लोकसभा के नेताप्रतिपक्ष राहुल गांधी पर हुआ एक और अपराध दर्ज पर गिरफ्तारी क्यों नहीं?
दिल्ली : देश की जनता का सवाल, अपराध दर्ज तो होते रहते है, आखिर गिरफ्तारी क्यों नहीं, राजनीतिक पार्टियां सिर्फ गुमराह करने या फिर मुंह बंद कराने के लिए ये सब नौटंकी करती है । एक से ज्यादा अपराध करने वाले हिस्ट्रीशीटर बदमाश की श्रेणी में आते है, लेकिन विधायक ,मंत्री नेता क्यों नहीं… असम , लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी हाल ही में दिए अपने एक बयान को लेकर मुश्किल में पड़ गए हैं, जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘बीजेपी और आरएसएस ने हर एक संस्थान पर कब्जा कर लिया है और अब हम बीजेपी, आरएसएस और इंडियन स्टेट से लड़ रहे हैं’. गुवाहाटी के पान बाजार पुलिस स्टेशन में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है ।
राहुल गांधी ने यह बयान 15 जनवरी 2025 को दिल्ली के कोटला रोड पर कांग्रेस पार्टी के नए मुख्यालय के उद्घाटन के दौरान दिया था. यह एफआईआर बीएनएस की धारा 152 और 197(1)डी के तहत ‘भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले कृत्यों’ के लिए दर्ज की गई है, जो एक संज्ञेय और गैर-जमानती कृत्य है. शिकायतकर्ता मोनजीत चेतिया ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी के बयान ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की सीमा को पार कर दिया है और सार्वजनिक व्यवस्था और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा किया है. एफआईआर के अनुसार, चेतिया ने अपनी शिकायत में कहा, ‘यह घोषित करके कि उनकी लड़ाई ‘भारतीय राज्य’ के खिलाफ है, उन्होंने जानबूझकर जनता के बीच विध्वंसकारी गतिविधियों और विद्रोह को भड़काया है ।
उन्होंने कहा, ‘यह राज्य के अधिकार को अमान्य करने का एक प्रयास है, जिससे एक खतरनाक नैरेटिव तैयार हो सकता है, जो अशांति और अलगाववादी भावनाओं को भड़का सकता है.’ चेतिया ने कहा कि राहुल गांधी की टिप्पणी बार-बार चुनावी विफलताओं से पैदा हुई हताशा से प्रेरित थी. विपक्ष के नेता के रूप में, उनकी जिम्मेदारी लोकतांत्रिक संस्थाओं में जनता का विश्वास बनाए रखना है, लेकिन इसके बजाय, उन्होंने झूठ फैलाने और विद्रोह भड़काने के लिए अपने मंच का दुरुपयोग करना चुना.