छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के ओ एस डी, कांग्रेस नेता और ओ एस डी के खास सिपहसालार, सूर्यकांत तिवारी, और उनके ग्रुप सहित राजधानी रायपुर और कई शहरों में आयकर का छापा, घर और दफ्तरों में खंगाले जा रहे दस्तावेज, सू़त्रों की मानें तो इस छापे की तार कोलवाशरी खरीदी से भी जूडे होने की जानकारी आ रही है
रायपुर : छत्तीसगढ़ में गुरुवार को आयकर विभाग की टीम ने 5 जिलों में कई कारोबारियों के ठिकानों पर एक साथ छापा मारा है। कारोबारियों के संबंध राजनीतिक पार्टी से जुड़े होने की बात सामने आई है।
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर सहित कई शहरों में आयकर का छापा, घर और दफ्तरों में खंगाले जा रहे दस्तावेज
छत्तीसगढ़ में गुरुवार को आयकर विभाग की टीम ने 5 जिलों में कई कारोबारियों के ठिकानों पर एक साथ छापा मारा है। कारोबारियों के संबंध राजनीतिक पार्टी से जुड़े होने की बात सामने आई है। छापे की इस कार्रवाई में मध्यप्रदेश, ओडिशा, महाराष्ट्र, कोलकाता के अफसर शामिल हैं। आईटी विभाग की टीमों ने राजधानी रायपुर के साथ महासमुंद, रायगढ़, कोरबा, बिलासपुर और दुर्ग जिलों में कारोबारियों की संपत्ति और कमाई की जांच शुरू कर दी गई है।
आयकर के अफसर अभी इस मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। कारोबारियों के घरों को पूरी तरह से सील कर दिया गया है। छापा मार कार्यवाही से सभी तरफ हड़कंप मचा हुआ है।
मिली जानकारी के मुताबिक भिलाई में मुख्यमंत्री के ओ एस डी सौम्या चौरसिया के निवास सूर्या रेसीडेंसी और रायपुर में अनुपम नगर स्थित सूर्यकांत तिवारी के घर और आफिस में आईटी की टीम पहुंची है। वहीं कोरबा के ट्रांसपोर्टर और कोयला व्यवसायी हेमंत जायसवाल के पुरानी बस्ती स्थित आवास और बिलासपुर स्थित आवास अमलतास कालोनी में आईटी की छापा पड़ी है।
महासमुंद में सूर्यकांत के भाई लक्ष्मीकांत तिवारी और अजय नायडू के निवास पर आयकर विभाग का सर्वे जारी है। कोरबा के कोयला व्यवसायी हेमंत जायसवाल के आवास में आईटी की टीम जांच कर रही है। रायगढ़ के जय अंबे ट्रांसपोर्ट कंपनी के संचालक रिंटू सिंह के आशीर्वाद पुरम कालोनी स्थित घर में रेड पड़ी है। दुर्ग जिले के कुम्हारी और भिलाई स्थित सूर्या रेंसीडेंटी में भी आयकर का छापा पड़ा है। इनके रिश्तेदारों के यहां भी कुछ टीमों के पहुंचने की जानकारी सूत्रों से मिली है। सभी जगहों पर टीम फिलहाल दस्तावेजों की जांच कर रही है।
घर के बाहर सीआरपीएफ व पुलिस तैनात
आयकर विभाग की कार्रवाई ने प्रदेश में खलबली मचा दी है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक यह पूरा मामला कोयला कारोबार और बड़े लेन-देन से जुड़ा होना बताया जा रहा है। आयकर के अफसरों की टीम ने स्थानीय पुलिस की भी मदद ली है। जिन कारोबारियों के यहां छापे पड़े हैं, वह सभी कांग्रेस पार्टी से जुड़ा होना बताया जा रहा है। आयकर की सर्वे टीम के साथ केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के सशस्त्र जवान हैं। जवानों ने रास्ते को पूरी तरह सील कर दिया है। घरों को बंद कर दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं। घर के किसी भी सदस्य को बाहर नहीं जाने दिया जा रहा है। वहीं बाहर से किसी भी व्यक्ति को अंदर जाने की अनुमति नहीं है। जांच में अभी क्या मिला है, इसकी जानकारी भी नहीं मिली है। आयकर अफसरों के अधिकृत बयान से ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।
