मुख्यमंत्री के ढाई साल फ़ार्मूले की धज्जियाँ उड़ा रहे एस डी एम बिलासपुर….मनचाहा पोस्टिंग और मलाईदार हल्का मिला पटवारियों को….मनचाहा पोस्टिंग पाने पटवारियों ने भी की थी एड़ी चोटी का एक…
बिलासपुर : मुख्यमंत्री के के द्वारा जारी किए गए ढाई साल फ़ार्मूले और कलेक्टर सारश मित्तर के जाते ही धज्जियाँ उड़ानें लगे हैं नये नवेले एसडीएम बिलासपुर – बिलासपुर में बिलासपुर तहसील की अव्यवस्थाओं से कौन परेशान नहीं है। ऐसा कोई शख़्स नहीं है जिसका सामना बिलासपुर तहसील के अधिकारियों कर्मचारियों से न हुआ हो और वह परेशान न हुआ हो। फ़िलहाल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के ढाई साल से एक ही जगह जमे हुए पटवारियों का ट्रांसफ़र कलेक्टर सारांश मित्तर के आदेश से एसडीएम ने हाल फ़िलहाल छह माह पहले ही जारी किया था। इन शहरी पटवारियों को ग्रामीण क्षेत्र गए हुए अभी फ़िलहाल छःमाह भी नहीं हुए हैं कि 29 जून को पिछले दिनांक में अपनी मर्जी से एसडीएम तुलाराम भारद्वाज ने …पटवारियों का ट्रांसफ़र आदेश निकाल दिया है जिसमें छह माह पहले ही मोपका से ट्रांसफ़र हुए पटवारी आलोक तिवारी को फिर से वापस मोपका में पदस्थापना दे दी गई है। जबकि यह सीधे सीधे मुख्यमंत्री के उस आदेश की धज्जियाँ उड़ाने वाली बात है। मुख्यमंत्री के आदेश को छह माह भी बरकरार नहीं रख सके एस डी एम बिलासपुर।हम आपको बता दें कि आलोक तिवारी पर मोपका में भोंदूदास प्रकरण से लेकर कई सरकारी ज़मीनों में फ़र्जीवाड़ा के आरोप लग चुके हैं। मोपका में कई-कई अरब के ज़मीन घोटाले की जाँच लम्बित है। बहरहाल यह सोचने का विषय हो गया कि एसडीएम को ऐसा क्या जल्दबाज़ी हो गया था कि वह रसूखदार पटवारियों को एक साल भी जंगल में नहीं रख सके।बहरहाल यह ट्रांसफर एक बार फिर से विवादों में बन गया है। जिसकी वजह से सुर्खियों में आ गया है।दरसल आपको बता दे कि शहर में ऐसे कई हल्का है जो मलाईदार है और जहां पर जाना हर पटवारी की चाह होती है। यही कारण रहता है कि एसडीएम के आगे पीछे घूमकर अपनी पोस्टिंग करवा लेते है। और जरूरत के हिसाब से चढ़ावा भी चढ़ा दिया जाता है। भले ही बिलासपुर तहसील के मालिक एसडीएम है और उनका अधिकार क्षेत्र है लेकिन यहां पर जो काम किया जा रहा है वह नियमो को ताक में रखकर किया जा रहा है। सूत्र तो यह भी बताते है कि मनचाहा पोस्टिंग के लिए चढ़ावा तक दिया गया है। सूत्र बताते है कि तबादला आदेश कोई बहुत बड़ी बात नही है और न कभी होगा लेकिन जिस अंदाज और जिस तरीके से हो रहा है वह सुर्खियों में बना हुआ है। और राजस्व विभाग एक बार फिर से सुर्खियों में आ गया है।