ED की हिरासत में सबसे बड़े कोयला दलाल की बदली दिनचर्या ……… मुर्गे के बांग देने से पहले उठा फिर तोते की तरह खोला मुँह, राज्योत्सव पर छत्तीसगढ़ को बड़ी सौगात, देने की तैयारी में जुटी है ED ………कोयला दलाल और सरगना सूर्यकांत तिवारी ने न्यायालय को बताया – “ईडी से टार्चर और डॉ रमन सिंह से जान का खतरा…!
रायपुर : छत्तीसगढ़ में सरकारी सरंक्षण में पनपे भ्रष्टाचार के वृक्ष की जड़े राज्योत्सव के मौके पर कटती नजर आ रही है। माना जा रहा है कि ED इस मौके पर प्रदेश की पीड़ित जनता को यादगार तोहफा भेट करने की तैयारी में जुटी है। उसके पास मौजूद कई डिजिटल और दस्तावेजी प्रमाणों की तस्दीक की प्रक्रिया अंतिम चरणों में है। सूत्रों का दावा है कि जल्द ही उसके हाथ उन सफ़ेदपोश लुटेरों के गिरेबान तक पहुंच जायेंगे जो प्रदेश की खनिज सम्पदा और सरकारी मशीनरी को जाम कर प्रतिमाह 800 करोड़ से ज्यादा की ब्लैकमनी का उत्पादन कर रहे थे। इतनी मोटी रकम इकठ्ठा कर हवाला और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे गैरकानूनी कारोबार के जरिये सुनियोजित रूप से देश -विदेश में निवेश की जा रही थी। इस कारोबार का सरगना कोयला दलाल सूर्यकान्त तिवारी ED की हिरासत में कई ऐसे रहस्यों पर से पर्दा हटा रहा है जो भ्रष्टाचारियों के कुनबे की शोभा बढ़ा रहे थे।
सूत्रों के मुताबिक बीती रात सूर्यकान्त तिवारी ने ED की हिरासत में काफी राहत भरी और सुरक्षित गुजारी है। उसके मेडिकल टेस्ट और तमाम क़ानूनी प्रक्रियाओं को पूरी करने के बाद ED ने सूर्यकांत को उसके हाल पर छोड़ दिया था। सूत्र बताते है कि बीती रात ”पेट पूजा ” होने के बाद सूर्यकान्त खर्राटे मारकर सोया था । लेकिन सुबह मुर्गे की बांग देने से पहले ही सोकर उठ गया। फिर दहाड़ मारकर रोने लगा।
दरअसल ED ने सूर्यकान्त को जिस कमरे में रखा है, उसकी खिड़कियों से अल सुबह मुर्गे की बांग सुनाई देती है। दरअसल इस परिसर से सटे गांव से दर्जनों मुर्गे सुबह से चिल्लाने लगते है। उन्ही के साथ नई सिसकियाँ सुनकर अफसरों को हैरानी हुई। उन्हें पहले लगा कि उनके कमरे में कोई नया मुर्गा आ गया है। लेकिन इधर -उधर ताकने झाँकने पर पता पड़ा कि सूर्य पर ग्रहण का असर हुआ है। वो खुद बा खुद कई ”कबूलनामा” कर रहा है। खैर, ED की हिरासत में आज सुबह से भी उसकी अच्छी खासी ”खातिरदारी ” की खबर है।
बताया जाता है कि सुबह उसे पहले चाय -बिस्किट और फिर स्वल्पाहार दिया गया। फिर भोजन -पानी पेट में जाते ही सूर्यकांत ने तोते की तरह बोलना शुरू कर दिया। उसने बगैर दस्तावेज देखे ही कई कबूलनामे किये। हालांकि दोपहर में उसने सादा भोजन खाने के बाद करीब आधा घंटा रेस्ट भी लिया। इसके बाद तय समय पर फिर ” ऑटो स्टार्ट ” लिया। अफसर उसकी स्वीकारोक्ति सुनकर हैरत में बताये जाते है।
दरअसल उसने बगैर सवाल पूछे ही अब तक कई प्रश्नों के जवाब दे दिए है। हालांकि जाँच अधिकारी उसके प्रत्येक जवाबो की लगे हाथ तस्दीक भी कर रहे है। सूत्रों के मुताबिक सूर्यकान्त ने अपने कारोबार के आलावा पारिवारिक ब्रेग्रॉउंड अफसरों के साथ साझा किया है। उसने अपने राजनैतिक रसूक और कारोबारियों से संबंधो का खुलासा किया है।
