रायपुर: छत्तीसगढ़ में न्यायपालिका, जिसे अब तक न्याय और विश्वास का आखिरी स्तंभ माना जाता था, उसके नाम पर भी ठगी के मामले सामने आ रहे हैं। हाल ही में कई घटनाओं ने उजागर किया है कि कुछ लोगों ने ‘न्याय’ का दिखावा कर भोले-भाले लोगों से ठगी की है।
सूत्रों के मुताबिक, राज्य के कई हिस्सों में कुछ गिरोह न्यायालय और कानूनी प्रक्रियाओं का नाम लेकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं। ये ठग न्यायिक फैसलों में मदद दिलाने, मुकदमों को जल्दी सुलझाने या पक्ष में फैसला करवाने का झांसा देते हैं, जिसके बदले वे बड़ी रकम वसूलते हैं। कई पीड़ितों ने आरोप लगाया है कि उन्हें न्याय दिलाने के नाम पर आर्थिक रूप से लूटा गया।
राज्य के कानून विशेषज्ञों और वकीलों ने इस गंभीर समस्या पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा है कि न्यायपालिका का नाम लेकर हो रही इस तरह की ठगी न केवल जनता के विश्वास को तोड़ती है, बल्कि न्यायिक प्रणाली की साख पर भी सवाल उठाती है।
विपक्षी दलों ने राज्य सरकार और प्रशासन पर इस मामले में कड़ी कार्रवाई करने का दबाव बनाया है। उनका कहना है कि जब जनता न्यायपालिका पर भी भरोसा नहीं कर पाएगी, तो लोकतंत्र की बुनियादी नींव कमजोर हो जाएगी।
सरकार ने इन घटनाओं की गंभीरता को देखते हुए जांच के आदेश दिए हैं और ठगी करने वाले गिरोहों को पकड़ने के लिए विशेष टीमों का गठन किया है। पुलिस का कहना है कि जल्द ही दोषियों को सलाखों के पीछे पहुंचाया जाएगा और लोगों से अपील की गई है कि वे किसी भी कानूनी सेवा के लिए सिर्फ अधिकृत माध्यमों का ही सहारा लें।
इस तरह की घटनाओं के सामने आने से राज्य में भय और असंतोष का माहौल बन गया है। जनता उम्मीद कर रही है कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी और न्यायपालिका के नाम पर हो रहे इस धोखे को खत्म किया जाएगा।