रायपुर। रायपुर में हथियार सप्लाई करने वाले लोकेश अग्रवाल (सोनू) को न्यायिक हिरासत में वीआईपी ट्रीटमेंट मिल रहा है। इस पर ड्रग्स सप्लायर प्रोफेसर गैंग को भी हथियार सप्लाई करने का आरोप है। आरोपी सांस की बीमारी बताकर 19 अक्टूबर से अंबेडकर मेकाहारा अस्पताल के वार्ड नंबर 8 में भर्ती है, जबकि जांच में जब सभी रिपोर्ट नॉर्मल आई है।
अस्पताल में लोकेश बिना हथकड़ी रिश्तेदारों के साथ मुलाकात करता है। पुलिसकर्मियों के सामने खुलेआम फोन पर बात करता है, जबकि उसकी निगरानी के लिए दो पुलिसकर्मी वार्ड के बाहर तैनात किए गए हैं, लेकिन आने-जाने वाले किसी की जांच नहीं होती।
आरोपी लोकेश अग्रवाल को टिकरापारा और एसीसीयू की टीम ने 23 सितंबर को पकड़ा था। लोकेश पर प्रोफेसर गैंग के सदस्य शुभम को 1 लाख रुपए में पिस्टल बेचने का आरोप था। आरोपी शुभम को कस्टडी में लेने के दौरान पुलिस ने ड्रग्स के साथ पिस्टल भी बरामद किया था। पुलिस की पूछताछ में लोकेश अग्रवाल ने शुभम को पिस्टल देने की बात कही थी।
जेल के सूत्रों के अनुसार आरोपी ने 17-18 अक्टूबर को जेल प्रहरियों को पेट में दर्द होने की बात कही थी। जेल में देखने के बाद उसको 19 अक्टूबर को जेल अस्पताल से मेकाहारा लाया गया था।
मेकाहारा पहुंचते ही आरोपी सोनू ने डॉक्टरों से सांस लेने में तकलीफ होने की शिकायत की थी। सोनू की शिकायत के बाद डॉक्टरों ने बीपी, चेस्ट और ऑक्सीजन लेवल की जांच की थी। सोनू की रिपोर्ट के अनुसार उसका बीपी 110, ऑक्सीजन लेवल 100 प्रतिशत है।
ये दोनों रिपोर्ट आने के बाद सोनू ने डॉक्टरों को लूज मोशन की शिकायत बताई, तो डॉक्टरों ने स्पॉरोलेक की गोलियां दी। दो दिन से इन्हीं शिकायतों के आधार पर मेकाहारा अस्पताल में वो अपना इलाज करवा रहा है।
लोकेश के साथ दो दिन से लगातार उसके परिजन उसके साथ अस्पताल में मौजूद हैं। पुलिस की मौजूदगी में परिजन उसे खाना, मोबाइल, मैगजीन उपलब्ध करवा रहे हैं, लेकिन ड्यूटी में मौजूद पुलिसकर्मी सबकुछ देखकर अनजान बने बैठे हैं। वहीं अस्पताल प्रबंधन भी मामले पर बयान देने से बच रहा है।
सोनू की निगरानी के लिए जेल प्रशासन ने दो पुलिसकर्मी लगाए है। इन कर्मियों को निर्देश है, कि बंदी को हथकड़ी लगाकर उसका इलाज करवाए। लेकिन सोनू के साथ आए पुलिसकर्मियों ने उसकी हथकड़ी खोल दी है। बिना हथकड़ी के सोनू खुलेआम वार्ड में घूम रहा है।
पहले भी जेल से इलाज कराने या पेशी के दौरान कैदी प्रहरियों को चकमा देकर फरार हो चुके हैं, इन सबके बावजूद जेल प्रशासन की गाइड लाइन का प्रहरी उल्लंघन कर रहे हैं।
15 मई 2024 को प्रोफेसर गैंग के सरगना आयुष अग्रवाल को खम्हारडीह पुलिस और एसीसीयू की संयुक्त टीम ने गिरफ्तार किया था। आयुष के साथी कुसुम और महेश कस्टमर को ड्रग्स सप्लाई करने गए थे, इस दौरान दोनों पुलिस के हत्थे चढ़े थे।
पुलिस की कस्टडी में आने के बाद आरोपी कुसुम और महेश की निशानदेही पर पुलिस ने सरगना आयुष अग्रवाल उर्फ प्रोफेसर और महेश को पकड़ा था। सभी आरोपी अंग्रेजी वेब सीरीज मनी हाईस्ट के किरदारों पर अपना नाम रखकर कोड वर्ड के जरिए ड्रग्स की सप्लाई करते थे।