इसके साथ ही छत्तीसगढ़ में विभिन्न सरकारी योजनाओं की हकीकत से भी ED को अवगत कराया है। उसने कई अफसरों की असलियत और कारोबार के बारे में कई इनपुट साझा किये है।
सूत्रों के मुताबिक इसके पूर्व मुख्यमंत्री बघेल की करीबी उपसचिव सौंम्या चौरसिया और IAS रानू साहू और उनके पति JP मौर्य ने जहां पूछताछ के दौरान कई सवालो पर चुप्पी साधे रही। वही सूर्यकान्त तिवारी ED के सामने बोलता ही जा रहा है ,वो रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है। बताया जाता है कि अब तक की पूछताछ में उसने राज्य में चल रहे बड़े रैकेट के कारनामो से ED को अवगत कराया है। उससे अभी भी पूछताछ जारी है।
सूत्र बताते है कि ED के पूछने से पहले ही सूर्यकान्त कई ऐसे सवालो का भी जवाब दे रहा है, जो उसकी लिस्ट में अब तक शामिल नहीं थे। उसने कोयला तस्करी और एक्सटार्शन मनी की वो लम्बी दास्तान सुनाई है ,जो एक नेता जी के कुनबे और उनके सिपह सालारो की असलियत जाहिर करती है।
सूत्रों का दावा है कि सूर्यकान्त तिवारी ED के साथ हर संभव सहयोग कर रहा है। वो कई और वादों के साथ सरकारी गवाह बनने की गुहार भी लगा रहा है। उसने कई ऐसे गुनाह कबूल किये है जो भविष्य में सरकार के गले की फांस साबित हो सकते है।
सूत्रों ने बताया कि सूर्यकान्त से प्रारम्भिक पूछताछ में जिन तथ्यों की पुष्टि हुई है , उनसे सम्बंधित संदेहियों को हाजिर होने के लिए नोटिस जारी किये गए है। बताया जाता है कि 1 नवम्बर को कई बड़े अफसरों को ED के दरवाजे पर बुलाया गया है। इस दिन कुछ बड़ी कार्यवाही की संभावना भी जताई जा रही है।
समर्पण पर आखिर क्या कहां सूर्यकांत तिवारी ने न्यायालय से
छत्तीसगढ़ में कोयला परिवहन में अवैध वसूली के आरोपों से घिरे कारोबारी सबसे बड़े कोयला दलाल सूर्यकांत तिवारी ने शनिवार को मनी लांड्रिंग मामलों के स्पेशल जज अजय सिंह राजपूत की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। उसके बाद प्रवर्तन निदेशालय-ED ने उसे गिरफ्तार किया और 12 दिन की रिमांड पर लेकर चली गई। इससे पहले अदालत को दिये गये आवेदन में सूर्यकांत तिवारी ने भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह पर षड़यंत्र का आरोप लगाया। उसने कहा, उसकी जान को खतरा भी है।
अब यह नहीं बताया खतरा अंदर वालों से है या बाहर वालों से पूछने पर बाद में बताने की बात कहकर चल दिया
सूर्यकांत तिवारी ने अदालत को बताया, ED ने समीर विश्नोई और अन्य मामले में उसको भी अभियुक्त बताया है। वह लगभग 20 सालों से प्रदेश में कारोबार कर रहा है। पूर्ववर्ती सरकार से भी उसके अच्छे संबंध रहे हैं। वह अडानी समूह के लिए ट्रांसपोर्ट का काम करता है और उसी से आय अर्जित करता है। इससे पहले आयकर विभाग की कार्यवाही में उसने पूरा सहयोग किया है। वह ED की कार्यवाही में भी सहयोग करना चाहता है। वह वैधानिक रूप से कमाई गई संपत्ति का ब्यौरा ED को देने में सक्षम है, लेकिन राजनीतिक रूप से प्रेरित इस मामले में ED के अधिकारी उसकी सच्चाई को रिकॉर्ड नहीं करेंगे। तिवारी की ओर से कहा गया, ED ने जो मामला दर्ज किया है वह राजनीति से प्रेरित है।