कोरबा में पड़े इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के छापे के तार कोल वाशरी की करोड़ों के जमीन सौदे से जुड़ती हुई दिख दे रही है। कोरबा रजिस्ट्री ऑफिस से मिली जानकारी के अनुसार कोल व्यवसायी हेमंत जायसवाल और सूर्यकांत तिवारी के भाई रजनीकांत तिवारी ने 25 करोड़ रुपये में एक ही दिन में 35 टुकड़ों की जमीन की रजिस्ट्री करवाई है।
आपको ज्ञात होगा 30 जून को छत्तीसगढ़ के अलग-अलग जिलों में आयकर विभाग की टीम ने छापामार कार्यवाही किया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कार्यालय में पदस्थ सौम्या चौरसिया के निवास स्थान के साथ ही सूर्यकांत तिवारी और कोरबा के कोयला व्यवसायी हेमंत जायसवाल के घर आईटी विभाग की टीम ने कार्यवाही किया। इसी बीच कोरबा के कोयला व्यवसायी हेमंत जायसवाल और सूर्यकांत तिवारी के भाई रजनीकांत तिवारी के बारे में राष्ट्रीय जगत विजन को एक अहम जानकारी मिली है। कोरबा के पंजीयक कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार कोरबा के कोथारी के पास गांव जमनीपाली में स्थित कोल साइडिंग/वाशरी/क्रशर मेसर्स इंडस उद्योग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड (Property of Indus Udyog And Infrastructure Pvt Ltd) की प्रॉपर्टी को अलग-अलग रजिस्ट्री कराकर टुकड़ों में लगभग 25 करोड़ रुपयों में खरीदा गया है। यह सभी रजिस्ट्री जून माह के शुरुआत में 3 जून को हुई थी. जिसके बाद 30 जून को हेमंत जायसवाल सहित सूर्यकांति तिवारी के सभी ठिकानों पर आयकर विभाग ने छापामार कार्रवाई की. (IT raid in Korba )
कोरबा में आईटी रेड से पहले जमीनों का सौदाकोल वाशरी से जुड़े तार! कोरबा जिले के गांव कोथारी के पास जमनीपाली और पचपेड़ी में लंबे समय मेसर्स इंडस उद्योग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड की रेलवे साइडिंग/कोल वाशरी/ क्रशर स्थापित है। यहां से महाराष्ट्र के पावर प्लांट्स को कोयला सप्लाई किया जाता रहा है. जिसके डायरेक्टर आशीष अग्रवाल हैं. जिला पंजीयक कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार
इसी महीने की 3 जून को आशीष अग्रवाल ने मड़वारानी कोल बेनिफिकेशन प्राइवेट लिमिटेड को जमीन बेची है. जिसके मालिक रजनीकांत तिवारी हैं. जो रायपुर रोड, महासमुंद के निवासी हैं. इस प्रॉपेर्टी की कुल 12 रजिस्ट्री हुई है. जिसमें से 3 में हेमंत जायसवाल पार्टनर हैं। जबकि बाकी सभी रजिस्ट्री रजनीकांत तिवारी के नाम पर हुई है. इन सभी रजिस्ट्री में से केवल 1 जमीन जिसका खसरा नंबर 259/1 और 259/4 कुल रकबा, 30 डिसमिल के मालिक राजेश मिश्रा हैं. लेकिन इसकी पावर ऑफ अटॉर्नी भी आशीष अग्रवाल के पास थी. इस खसरा नंबर की 30 डिसमिल जमीन के एवज में 3 लाख का सौदा कर रजिस्ट्री रजनीकांत तिवारी के नाम पर की गई है. इसे छोड़कर सभी के मालिक आशीष अग्रवाल हैं. जबकि जमीन खरीदने वाले रजनीकांत तिवारी और हेमंत जायसवाल हैं। (IT raid connected to coal washery in Korba)छत्तीसगढ़ में राजधानी रायपुर सहित कई शहरों में IT का छापा*जिन जमीनों का सौदा हुआ उनमे से कुछ प्रमुख का विवरण
