक्कर लगाने को मजबूर है। शिकायतकर्ता ने बताया कि आदित्य सिंह के अपराध दर्ज है। और मनीष को बिना उसे विश्वास में लिये कम्पनी का शेयर धारक बना दिया है। दोनो ने मिलकर कम्पनी के मशीनों पर भी कब्जा कर दिया है। मामले में पुलिस कप्तान से शिकायत कर अपराध दर्ज की मांग की है।
षड़यंत्र कर बनाया तीसरा डायरेक्टर
रिद्धि सिद्धि कंपनी के मालिक ने सिविल लाइन, चकरभाठा थाना और पुलिस कप्तान से लिखित शिकायत कर धोखेबाज पार्टनर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की मांग की है। शैलेष अग्रवाल ने बताया कि मैसर्स रिद्धि सिद्धि निर्माण इंडिया प्राइवेट लिमिटेड उनकी पारिवारिक कम्पनी है। आदित्य सिंह की तरफ से लगातार निवेदन के बाद अपने भाई की जगह कंपनी मे निदेशक और शेयरधारक बनाया। आदित्य कुमार सिंह ने धोखाधड़ी और षडयंत्र कर बिना सूचना दिए तीसरे व्यक्ति मनीष को कंपनी का 33.33 प्रतिशत शेयरधारक बना दिया। ऐसा करते समय आदित्य ने किसी प्रकार की जानकारी नहीं दी। जबकि मालिक और डायरेक्टर होने के कारण उसको जानकारी दिया जाना चाहिए था। लेकिन उसने बिना विचार विमर्श किये ऐसा किया है। इस बात का पुख्ता प्रमाण भी है।
सम्पत्ति पर किया बलात कब्जा
कम्पनी निदेशक आदित्य सिंह ने कंपनी के नाम से पंजीकृत, सभी ट्रांजिट मिक्सर मशीन, ऑफिस अकाउंट बुक्स बैंक चेक और कंपनी की समस्त चल अचल संपत्ति, पर कब्जा कर लिया है। छल कपट कर बनाये गए तीसरे डायरेक्टर के साथ मिलकर कंपनी का संचालन मनमानी तरीके से कर रहा है। शैलेष ने जानकारी दी कि कंपनी की सभी गाड़ियां लोन पर उसके नाम से दर्ज है।
आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में वाद
आदित्य कुमार सिंह और मनीष ने कंपनी के सारे बुक और अकाउंट अपने कब्ज़े में कर लिया है। लेन-देन ट्रांसेक्शन आदित्य सिंह और मनीष करते हैं। आदित्य कुमार सिंह और मनीष जैन के खिलाफ न्यायालय राष्ट्रीय कंपनी लॉ अधिकरण, कटक ओडिशा में याचिका पेश किया है। बावजूद इसके आदित्य सिंह और उसका पार्टनर अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है।
लेन देन में किया भयंकर घोटाला
शैलेष ने बताया कि पिछले दो साल से आदित्य सिंह कंपनी की संपत्ति और लाभ की हेराफेरी में भयंकर घोटाला किया है। जिसका मैंने हर समय विरोध किया। लेकिन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है।
जान से मारने की धमकी
पिछले 3 महीने में आदित्य सिंह का अकाउंटेंट ओम देवांगन ने कंपनी की सम्पत्ति में भयंकर घोटाला को अंजाम दिया है। इसकी जानकारी उस समय हुई जब ओम देवांगन वित्तीय वर्ष 2023- 24 के वित्तीय लेखा जोख पर हस्ताक्षर करवाने आया। इसी दौरान सारे घोटालों की जानकारी मिली। इसके बाद मैने हस्ताक्षर से इनकार कर दिया। इसके बाद तमाम बहाना बनाकर आदित्य और मनीष जैन ने हस्ताक्षर करने का दबाव बनाया। लेकिन उसने हस्ताक्षर करने से मना कर दिया । अब आदित्य सिंह ना केवल जान से मारने की धमकी दे रहा है। बल्कि हस्ताक्षर नहीं करने पर कम्पनी को बर्बाद करने की धमकी भी दे रहा है।
हस्ताक्षर के लिए बना रहा दबाव
अपनी लिखित शिकायत में रिद्धि सिद्धि कंपनी के मालिक ने बताया कि आदित्य सिंह आदतन अपराधी प्रवृत्ति का है। 4 साल पहले आर सी. सी बेटन कंपनी के मैनेजर से जानलेवा मारपीट किया है। मामले में उसके खिलाफ चकरभाठा थाना में अपराध भी दर्ज है। इस समय आदित्य जमानत पर है। आरोपी ने मेरी कंपनी रिद्धि सिद्धि निर्माण इंडिया लिमिटेड की संपत्तियों में भारी हेरफेर कर लाखों रुपयों का घाटा पहुंचाया है। अब कम्पनी पर कब्जा करना चाहता है। इसलिए अपने सीए ओम देवांगन के माध्यम से जान से मारने की धमकी देकर गलत दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवाना चाहता है। इतना ही नहीं ओम देवांगन जब तब फोन पर धमकी देकर हस्ताक्षर करने को कहता है।
पुलिस कप्तान ने दिया जांच का आदेश
शैलैष अग्रवाल ने बताया कि शिकायत को पुलिस कप्तान ने गंभीरता से लिया है। जांच का आदेश दिया है। मामले में सिविल लाइन थाना ने मनीष जैन को बुलाया। वह शर्तों के साथ अपनी भागीदारी छोड़ने को लेकर शपथ पत्र दिया है। लेकिन अब आदित्य सिंह के बहकावे में आकर कंपनी की संपत्ति पर कब्जा करना चाहता है।
तीनों होंगे जिम्मेदार
शैलेष ने कहा कि यदि उसके या उसके परिवार के साथ किसी प्रकार की अप्रिय घटना होती है तो इसके लिए आदित्य सिंह और मनीष जैन के अलावा ओम देवांगन जिम्मेदार होंगे।