डॉक्टर बेटे को लाभ दिलाने DME पापा ने नियमों की उड़ाई धज्जियां, पहले ट्रांसफर में नियम तोड़ा, अब भेज रहे है विदेश, मुख्यमंत्री, राज्यपाल और स्वास्थ्य मंत्री से हुई शिकायत
बिलासपुर : उच्च पदों पर बैठे अधिकारी अपने बेटेबेटियों को नियम कानून ताक पर रखकर कैसे लाभ पहुंचाते है इसका प्रत्यक्ष उदाहरण स्वास्थ्य विभाग में सामने आया है। डाइरेक्टर मेडिकल एडुकेशन (DME) डॉ विष्णुदत्त ने अपने डॉ बेटे को पहले स्थानांतरण नीति को ताक पर रखकर रायपुर ट्रांसफर कराया अब उच्च शिक्षा की पढ़ाई कराने के लिए विदेश भेज रहे है और वो भी सरकारी पैसे से। इसके लिए डॉ विष्णुदत्त ने पगपग में नियमों की धज्जियां उड़ाई है और आउट ऑफ वे जाकर अपने पद का दुरुपयोंग किया है। अब इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री, राज्यपाल और स्वास्थ्य मंत्री से शिकायत की गई है।
मुख्यमंत्री, राज्यपाल और स्वास्थ्य मंत्री को शिकायत करते हुए कहा गया है की डॉ मयंक दत्त पिता डॉ विष्णुदत्त जो कि अभी शासकीय चिकित्सा ( चंदूलाल चन्द्राकर) महाविद्यालय दुर्ग में 10 जून 2022 से परिवीक्षा अवधि पर पदस्थ है। पीएससी के माध्यम से चयन हुआ। इसके बाद उनकी पहली पोस्टिंग शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय जगदलपुर में हुआ था जो कि एक अनुसूचित क्षेत्र है।
डॉ मयंक दत्त का अनुसूचित क्षेत्र से महीने भर के भीतर गैर अनुसूचित क्षेत्र में पदस्थापना हेतु आदेश राज्यशासन द्वारा आदेश क्र F-3-52 /21/पचपन/ दिनाँक 10 जून 2022 द्वारा किया गया । जिसका प्रस्ताव संचालक चिकित्सा शिक्षा द्वारा प्रेषित किया गया था। इस आदेश में दो अन्य चिकित्सकों का स्थानांतरण जोकि आपसी है और अनुसूचित क्षेत्र से अनुसूचित क्षेत्र में किया गया है। जबकि डॉ मयंक दत्त का संशोधित स्थानांतरण आदेश अनुसूचित क्षेत्र बस्तर से गैर अनुसूचित क्षेत्र दुर्ग में किये जाने का प्रस्ताव संचालक चिकित्सा शिक्षा के द्वारा राज्य शासन को प्रेषित किया। जिसके आधार पर राज्य शासन के नियमों के विपरीत आदेश जारी किया है। इसमे डॉ विष्णुदत्त ने पद का दुरुपयोग करते हुए अपने पुत्र को लाभ पहुँचाया है। इसमे राज्य शासन के स्थानांतरण नीति के विरुद्ध प्रस्ताव प्रेषित किया गया है।
डॉ मयंक दत्त जिन्होंने दुर्ग के शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय में 10 जून के बाद कार्यभार ग्रहण किया है उसे महज 03 महीने बाद उच्चशिक्षा ग्रहण करने के लिए राज्य शासन द्वारा अनापत्ति पत्र आदेश क्र F-3-57/2022, 25 अगस्त 2022 को जारी कर दिया गया है। अनापत्ति आदेश का प्रस्ताव संचालक चिकित्सा शिक्षा द्वारा ज्ञापन क्र 8349 / स्था -1/22 दिनाँक 17.8.2022 को प्रेषित किया गया गया था।
चिकित्सा शिक्षा विभाग में चिकित्सा अधिकारियों व कर्मचारियों के उच्च शिक्षा ग्रहण हेतु राज्य शासन का जो नियम बना है उसके अनुसार डॉ मयंक दत्त ने दो वर्ष की परिवीक्षा अवधि पूर्ण नही की है। उनकी जॉइनिंग महज 3 माह पूर्व की है। जिसके बाद उन्हें उच्चशिक्षा के कॉउंसलिंग हेतु आवश्यक तथ्यों को छिपाकर संचालक डॉ विष्णुदत्त ने 17 अगस्त 22 को प्रस्ताव भेजकर 25 अगस्त को अनापत्ति पत्र जारी करवा लिया। उनके द्वारा राज्य शासन के नियमों को नजरअंदाज कर, पद का दुरुपयोग करते हुए अपने पुत्र को लाभ दिलाया गया है और उच्चाधिकारियों को गुमराह किया गया है ।
ज्ञात हुआ है कि डॉ विष्णुदत्त नियमित डीन के रूप में शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय, सिम्स बिलासपुर में वर्ष 2016-17 में पदस्थ थे । जंहा इनके द्वारा पद का दुरुपयोग कर अनावश्यक व नियम विरुद्ध चिकित्सकों की भर्ती कर राज्य शासन को आर्थिक नुकसान पहुचाया था। जिसमे डॉ विष्णुदत्त को निलंबित किया गया था व वर्तमान में राज्यशासन स्तर पर जांच लंबित है। इस प्रकार डॉ विष्णुदत्त लगातार और आदतन पद का दुरूपयोग कर हमेशा राज्य शासन के अहित का कार्य करते चले आ रहे हैं। ये पद पर रहते हुए हमेशा उच्चाधिकारिओं को धोखे में रखकर गलत जानकारियां प्रेषित करते हैं। अब देखना यह है कि स्वास्थ्य मंत्री और शासन क्या कार्यवाही करती है।