स.क्र.- जमीन का खसरा नंबर- राशि(रुपये में)
1.438/1,442/1- 7 लाख 50 हजार
- 263/5,265/4- 8 करोड़ 77 लाख 69 हजार3. 423,424, 425, 439
- (में 8 टुकड़े)- 23 लाख 20 हजार
- 263/6, 265/5- 8 करोड़ 77 लाख 69 हजार5. 411/4ख, 358/4- 7 करोड़ 2 लाख 28 हजार
कुल 12 रजिस्ट्री, जिनमे से 3 एक आदिवासी के नाम पर :पंजीयक कार्यालय में मौजूद रिकॉर्ड के अनुसार “3 जून को ही यह सभी रजिस्ट्री हुई है। सभी जमीन इसी कोल वाशरी की हैं। जो गांव जमनीपाली और इसके पड़ोसी गांव पचपेड़ी में स्थित है। गांव पचपेड़ी की 11 एकड़ जमीन का सौदा इंडस के डायरेक्टर आशीष अग्रवाल ने एक आदिवासी ईश्वर सिंह सिदार के नाम पर भी की है। इसका दाम भी करोड़ों में है। ईश्वर के नाम पर कुल 3 रजिस्ट्री की गई हैं।
एक ही दिन में 35 टुकड़ों की रजिस्ट्री, दाम 25 करोड़ से ज्यादा : पंजीयक कार्यालय में एक ही दिन इतनी अधिक रजिस्ट्री का होना कई सवालों को जन्म दे रहा है. कोरबा के कोठारी के समीप गांव जमनीपाली में स्थित कोल साइडिंग/वाशरी/क्रशर मेसर्स इंडस उद्योग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर आशीष अग्रवाल ने 37 टुकड़ों की 12 रजिस्ट्री की है । जिसे हेमंत जायसवाल, रजनीकांत तिवारी और ईश्वर सिंह सिदार ने खरीदा है. कुल जमीन का रकबा लगभग 25 एकड़ है. इसके एवज में करीब 25 करोड़ रुपये की भारी भरकम राशि का भुगतान किया गया है.निर्धारित सीमा से अधिक की रजिस्ट्री तो इनकम टैक्स को जाती है।
सूचना : वर्तमान घटनाक्रम के अनुसार छापामार कार्यवाही का केंद्र बिंदु कोरबा का पंजीयक कार्यालय को कहना गलत नहीं होगा।
दरअसल पंजीयक कार्यालय में जब भी एक निर्धारित सीमा से अधिक के रकम की रजिस्ट्री होती है। तब पंजीयक कार्यालय से एक सूचना इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को भी दी जाती है।
सूत्रों की माने तो इसी जानकारी के बाद इनकम टैक्स ने जांच पड़ताल शुरू की है। प्रॉपर्टी खरीदने के लिए पैसे कहां से आए? खरीदारी करने वाले खरीदारों के पीछे और किन लोगों की संलिप्तता है? खरीदी की प्रक्रिया में क्या कोई गड़बड़ी हुई है? यह इस तरह के कई सवालों का जवाब मिलना बाकी है. फिलहाल इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की कार्रवाई प्रदेश भर में जा रही है।
एक दिन पहले ही हुआ है कलेक्टर का तबादला : जिले में इनकम टैक्स विभाग की छापामार कार्रवाई के ठीक 1 दिन पहले 29 जून को कलेक्टर रानू साहू का तबादला कोरबा से रायगढ़ किया गया है. जबकि सरगुजा के कलेक्टर संजीव झा का तबादला कोरबा किया गया है. फिलहाल संजीव झा ने कोरबा में आकर प्रभार नहीं लिया है।