केन्द्रीय जेल में 302के आरोप में सजा काट रहे कैदी की संदेहास्पद मौत
बिलासपुर : बिलासपुर केंद्रीय जेल में दीपावली पर्व के दौरान शुक्रवार की रात एक कैदी की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि कैदी हत्या के केस में सजा काट रहा था। रात में अचानक उसकी तबीयत बिगड़ी, तब उसे जेल अस्पताल ले जाया गया। गंभीर हालत को देखकर सिम्स रेफर किया गया, जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। जानकारी के अनुसार जूना बिलासपुर के कतियापारा निवासी बजरंग यादव (35) हत्या के केस में सेंट्रल जेल में बंद था। बजरंग जब 19 साल का था, तब मोहल्ले में बलवा और मारपीट हो गई थी। इस हमले में उसने एक युवक की
हत्या कर दी थी। इस मामले में पुलिस ने हत्या का केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया था। साल 2009 में अपर सत्र न्यायाधीश ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी, जिसके बाद से वो सेंट्रल जेल में सजा काट रहा था। जेल प्रशासन का कहना है कि शुक्रवार की रात जेल के बैरक में बजरंग की अचानक तबीयत बिगड़ गई। इसकी जानकारी मिलते ही जेल कर्मी उसे जेल अस्पताल लेकर गए, जहां प्रारंभिक उपचार के बाद उसकी गंभीर हालत को देखते हुए सिम्स रेफर कर दिया गया। इस बीच सिम्स में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। जेल अधीक्षक खोमेश मंडावी का कहना है कि कैदी को सीने में दर्द हुआ था, जिसके बाद उसका प्राथमिक उपचार कराया गया। फिर उसे सिम्स भेज दिया गया। माना जा रहा है कि हार्ट अटैक आने से उसकी मौत हुई होगी। जबकि सूत्रों का कहना है कि उसकी संदेहास्पद है। कैदी की मौत की सूचना सिविल लाइन पुलिस के साथ ही कार्यपालिक मजिस्ट्रेट को दी गई है।
जेल प्रशासन ने कैदी की मौत होने पर परिजनों की मौजूदगी में कार्यपालिक मजिस्ट्रेट के समक्ष 4 डॉक्टरों की टीम से विडियो ग्राफी के साथ उसका पोस्टमॉर्टम कराया गया है। साथ ही बिसरा जांच, केमिकल जांच के लिए रखा गया है इसलिए सार्ट पी एम रिपोर्ट अभी प्राप्त नहीं हो पाया है। पुलिस इस मामले में मर्ग कायम कर जांच कर रही है। पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही उसकी मौत के असली कारणों का पता चल सकेगा। जेल प्रशासन ने कैदी की मौत की सूचना जेल मुख्यालय के साथ ही जिला प्रशासन के अफसरों को भी दी है। साथ ही घटना की न्यायिक जांच के लिए सत्र न्यायाधीश को भी पत्र लिखा गया है। बता दें कि मानव अधिकार आयोग के दिशानिर्देशों के अनुसार पुलिस अभिरक्षा या फिर जेल में मौत होने पर न्यायिक जांच का प्रावधान है। लिहाजा, कैदी की मौत की भी दंडाधिकारी जांच होगी । क्योंकि इससे पहले सीपत थाने में एक आरोपी को अवैध शराब ब्रिकी के मामले में गिरफ्तार कर उसके साथ मारपीट किया गया था और जेल दाखिले के दूसरे दिन उसकी सिम्स मेडिकल कॉलेज में हो गई थी जिसकी भी जांच मजिस्ट्रेट के द्वारा किया गया है और मजिस्ट्रेट ने अपने रिपोर्ट में कहा है कि उसकी मृत्यु मारपीट की वजह से चोट के कारण हुई है। परन्तु आज तक उस हवलदार और टी आई के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई है।