राजनीतिक लाभ उठाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह सोशल मीडिया में बयान देते आ रहे हैं। एक षडयंत्र के बाद ही यह मामला ED में रजिस्टर कराया गया है। सूर्यकांत ने आशंका जताई है कि ED के अधिकारी पूछताछ के दौरान उसके साथ थर्ड डिग्री का बर्ताव करेंगे। उसको अपनी जान का भी खतरा है। ऐसे में वह चाहता है कि उसे न्यायिक अभिरक्षा में रखा जाए। न्यायिक अभिरक्षा में ही वकील की मौजूदगी में उससे पूछताछ की जाये। गिरफ्तारी के बाद सूर्यकांत ने अदालत से मांग की कि उससे पूछताछ कैमरे के सामने हो। उसको पूरे समय सीसीटीवी कैमरे दायरे में रखा जाए। अदालत से बाहर जाते हुए भी सूर्यकांत ने मीडिया से कहा, उसकी जान को खतरा है। यह खतरा किससे है वह समय आने पर बताएगा।
चुपचाप पेश हुआ, अदालत ने ED को बताया
सूर्यकांत तिवारी शनिवार को 3.30 बजे के करीब अपने वकील फैजल रिजवी के साथ चुपचाप ED की विशेष अदालत में पेश हो गया। अदालत ने पूछा तो बताया गया, ED ने उसे अभियुक्त बनाया है, इसलिए वह अदालत में सरेंडर कर रहा है। अदालत ने ED के वकील को बुलाया। काफी देर बाद ED ने अरेस्ट मेमो मंगाकर अदालत कक्ष में ही गिरफ्तार दिखाया और पूछताछ के लिए 14 दिन की रिमांड मांगी। अदालत ने 12 दिन की रिमांड मंजूर किया।
अधिवक्ता के सामने पूछताछ की शर्त लगाई
सूर्यकांत तिवारी के आग्रह पर अदालत ने उसका बयान रिकॉर्ड करते समय उसके अधिवक्ता वहां मौजूद रहेंगे। हालांकि अधिवक्ता केवल उसे देख पाएंगे, सुन नहीं पाएंगे। समय-समय पर वकील से मिलने की अनुमति भी दी गई है। ऐसी अनुमति इस मामले में पहले गिरफ्तार तीन आरोपियों के मामले में भी दी गई थी।
ED की रडार पर भी नहीं था सूर्यकांत
ED ने पिछले सप्ताह तक की अपनी कार्यवाही में सूर्यकांत तिवारी को कोयला परिवहन में अवैध वसूली गिरोह का सरगना बताया है। लेकिन शनिवार को जब सूर्यकांत ने अदालत में आकर आत्मसमर्पण किया ताे साफ हो गया कि वह ED की राडार पर कहीं था ही नहीं। जांच एजेंसी ने अभी तक सूर्यकांत की तलाश में कोई कार्रवाई नहीं की थी। उसके पते पर कोई नोटिस तक नहीं भेजा गया था। यहां तक कि अधिकारी इस ओर से इतने बेफिक्र थे कि अदालत से सूचना मिलने पर मुख्यालय से लगातार निर्देश लेकर अपना स्टैंड बदलते रहे। पहले कहा, हमने इनको बुलाया ही नहीं है। फिर स्टैंड बदलकर कहा, गिरफ्तार करेंगे। उसके बाद 14 दिन की रिमांड मांगी।
यह पूरा केस सूर्यकांत तिवारी के इर्द-गिर्द
ED जिस एक मामले को लेकर छत्तीसगढ़ में लगातार तलाशी अभियान चला रही है, वह ट्रांसपोर्ट और कोल कारोबारी सूर्यकांत तिवारी के इर्द-गिर्द ही घूम रहा है। IAS समीर विश्नोई, कारोबारी सुनील अग्रवाल और सूर्यकांत के चाचा लक्ष्मीकांत तिवारी की रिमांड के लिए अदालत को दिये अपने पहले आवेदन में ED ने सूर्यकांत के खिलाफ बेंगलुरु में दर्ज एक एफआईआर से बात शुरू की थी। वहां से बात आयकर विभाग के छापे, सेंट्रल बोर्ड ऑफ डाइरेक्ट टैक्सेज के पत्र और ED के उसमें इन्वॉल्व होने की कहानी थी।