पप्पू नहीं, स्मार्ट मैन हैं राहुल गांधी; पूर्व RBI गवर्नर रघुराम राजन
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने बुधवार (18 जनवरी, 2023) को कहा कि कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और वायनाड से सांसद राहुल गांधी पप्पू नहीं हैं, वो एक स्मार्ट मैन हैं।
दावोस में विश्व आर्थिक मंच ( World Economic Forum in Davos) के मौके पर राष्ट्रीय जगत विजन से बातचीत के दौरान रघुराम राजन ने कहा, ‘मुझे लगता है कि राहुल गांधी की छवि को गलत तरीके से पेश किया गया। राजन ने कहा कि कि मैंने कई मोर्चों पर उनके साथ बातचीत करते हुए लगभग एक दशक बिताया है, वह (राहुल गांधी) किसी भी तरह से ‘पप्पू’ नहीं है। वह एक स्मार्ट, युवा, जिज्ञासु व्यक्ति है।’
आरबीआई के पूर्व गर्वनर ने कहा कि मुझे लगता है कि प्राथमिकताएं क्या हैं, बुनियादी जोखिम और उनका मूल्यांकन करने की क्षमता की अच्छी समझ होना महत्वपूर्ण है। मुझे लगता है कि ऐसा करने में कांग्रेस नेता राहुल गांधी पूरी तरह से सक्षम हैं। रघुराम राजन ने कहा, ‘मैं भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुआ, क्योंकि मैं यात्रा के मूल्यों के लिए खड़ा हूं। मैं किसी राजनीतिक दल में शामिल नहीं हो रहा हूं।’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र की आर्थिक नीतियों की आलोचना पर रघुराम राजन ने कहा कि वह मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के भी आलोचक थे।
राजस्थान में कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुए थे रघुराम राजन
14 दिसंबर को राजस्थान में कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा में भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन भी शामिल हुए थे। इस यात्रा के दौरान वो कुछ दूर तक राहुल गांधी के साथ चले थे। राहुल गांधी के साथ रघुराम राजन की तस्वीर पोस्ट करते हुए कांग्रेस ने फेसबुक पर लिखा था, ‘भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी के साथ कदम मिलाते आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन नफरत के खिलाफ देश जोड़ने के लिए खड़े होने वालों की बढ़ती संख्या बताती है कि हम होंगे कामयाब।
आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन को कांग्रेस का करीबी माना जाता है
बता दें, रघुराम राजन को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का गवर्नर उस समय बनाया गया था, जब देश में कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए की सरकार थी और मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे। राजन को कांग्रेस का करीबी माना जाता है। रघुराम राजन ने चार सितंबर 2013 को भारतीय रिजर्व बैंक के 23वें गवर्नर का कार्यभार संभाला था। तीन साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद वो एकेडमिक्स की दुनिया में लौट गए। हालांकि उन्होंने कहा था कि देश को जब भी मेरी जरूरत होगी, वो अपनी सेवाएं देने के लिए तैयार हैं।